झारखंड के संसदीय इतिहास की पहली घटना, सत्र के पहले ही दिन नेता प्रतिपक्ष की सीट रही खाली..

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

झारखंड के संसदीय इतिहास की पहली घटना, सत्र के पहले ही दिन नेता प्रतिपक्ष की सीट रही खाली..

रांचीः झारखंड विधानसभा बजट सत्र 28 फरवरी से शुरू हो चुका है। बजट सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा। कुल18 दिनों तक चलने वाले बजट सत्र में बीजेपी अपने विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को मान्यता दिलाने की जद्दोजहद में लगी रही, फिलहाल गेंद स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो के पाले में है।

स्पीकर को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए: भाजपा

झारखंड के संसदीय इतिहास में यह पहला मौका था, जब विधानसभा की कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष की सीट खाली थी। गौरतलब है कि प्रमुख विपक्षी दल भाजपा द्वारा घोषित किए गए विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की जानकारी विधानसभा सचिवालय को दिए जाने के बावजूद, विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। दरअसल जेवीएम के बीजेपी में विलय को लेकर कुछ कानूनी पेंच है, जिसका निर्णय विधानसभा अध्यक्ष को लेना है। वहीं इस पूरे मामले में बीजेपी आक्रामक है। बीजेपी का कहना है कि स्पीकर को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए। बाबूलाल मरांडी नें इस पूरे मामले पर कहा कि फ़ैसला स्पीकर को लेना है। इसपर मैं ज्यादा कुछ नहीं बोल सकता हूँ।

इस पूरे मामले पर कांग्रेस कोटे से मंत्री बने बन्ना गुप्ता नें कहा कि बाबूलाल जी प्रतिपक्ष के नेता होंगे या नहीं ये स्पीकर को तय करना है। जहां तक सदन चलनें की बात है तो मुझे उम्मीद है विपक्ष सदन चलनें में सहयोग करेगा।

बहरहाल प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी होंगे या नहीं ये स्पीकर को तय करना है, लेकिन इस मामले को लेकर बीजेपी जिस तरह अक्रामक है, इसे देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि बजट सत्र काफी हंगामेदार रहनें वाला है।

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