राज्य समन्वय समिति की बैठक में सरकार को दिये गए महत्वपूर्ण सुझाव, कूल 12 बिन्दुओं पर हुई विशेष चर्चा…

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

कुल 12 बिंदुओं पर हुई चर्चा।

स्थानीय नीति, नियोजन नीति, ओबीसी आरक्षण बिल, मॉब लिंचिंग विधेयक जो राजभवन द्वारा लौटा दिया गया था, उसमें कुछ सुधार कर फिर से राजभवन भेजे जाने का निर्णय लिया गया।
कैबिनेट और विधानसभा से पारित सरना धर्म कोड़ विधेयक, जो केंद्र के पास लंबित है,  उसे लागू करवाने के लिए राष्ट्रपति से मुलाकात करने का लिया गया निर्णय।
नेता प्रतिपक्ष नहीं रहने के कारण जिन आयोगों का गठन अब तक नहीं हो पा रहा है, उसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का दिया गया सुझाव।
बिजली की पर्याप्त आपूर्ति के लिए टीवीएनएल के विस्तारीकरण का दिया गया सुझाव।
विभिन्न परियोजनाओं के लिये अधिग्रहित जमीन के रैयत और प्रभावितों को अविलंब लाभ दिया जाये।   
रांचीः शनिवार को राज्य समन्वय समिति की बैठक समिति के अध्यक्ष शिबू सोरेन के आवास पर हुई। बैठक में समिति के सभी सदस्य मौजूद रहें। बैठक में कुल 12 बिंदुओं पर चर्चा हुई इस। राज्य समन्वय समिति के सदस्यो ने बताया कि, सरकार द्वारा जो फैसले लिए जाते हैं, वो जन भावना के अनुरूप होते हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी कभी हाईकोर्ट के सहारे तो कभी राजभवन के सहारे उन फैसलों पर अड़ंगा लगवाती है। बीजेपी जनता की मांग को पुरा होते देखना नहीं चाहती है, क्योंकि जनता की मुख्य मांगों पर अड़ंगा लगाकर बीजेपी राजनीति करना चाहती है और कर रही है।
बैठक में समिति के सदस्यों ने सरकार को परामर्श दिया है कि, स्थानीय नीति, नियोजन नीति, ओबीसी आरक्षण बिल, मॉब लिंचिंग विधेयक जो राजभवन द्वारा लौटा दिया गया है, उसमें कुछ सुधार कर फिर से राजभवन भेजा जाए। समन्वय समिति ने सरकार द्वारा कैबिनेट और विधानसभा से पारित सरना धर्म कोड़ विधेयक, जो केंद्र के पास लंबित है,  उसे लागू करवाने के लिए राष्ट्रपति से मुलाकात कर लागू करने की मांग रखी जाए।
बैठक में विपक्ष के नेता नहीं रहने के कारण जिन आयोगों का गठन अब तक नहीं हो पा रहा है, उसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था निकालने का सुझाव दिया गया, साथ ही राज्य में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति के लिए टीवीएनएल के विस्तारीकरण का भी सुझाव दिया गया।

समन्वय समिति के सदस्यों के जिला भ्रमण के दौरान अधिकारियों का सहयोग चाहिए, इस लिए सरकार अधिकारियों को निर्देश दे कि अधिकारी, समन्वय समिति के सदस्यों को सहयोग करे। समिति ने सरकार को यह परामर्श दिया कि, झारखंड में जिस किसी भी जिले में विभिन्न परियोजनाओं के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाता है, वहां भू-रैयतों को अविलंब लाभ दिया जाये। विस्थापितों की मदद के लिए जिलों में गठित समिति की बैठक को हर 3 महीने में अनिवार्य रूप से करवाया जाए।

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