खलारी अंचलाधिकारी पर गंभीर आरोप, तीसरे दिन भी तबादले की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी…

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रिपोर्ट- मुमताज अहमद…

रांचीः खलारी अंचलाधिकारी रवि किशोर राम के तबादले की मांग को लेकर जिला परिषद सदस्य रतिया गंझू का अनिश्चितकालीन धरना प्रखंड कार्यालय के समक्ष तीसरे दिन भी जारी रहा। इस धारने में प्रखण्ड प्रमुख सोनी तिग्गा, विभिन्न पंचायतो के मुखिया, जनप्रतिनिधि औ ग्रामीण भी शामिल हैं।

जिप सदस्य रतिया गंझु और धरने पर बैठे जनप्रतिनिधियों की मानें तो अंचलाधिकारी के कार्यकाल में प्रखंड में सक्रीय जमीन दलालों की चांदी कट रही है। इन दिनों अंचलाधिकारी कार्यालय में सिर्फ जमीन दलाल ही दिखाई पड़ते हैं, उन्हें बैठने के लिए कार्यालय में कुर्सी मुहैया करवाया जाता है और आम जनता जो अपनी समस्या लेकर अंचल कार्यालय जात हैं, उन्हें डांट कर भगा दिया जाता है। कई कई ग्रामीण ऐसे हैं जिनका काम दो साल में भी पूरा नही हो पाया है। अंचल कार्यालय में सिर्फ भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है।

रतिया गंझु ने आगे बताया कि हद तो तब हो जाती है जब 30 वर्षों का लगान एक ही बार में काट दिया जाता है। मामला खलारी स्थित बुकबुका गाँव का है। यहां खाता नम्बर 4 का प्लाट नम्बर 37 ,46 ,57,58 तात्कालीन रैय्यत बलदेव महतो ने छोटानागपुर महाराजा को सरेन्डर कर दिया गया था, जो 1950 में जमींदारी प्रथा खत्म होने के बाद राज्य सरकार के अधीन हो गई थी। वर्तमान में इस जमीन की कीमत करोडों में है। इसे देखते हुए भू-माफियाओं ने खलारी सी. ओ. को मैनेज कर एक ही साथ पीछले 30 वर्षो की रशीद 22 जनवरी 2020 को कटवा लिया। जबकि 1935 के बाद इस जमीन का कोई भी रशीद नहीं कटा था। आखिर 85 सालो के बाद एक ही साथ 30 सालों की रशीद कैसे काट दी गई, इस सवाल का खलारी सीओ के पास कोई जवाब नही है।

जिप सदस्य रतिया गंझू ने कई बार अंचलाधिकारी से ग्रामीणों की समस्या को लेकर बात करनी चाही, लेकिन हर बार उन्होंने नकारात्मक रवैया अपना जिससे नाराज हो कर जिप सदस्य रतिया गंझु ग्रामीणों के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा है कि जब तक अंचलाधिकारी का तबादला कहीं और नहीं कर दिया जाता है, उनके खिलाफ धरना कार्यक्रम जारी रहेगा।

अनिश्चितकालीन धरना में मुखिया सोमरी राम, संजय आइंद, रामो देवी, मानसी देवी,  उप-प्रमुख एतवा महतो, पंसस सिन्नी समाट, मुन्ना देवी, नेमिया देवी, सीमा देवी, अमित मुण्डा, समेत दर्जनों जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजुद रहें।

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