कोरोना महामारी के विकराल रुप को देखते हुए, झारखंड जनाधिकार महासभा की सरकार से मांग….

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रिपोर्ट- ताजा खबर झारखंड ब्यूरो…

रांचीः कोरोना महामारी काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है, लेकिन केन्द्र सरकार बंगाल चुनाव और कुंभ मेला के आयोजन में जुटी हुई है। केऩ्द्र सरकार पूर्व की तरह इस बार भी कोरोना को काफी हल्के में ले रही है, जबकि इस बीमारी के कारन देशभर में अब तक लाखों लोग काल के गाल में समा चुके हैं। कई राज्यों में अस्पतालों में बेड की कमी है, जिसकी वजह से संक्रमित मरीजों का ईलाज संभव नही हो पा रहा है, मरीज की मौत एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का चक्कर लगाने के दौरान ही हो जा रही है।

पिछले वर्ष की कोरोना महामारी से भी सरकार ने कोई सीख नहीं लीः

झारखंड समेत देश के कई अन्य राज्यों में फिर से टेस्टिंग किट की कमी, अस्पताल में ऑक्सीजन व बेड की कमी, OPD बंद कर देना आदि जैसी समस्यां दिख रही है। ऐसा प्रतीत हो रह है मानों पिछले वर्ष की कोरोना महामारी के अनुभव से भी सरकार ने कोई सबक नहीं लिया है। पिछले एक वर्ष में सार्वजानिक स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ नहीं किया गया। केंद्र सरकार ने इस वर्ष के बजट में भी इस ओर खास प्रावधान नहीं किया, जो काफी चिंताजनक है। वाहवाही लूटने के चक्कर में केंद्र सरकार ने देश में बने हुए टिका को अन्य देशों में भेज दिया जबकि भारत देश में केवल 1% आबादी को ही टीका लग पाया है। वर्तमान में झारखंड की स्थिति काफी भयावह है। राज्य में हर पांच दिन में कोरोना संक्रमितों की संख्या दोगुणी होते जा रही है।

कोरोना की बढ़ती लहर में झारखंड समेत अन्य राज्यों ने कई प्रकार की पाबंदियां लगायी है, जिससे अर्थव्यवस्था और ख़राब होने की संभावना है, फिर से भूखमरी की स्थिति बढ़ेगी। दूसरी ओर सरकार के गोदामों में अब तक का सबसे अधिक अनाज (बफर मात्रा का 3.5 गुना – 772.33 लाख टन) जमा हो चुका है। कई राज्यों से सूचना मिल रही है कि रोज़गार के अभाव एवं महामारी की अनिशचिंतता के कारण प्रवासी मज़दूर फिर से अपने गाँव वापस आने के लिए बेताब हैं। ट्रेनों की संख्या सीमित होने के कारन खचा-खच भीड़ शुरू हो गयी है।

झारखंड जनाधिकार महासभा, महामारी की दूसरी लहर से लड़ने के लिए केंद्र व झारखंड सरकार से निम्नलिखित मांग करती है:

1)टीकाकरण की गति को अविलंब कम-से-कम तीन गुणा किया जाए। टीका उत्पादन में वृद्धि की जाए और टीकाकरण की आवश्यकता का व्यापक प्रचार-प्रसार की जाए। शहरी बस्तियों में जांच, टीकाकरण व स्वास्थ्य शिविर लगायी जाए, साथ ही व्यापक पैमाने पर आरटी-पीसीआर जांच की जाए। ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाकर आक्सीजन की पूर्ण उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। नागरिकों को ऑक्सीजन चढ़ाने की तत्काल ट्रेनिंग दी जाए।

2)अस्पतालों में बेड की संख्या, दवा व मेडिकल स्टाफ की युद्धस्तर पर व्यवस्था की जाए, साथ ही ये सुनिश्चित की जाए कि हर स्तर के स्वास्थ्य केन्द्रों व निजी अस्पतालों में अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए OPD व्यवस्था सुचारू रहे। राज्य सरकार फिर से पंचायत-प्रखंड स्तर पर क्वारंटीन सेंटर को सुचारू करे।

3)बिना विलम्ब सार्वजानिक स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए बजट आवंटित किया जाए। 

4)राज्य सरकार पूर्ण लॉकडाउन किसी भी परिस्थिति में न लगाए। आर्थिक गतिविधियों को यथासंभव चालू रखा जाए। मुख्यमंत्री शहरी श्रमिक रोज़गार योजना के लिए पर्याप्त बजट आवंटित कर कार्यान्वित किया जाए। मनरेगा अंतर्गत हर गाँव में तुरंत पर्याप्त संख्या में कच्ची योजनाओं को कार्यान्वित किया जाए। कृषि उत्पादों, सब्जी आदि के बिक्री हेतु आवागमन पर किसी प्रकार की रोक न लगे, ये सुनिश्चित किया जाए।

5)सरकार सार्वजनिक स्थानों में मास्क व आपसी दूरी सुनिश्चित करे एवं इसके आवश्यकता पर व्यापक प्रचार-प्रसार करे। वैसे सभी आयोजन, जहाँ आपसी दुरी व मास्क सुनिश्चित करना संभव न हो, उनपर रोक लगे। अगर ऐसी आयोजन हो, तो लोगों पर पुलिसिया दमन के बदले, मौके पर सशुल्क आरटी-पीसीआर जांच करवाने के साथ मास्क दी जाए और आयोजन को रोकी जाए।

6)केंद्र सरकार जन वितरण प्रणाली को अविलंब ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी बस्तियों के लिए सार्वजानिक करें, ताकि सभी छूटे परिवारों को अनाज मिल सके। राज्य सरकार दाल-भात केन्द्रों को पूर्ण रूप से सुचारू करें। स्थानीय प्रशासन व राशन डीलरों को स्पष्ट निर्देश हो कि अगर कोई भी ज़रूरतमंद व्यक्ति अनाज मांगे (चाहे राशन कार्ड हो या नहीं), उन्हें निःशुल्क अनाज दिया जाए। आंगनवाड़ी केन्द्रों को बंद न किया जाए। केन्द्रों में आपसी दूरी व मास्क सुनिश्चित करते हुए बच्चों, गर्भवती महिलाओं व बुजुर्गों के लिए भोजन/सूखा अनाज की व्यवस्था की जाए।

7)राज्य सरकार दैनिक मज़दूरों, रिक्शा चालकों, घरेलु कामगारों, कचड़ा चुनने वालों व सफाई कर्मचारियों को महामारी के दौरान निःशुल्क अनाज व आय में सहयोग दे।

8)राज्य सरकार प्रवासी मज़दूरों सम्बंधित जानकारी, जैसे किस राज्य में कितने मज़दूर गए हैं, ज़िला-वार सूचि आदि को सार्वजानिक करे, साथ ही प्रवासी झारखंडी मज़दूरों के हित को सुनिश्चित करने के लिए हेमंत सोरेन सरकार अन्य राज्यों को पत्र लिखे।

9)आपसी दूरी व मास्क सुनिश्चित करते हुए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को पूर्ण रूप से चालू रखा जाए। ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए। बसों और ट्रेनों में यात्रियों के बैठने से पूर्व वाहनों को सैनिटाईज किया जाए। हर बस स्टैंड व स्टेशन पर जांच की व्यवस्था की जाए।

10)केंद्र सरकार PM Cares निधि का तुरंत सार्वजानिक स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए इस्तेमाल करे एवं उससे सम्बंधित जानकारी को सार्वजानिक करे। राज्य सरकार महामारी सम्बंधित एक वेबसाइट बनाए जिस पर महामारी से सम्बंधित सभी सरकारी आदेश, अधिसूचना, हेल्पलाइन, दैनिक टेस्टिंग व टीकाकरण रिपोर्ट, सरकारी व्यय आदि उपलब्ध हो।

11)राज्य में पर्याप्त आजीविका के साधन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार लम्बी रणनीति बनाएं, ताकि रोज़गार की तलाश में लोगों को पलायन न करना पड़े। लैंड बैंक की नीति को रद्द की जाए, प्राकृतिक संसाधनों पर पूर्ण स्वामित्व मिले, वनाधिकार कानून के तहत सामुदायिक वन आधिकार और सामुदायिक वन संसधानों के अधिकार के दावों को अविलम्ब दिया जाए, लघु वनोपज आधारित आजीविका का संवर्धन हो और खेती, खास कर सामूहिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाए।

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