गिरिडीह के पिंड़ाटांड पंचायत में 10 में से 9 जलमीनार पड़ा है खराब, पेयजल के लिए मचा हाहाकार…

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रिपोर्ट: संतोष तिवारी, गिरिडीह…

ग्रामीणों ने प्रखंड कर्मियो पर लगाया  जलमीनार निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप।

ग्रामीण पानी के लिए सड़क पर उतर कर करेंगे आंदोलन।  

गिरिडीहः गर्मी के दस्तक के साथ ही गिरिडिह जिला के सदर प्रखंड स्थित पिंडाटांड़ पंचायत में पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई है। लोगों को लंबी दुरी तय कर साईकिल से या ढो कर पानी लाना पड़ रहा है। पिंडाटांड पंचायत में वित्तिय वर्ष 2017-18 में 14वें वित्त आयोग के मद से कूल 10 जलमीनार का निर्माण करवाया गया था, जिसमें से 9 जल मीनार वर्तमान में खराब पड़ा है यूं कहें की लाखों रुपये खर्च कर बनाया गया जल मीनार वर्तमान में सफेद हांथी साबित हो रहा है।

जल मीनार निर्माण में हुआ है भ्रष्टाचारः ग्रामीण

स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि खराब पड़े जलमीनार को बनाने में भी लाखों खर्च किया गया, लेकिन इसका ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मीला। जलमीनार निर्माण के दौरान घटिया सामाग्रियों का उपयोग किया गया है। 10 जल मीनार के निर्माण में प्रखंड के अधिकारी और स्थानीय पंचायत जन प्रतिनिधियों ने 14वें वित्त आयोग की राशी का बंदरबाट किया है, जिसकी जांच होनी चाहिए। ग्रामीणों ने ये भी बताया कि पानी के लिए हमलोगों को काफी लंबी दूरी तय करना पड़ता है। कई बार पानी के लिए लोग आपस में ही मारपीट करने लगते हैं। मारपीट में कई लोग घायल भी हो चुके हैं।

देख कर भी अनजान बने हुए हैं पंचायत के मुखियाः

पानी की किल्लत झेल रहे लोग बताते हैं कि इस बाबत कई बार मुखिया से शिकायत किया गया है, लेकिन इस पर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। मुखिया हर दिन राह चलते सफेद हाथी साबित हो रहे जल मीनार को निहारते हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई लेना देना नहीं है।

मुखिया प्रतिनिधि ने पूर्व मुखिया पर फोड़ा ठिकराः

इस बाबत पिंडाटांड़ के मुखिया प्रतिनिधि विश्वनाथ वर्मा ने कहा कि सभी जलमीनार का निर्माण पूर्व मुखिया के कार्यकाल में हुआ था, जो कहीं कहीं खराब है, फिर भी जल्द से जल्द इसे दुरुस्त करने का प्रयास किया जाएगा।

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