मनरेगा आयुक्त को हटाने की मांग को लेकर प्रखंड कार्यालय मे दिया गया धरना…

0
4

रिपोर्ट- वसीम अकरम…

रांचीः मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी को पद से हटाने, उनके कार्यालय की जांच एसीबी से कराने की मांग को लेकर गुरुवार को कांके प्रखंड कार्यालय के समक्ष झारखंड छात्र संघ व आमया संगठन के पदाधिकारियों ने सांकेतिक प्रर्दशन किया और मुख्यमंत्री के नाम बीडोओ को मांग पत्र सौंपा।

नेतृत्व कर रहे छात्र संघ के प्रखंड अध्यक्ष जियाउद्दीन अंसारी ने कहा कि वन सेवा के अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी को नियमविरद्ध तरीके से पिछले सरकार ने आयुक्त बना दिया था, जो पांच वर्षों से उस पद पर पदस्थापित हैं। सिद्धार्थ त्रिपाठी मनरेगा अधिनियम 2005 की धज्जियां उड़ाते हुए ग्रामसभा को दरकिनार कर उपर से योजनाएं थोप रहे हैं। मांग आधारित मनरेगा योजना, जिसमें कल्याणकारी योजनाओं का चयन ग्रामीणों द्वारा किया जाता था, उसे समाप्त कर लक्ष्य आधारित बनाकर मानव दिवस सृजन के नाम पर ऐसी योजनाएं थोपी जा रही है, जिससे लाभुक व ग्रामीणों को लाभ नही मिल रहा है। इससे सरकारी राशि का दुरूपयोग और बंदरबाट भी हो रहा है।

डोभा योजना में अनेकों बच्चे डूबकर काल के गाल में समा चुके हैं। बिरसा हरित ग्राम योजना में लूट हुआ है, पौधे व खाद की खरीदारी करीबी एजेंसी से तीन गुणा अधिक कीमत में किया गया है, जो घाटिया स्तर का था।

मनरेगा वार्षिक व्यय के 06% प्रतिशत आकास्मिक राशि में से 40-55 प्रतिशत राशि कर्मचारियों के वेतन भुगतान में खर्च होता है। बाकि बचे राशि किस मद में खर्च होता है उसका कोई हिसाब नही रहता है।

मनरेगा अधिनियम के अनुसार सोशल ऑडिट ना करवा कर आयुक्त ने गलत तरीके से गुरजीत सिंह को राज्य समन्वयक बनाकर जेएसएलपीएस द्वारा ऑडिट करवा रहे है। वही मनरेगा कर्मियों का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जा रहा हैं।

कार्यक्रम में आमया के उपाध्यक्ष मो. फुरकान, छात्र संघ के महासचिव रंजीत उरांव, शामी अहमद, सालेह सईद, समी अहमद, हिफजूल अंसारी, आसिफ अंसारी,  इनायत, इमरान, अख्तर, शमशेर, अहमद, सोएब, राजेश लोहरा, इमरान हाशमी, साजिद अंसारी, इत्यादि शामिल थें।

Leave A Reply

Your email address will not be published.