खूंटी में महंगे साल वृक्षों की अवैध कटाई जारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, वन अधिकारी और पुलिस मौन….
रिपोर्ट- संजय वर्मा…
स्थानीय जनप्रतिनिधियों को है जंगल कटाई की जानकारी, फिर भी धारण किए हुए हैं मौन।
लकड़ी तस्कर और अधिकारियों पर ग्रामीण लगा रहे है मिली भगत का आरोप।
मुखिया ने कहा, अवैध काम रोकना संबंधित विभाग और पुलिस का काम।
मामले में खूंटी डीएफओ ने फोन रिसीव करना मुनासिब नही समझा।
जरिया(कर्रा प्रखंड)वन प्रक्षेत्र के रेंजर का विभागीय मोबाईल नंबर है बंद।
कर्रा थाना प्रभारी ने लकड़ी तस्करी मामले में पल्ला झाड़ा।
रांचीः जंगल में हो रहे वृक्षों के कटाई की ये आवाज दूर दूर तक गूंज रही है। साल के पेड़ों की ये अवैध कटाई खूंटी जिला, कर्रा प्रखंड अंतर्गत जरिया वन क्षेत्र स्थित बजरंगा पंचायत के पहाड़ टोली के लगभग 1145.26 एकड़ भू-भाग में फैले जंगल में हो रही है। लेकिन इस ओर ना ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान है और ना ही संबंधित विभाग ही इस ओर कोई ध्यान दे रहा है।
ग्रामप्रधान और पंचायत जनप्रतिनिधियों को है जंगल कटाई की जानकारीः स्थानीय ग्रामीण
जंगल में लंबे समय से हो रहे साल के वृक्षों की अवैध कटाई के बारे में जब ताजा खबर झारखंड की टीम ने पड़ताल की, तो कई चौंकाने वाले तथ्य निकल कर सामने आई। नाम नही छापने की शर्त पर स्थानीय लोग जो लंगल की कटाई से नाखुश हैं, उन्होंने बताया कि साल के वृक्षों की कटाई का काम यहां पिछले तीन-चार सालों से जारी है। गांव के जनप्रतिनिधियों ने कभी भी इस अवैध कार्य को रोकने का प्रयास नहीं किया। कई बार जनप्रतिनिधियों को लकड़ी माफिया के साथ बातचीत करते हुए भी देखा गया है। वनपाल को भी यहां हो रहे जंगल कटाई की जानकारी है, लेकिन देख कर भी अंजान बने रहते हैं। जंगल में लगभग 10-12 मजदूर हमेशा वृक्षों की कटाई करते रहते हैं। सप्ताह में दो दिन रात के 11-12 बजे एक ट्रक जंगल में प्रवेश करती है और साल के सभी बोटों को लेकर कर्रा की ओर चली जाती है, ये लकड़ी कहां भेजा जाता है इसकी जानकारी हमलोगों को नही है। जंगल कटाई की जानकारी ग्राम प्रधान से लेकर सभी स्थानीय जन प्रतिनिधियों को है, लेकिन किसी ने भी इस अवैध धंधे को रोकने का प्रयास अब तक नही किया है।
1145.26 एकड़ भू-भाग में फैला है साल का जंगलः
स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो मुंडा बहुल बंबरजा पंचायत के पहाड़ टोली में सिर्फ मुंडा आदिवासी ही रहते हैं। इस गांव में कूल 110 घर है। पहाड़ टोली का ये जंगल 1145.26 एकड़ में फैला हुआ है, जो खूंटकटी जमीन है। यहां हमारे पूर्वजों ने वृक्षारोपण कर सालों साल तक वृक्षों की रक्षा की है और हमलोग भी अपने जंगल को बचाना चाहते हैं, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि लकड़ी तस्कर और अधिकारियों की साठगांठ के कारन हम लोग विरोध नही कर पा रहे हैं।
जंगल से सुखी लकड़ी चुनने पर वनपाल केस करने की धमकी देते हैः स्थानीय महिला
स्थानीय महिलाओं ने बताया कि, जब हमलोग सुखी लकड़ी चुनने के लिए जंगल जाते हैं, तो वनपाल हम लोगों केस करने की धमकी देते हैं और डांट कर भगा देते हैं, लेकिन जंगल में जो लोग बड़े-बड़े पेड़ों की कटाई कर रहे हैं, उन लोगों को कुछ भी नही बोलता है। वनपाल उनलोगों के साथ बैठ कर खैनी खाता है।
मुझे हो रहे जंगल कटाई की जानकारी नही हैः रंजीता, मुखिया, बंबरजा पंचायत, कर्रा प्रखंड
पहाड़ टोली के जंगल में हो रहे जंगल कटाई के बारे में “ताजा खबर झारखंड” के संवाददाता ने पंचायत की मुखिया रंजीता से फोन लाईन पर बात की। मुखिया, रंजीता ने जंगल कटाई मामले पर अनभिज्ञता जाहीर करते हुए कहा कि मुझे हो रहे जंगल कटाई की कोई जानकारी नही है। जब मैने पुछा की आप कहां रहती है, जो आपके पंचायत की जानकारी आपको नही है। इस पर उन्होंने कहा कि मैं बंबरजा पंचायत में ही रहती हूं, लेकिन कभी भी ग्राम प्रधान या अन्य लोगों ने मुझे जानकारी नही दी। जब मैने कहा कि आप कैसी मुखिया हैं जो आपको अपने पंचायत की जानकारी नही है। इस पर मुखिया रंजीता थोड़े गुस्से में बोली कि अगर ऐसा हो रहा है, तो ये रोकना वन विभाग और पुलिस का काम है। पास में ही टीओपी और कर्रा थाना है, वन विभाग का कार्यालय है, ये लोग कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। इस पर मैंने कहा कि क्या आपकी ड्यूटी नहीं है कि आप अपने स्तर से कार्रवाई करते या संवंधित विभाग को कार्रवाई के लिए लिखतें। इस पर मुखिया ने कहा कि आप मुझे फोटो और वीडियो भेजिए, जिसके बाद मैने उनके द्वार दिए गए नः 9570823969 पर फोटो और वीडियो भेजने के बाद सवाल किया कि अब आप बताऐं आप अपने स्तर से क्या एक्शन लेंगी? इस पर उन्होंने कहा कि आप ग्राम प्रधान, बान सिंह मुंडा से भी बात किजिए।
मुझे जानकारी नहीं हैः थाना प्रभारी, कर्रा
बंबरजा पंचायत अनतर्गत बिरदा होते हुए साल का बोटा लोड कर ट्रक सप्ताह में कम से कम दो दिन कर्रा थाने के मुख्य गेट के सामने से हो कर रात के 11-12 बजे के बीच खूंटी की ओर गुजरती है। लेकिन इसकी जानकारी कर्रा थानेदार को नहीं है, जबकि कर्रा थाने की पुलिस रात के समय कर्रा प्रखंड अंतर्गत मुख्य सड़को में गश्त करती है। इस मामले में थाना प्रभारी ने फोन लाईन पर पुछे गए सवाल पर कहा कि हमरा जानकारी नहीं है।
डीएफओ खूंटी ने जंगल कटाई का फोटो व्हाटसएप्प किए जाने के बावजुद, ना ही कोई जवाब दिया और ना ही विभागीय या पर्सनल फोन पर फोन करने पर फोन ही रिसीव कियाः
इस पुरे मामले पर डीएफओ खूंटी, कूलदीप मीणा से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने ना ही व्हाट्सएप्प पर भेजे गए फोटो और मैसेज का कोई जवाब दिया और नही ही विभागीय और उनके पर्सनल फोन पर किए गए फोन कॉल को रिसीव किया, जिससे पता चलता है कि डीएफओ खूंटी, मीडिया के समक्ष अपनी जवाबदेही से बचते नजर आ रहे हैं। या फिर ये पुरा मामला पहले से ही उनकी नजर में है और वे मौन धारन कर लकड़ी तस्करी को बढ़ावा दे रहे हैं।
वहीं कर्रा प्रखंड अंतर्गत जरिया वन प्रक्षेत्र के रेंजर, शिवशंकर मांझी के भी मोबाईल नम्बर 8987790132 पर दर्जनों बार फोन किया गया, लेकिन हर बार ये नंबर स्वीच ऑफ पाया गया, जबकि विभाग के मुख्य चौराहे पर लगे बोर्ड में ये नंबर अंकित है।
जानकारी देते चलें की कर्रा थाना, वन विभाग का कार्यालय और मुखिया बंबरजा पंचायत की मुखिया का घर, कर्रा प्रखंड के मुख्य चौराहे पर आसपास ही स्थित है, जहां से रांची, खूंटी, तोरपा के लिए सड़के जुड़ी हुई है और इसी मुख्य चौराहे से साल के बोटों से लदा ट्रक लकड़ी तस्कर पार करता है, बावजुद इसके सभी इस मामले से अंजान बने हुए हैं। बिते वर्ष भी खूंटी जिले के बिरबांकी ईलाके में धड़ल्ले से वृक्षों की कटाई हो रही थी, जिसकी खबर, “ताजा खबर झारखंड” में प्रमुखता से प्रसारित किया था। खबर प्रसारण के बाद कुछ दिनों तक लकड़ी तस्करी रुक गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि उस क्षेत्र में फिर से लकड़ी तस्करी करना तस्करों ने शुरु कर दिया है।