अंतर्राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर, आमया ने जारी किया 15 सूत्री न्याय मांग पत्र.

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रिपोर्ट- वसीम अकरम…

रांचीः देशभर में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे धार्मिक उत्पीड़न, भेदभाव, ऐतिहासिक धरोहरों पर अवैध दावेदारी और सरकार द्वारा बनाए जा रहे असंवैधानिक कानूनों के खिलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर, आमया संगठन द्वारा राजधानी रांची के कडरू स्थित हज हाउस के समक्ष न्याय प्रर्दशन किया गया।

न्याय प्रदर्शन के दौरान अल्पसंख्यकों का पक्ष रखते हुए आमया के केन्द्रीय अध्यक्ष, एस अली ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चंपई सोरेन के नाम झारखंड के (अल्पसंख्यक) मुस्लिमों के हित से जुड़े 15 सूत्री मांग न्याय पत्र जारी किया। न्याय पत्र के माध्यम से अली ने कई गम्भीर मुद्दों को उठाया और इस पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया।

15 सूत्री मांग न्याय पत्र की मुख्य बातें इस प्रकार हैः

(1) मॉबलिंचिंग में मृतक परिवार को न्याय और पुनर्वास के साथ लिंचिग रोकने हेतु सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कानून बनाए जाएं।

(2) सोशल मीडिया में धार्मिक टिप्पणी कर समुदाय विशेष को आहत करने वाले के खिलाफ़ कानून बनाए जाएं।

(3) आबादी के अनुरूप सरकारी और निजी नौकरियों में मुसलमानों की भागीदारी सुनिश्चित हो।

(4) भैंस-काडा पशु की खरीद बिक्री एवं मांस के कारोबार में महाराष्ट्र, यूपी के तर्ज पर कानून बनाए जाएं।

(5) मुस्लिमों के भूमि की अवैध खरीद-बिक्री और फर्जीवाड़ा से संबंधित मामलों की सुनवाई फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट से हो।

(6) विश्वविधालय, जैक, आयोग,  बोर्ड, निगम और दूसरे संस्थानों में मुसलमानों की भागीदारी सुनिश्चित हो।

(7) उर्दू शिक्षकों की बहाली में आरक्षित पदों को विलोपित कर पिछड़ा व समान्य जाति के महिलाओं के लिए सुरक्षित करें।

(8) 4401उर्दू शिक्षक के बचे 3700 पदों को स्नातक, टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से भरा जाये।

(9) 2018 में हाईकोर्ट के आदेशानुसार +2 विधालयों में उर्दू शिक्षकों के पद सृजित कर नियुक्ति की जाए।

(10) मदरसा आलिम और फाजल की परीक्षा रांची विश्वविद्यालय से आयोजित करवाई जाए।

(11) 43 अनुदानित मदरसों का अनुदान बढ़ाने और गैर-अनुदानित 544 मदरसों को अनुदान से जोड़ा जाये।

(12) अल्पसंख्यक निदेशालय और जिला अल्पसंख्यक कार्यालय बनाने।

(13) प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम में मुसलमानों की भागीदारी सुनिश्चित हो।

(14) प्रधानमंत्री 15 सूत्री कार्यक्रम, एसपीक्यूईएम, नई रौशनी, सीखो और कमाओ, नावडको जैसी योजनाओं का सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

(15) वक्फ सम्पत्तियों को अतिक्रमण मुक्त करवाने एवं वक्फ अधिनियम 67 का अनुपालन बोर्ड के सीईआई द्वारा करवाई जाए।

इस मौके पर आमया संगठन के लतीफ़ आलम, मो नौशाद, मो फुरकान, जियाउद्दीन अंसारी, एकराम हुसैन, अरशद जिया, अबरार अहमद, अंजर आलाम, मोईज अहमद, तहमीद अंसारी, मंजूरी आलम, इमरान अंसारी, अब्दुल रहीम, मो आसीफ, अफजल खान, जावेद अख्तर, अब्दुल बारीक, मो सईद, आसिफ रूहहुल्ला, अलाउद्दीन, अफताब गद्दी, अंजुम खान, औरंगजेब आलाम, रियाजुल अंसारी, फजलूल कदीर, मोदस्सीर अहरार, अफसर आलम, शेख शमीम, मो मुजाहिद आदि शामिल रहें।

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