पलामू जिला के पांडू प्रखंड में पत्थर माफिया के खिलाफ सैंकड़ों रैयत, किसान और जनसंगठनों ने खोला मोर्चा….

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

फर्जी ग्रामसभा का सहमति पत्र दिखा प्लॉट नः 1046 का हांसिल किया गया लिज्।

प्लॉट नः 1046 पर लहलहा रही है धान की फसल।

पत्थर माफिया गांव के सामुहिक चारागाह, प्लॉट नः1048 पर करवा रहा है पत्थर उत्खनन।

अवैध माईनिंग रोकने के लिए उपायुक्त समेत संबंधित विभाग के अधिकारियों को ग्रामसभा ने सौंपा पत्र, लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी हैं मौन।

अवैध पत्थर खनन करवा रहे कंपनी का मालिक सत्ताधारी दल में शामिल राजद के जिलाध्यक्ष हैं।

रांचीः पुरे पलामू प्रमंडल में इन दिनों अवैध माईनिंग चरम पर है। माफियाओं द्वारा कहीं अवैध तरीके से पत्थर खनन हो रहा है, तो कहीं अवैध तरीके से बालू का उठाव कर पड़ोसी राज्यों में भेजा जा रहा है। जिले के पांडू प्रखंड में भी अबैध तरीके से सत्ताधारी दल के जिलाध्यक्ष द्वारा अवैध उत्खनन किया जा रहा है, जिसका विरोध पांडू प्रखंड अन्तर्गत आने वाले कई गांव के प्रभावित ग्रामीण कर रहे हैं।

पत्थर माफियाओं द्वारा प्लॉट नः 1048 में बिना लिज लिए अवैध तरीके से पत्थर उत्खनन करने के मामले की जानकारी मिलने के बाद “ताजा खबर झारखंड की टीम ने पांडू प्रखंड का दौरा कर प्रभावित गांवों के ग्रामीणों से कुटमू गांव में बैठक कर पुरे मामले की जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि पांडू प्रखंड के गांव कुटमू टोला बरवाही में सार्वजनिक चारागाह और धार्मिक स्थल है, जिसका खाता नः 206, 174 और प्लॉट नः 1046, 1048 और 1051 है। ग्रामीणों के उपयोग के इस सार्वजनिक प्लॉट को गिरेन्द्र प्रसाद सिन्हा, पिता-यदुवंश लाल, ग्राम कुटमू, टोला बरवाही ने अपने नाम से मालगुजारी रसीद गलत तरीके से कटवा लिया है और यहां लगे पेड़-पौधों की कटाई कर रहा है। ग्रामीणों ने ये भी बताया कि, ये जमीन सार्वजनिक है। इसके बाद इसी खाता नः के प्लॉट नः 1048 पर पत्थर खनन का कार्य शुरु कर दिया गया है। जब ग्रामीणों ने पत्थर खनन के लिए मिले लिज का पेपर मांगा तो उन्होंने दिखाने से इन्कार कर दिया और गांव वालों को धमकी देते हुए कहा कि, मेरा कुछ नही बिगाड़ सकते हो मेरे पास लिज का पेपर है।

फर्जी ग्रामसभा का सहमति पत्र दिखा कर प्लॉट नः 1046 का हांसिल किया गया खनन लिजः

कुटमू-बरवाही के ग्रामीणों ने आगे बताया कि पर्यावरण विभाग से जानकारी मांगने पर ये पता चला कि सूरज सिंह(जिलाध्यक्ष, राजद, गढ़वा जिला) की कंपनी को प्लॉट नः 1046 में पत्थर उत्खन्न करने के लिए लिज दिया गया है, जबकि कंपनी प्लॉट नः 1048 पर पत्थर उत्खनन कर रही है। इस मामले में बैठक में उपस्थित पंचायत समिति सदस्य, संजय पासवान बताते हैं कि प्लॉट नः 1046 और 1048 के लिए कभी भी ग्रामसभा की बैठक नही हुई है। कंपनी अधिकारियों के साथ मिली भगत कर फर्जी तरीके से ग्रामसभा का सहमति पत्र बनवा कर प्लॉट नः 1046 के लिए लिज हांसिल किया है, जो गलत है। प्लॉट नः 1046 उपजाउ जमीन है जिस पर जमीन के मालिक द्वारा धान का फसल लगाया गया है, जो खेत में लहलहा रही है।

पंचायत समिति सदस्य संजय पासवान की अध्यता में फर्जी ग्रामसभा के खिलाफ गांव में किया गया महा ग्रामसभाः

26 अक्टूबर 2021 को फर्जी ग्रामसभा के खिलाफ गांव के सैंकड़ो रैयत और किसानों ने पंचात समिति सदस्य संजय पासवान की अध्यक्षता में महाग्राम सभा का आयोजन, जिसमें सभी रैयत और किसानों ने कहा कि पूर्व में कभी भी लीज को लेकर ग्रामसभा की बैठक गांव में नही हुई है। ग्रामसभा की सहमति का जो सहमति पत्र विभाग के पास पत्थर माफिया ने उपलब्ध करवाया है, वो पुरी तरह से फर्जी है। इसके खिलाफ लिज रद्द करने के लिए जिले के उपायुक्त को अवगत करवाया जाएगा। अगर उपायुक्त जांचो-परांच लिज रद्द नही करते हैं, तो क्रमवार आंदोलन किया जाएगा और इससे भी बात नही बनी, तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। 

कुटमू गांव में रैयत और किसान जनसंगठनों के साथ आंदोलन की रणनीति बनाते हुए.

गांव के सामुहिक जलाशय के नजदीक कंपनी ने लगाया है पत्थर क्रशर प्लांटः

बैठक में मौजुद ग्रामीणों ने “ताजा खबर झारखंड” की टीम को उक्त स्थल का भी मुआयना करवाया, जहां से पेड़ो की अवैध तरीके से कटाई और पत्थर उत्खनन कर पर्यावरण को नुकशान पहुंचाया जा रहा है। धजवा पहाड़ जिसका प्लॉट नः 1048 है। यहां से काफी मात्रा में पत्थर का उत्खनन किया गया है, जिसका लिज कंपनी को मिला ही नही है। और जिस जमीन का लिज दिए जाने की बात जिले के पर्यावरण अधिकारी बता रहे हैं, उस प्लॉट नः 1046 है, जिस पर धान की फसल खड़ी है, यानि ये पुरी तरह उपजाउ जमीन है। इतना ही नहीं, धजवा पहाड से लगभग 500 मीटर की दूरी पर गांव का सामुहिक जलाशय है, जिसमें गर्मी के दिनों में भी पानी नही सुखता है। इसी जलाशय के पानी का उपयोग कर यहां के किसान अपने खेतों में सिंचाई कर खेती करते हैं और इसी जलाशय का पानी हजारों दुधारु पशु भी सालों भर पीते हैं। वर्तमान में इसी जलाशय से मात्र 200 मीटर की दूरी पर पत्थर क्रशर प्लांट कंपनी द्वारा स्थापित किया गया है। जो खनन के लिए बनें नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाती नजर आ रही है।

प्लॉट नः 1046 के रैयत, अवधेश पाल को कंपनी के लोग थाने में दिएं धमकीः

खनन स्थल धजवा पहाड़ के पास प्लॉट नः 1046 के रैयत, अवधेश पाल ने बताया कि ये जमीन मेरी है, और खनन कंपनी ने कब ये जमीन लिज पर ले लिया इसकी जानकारी मुझे नही है। जब मैनें कंपनी के लोगों से इस मामले पर फोन से बात की, तो उन्होंने बताया कि प्लॉट नः 1046 और 1051 का लिज मैनें करवाया है। इस पर जब उनसे लिज का दस्तावेज दिखाने के लिए कहा तो उन्होंने साफ इन्कार कर दिया और मुझे धमकी देने लगें। फिलहाल कंपनी मेरे प्लॉट पर खनन नही कर रही है, लेकिन धजवा पहाड़ के बाद मेरे जमीन पर भी उत्खनन शुरु कर सकती है। इसी तरह अन्य रैयतों ने भी कंपनी द्वारा किए गए धोखाधड़ी की पोल खोली।

लिज रद्द करने की मांग को लेकर क्रमवार आंदोलन किया गया शुरुः

खनन कंपनी का लिज रद्द करने और अधिकारियों से जांच कराने की मांग को लेकर कुटमू-बरवाही के सैंकड़ों रैयत और किसानों ने लोकतांत्रिक तरीके से आंदोशन शुरु कर दिया है। इससे पूर्व 26 अक्टूबर 2021 को फर्जी ग्रामसभा के खिलाफ एक ग्रामसभा किया गया, जिसकी अध्यक्षता पंचायत समिति सदस्य संजय पासवान ने की। इस ग्रामसभा की बैठक में उपस्थित 500 से भी ज्यादा रैयत और किसानों का हस्ताक्षर भी लिया गया। जिसके बाद आंदोलन के प्रथम चरण में उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया, जिसके उपरांत उपायुक्त को मांगो से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा गया।

जिलाधिकारी मौन, खनन कंपनी ने काम किया शुरु, रैयतो के साथ कई जनसंगठनों ने अनिश्चितकालीन धरना कार्यक्रम किया शुरुः

उपायुक्त सहित जिले के खनन से जुडे संबंधित अधिकारियों को मांग पत्र सौंपने के बावजुद खनन कंपनी ने कुटमू-बरवाही के सामुहिक चारागाह और धर्मस्थल(प्लॉट नः1048) पर खनन कार्य शुरु कर दिया, जिसके बाद आक्रोशित आसपास के गांवों के सैंकड़ों रैयत और किसानों ने धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तल्ले खनन स्थल पर ही अनिश्चितकालीन धरना शुरु कर दिया है। संघर्ष समिति के इस आंदोलन को जन संग्राम मोर्चा, झारखंड क्रांति मंच, सीपीआई(एम.एल.) रेड स्टार समेत स्थानीय प्रमुख, जिला पार्षद, अनिल चंद्रवंशी, समेत अन्य कई संगठनों का समर्थन प्राप्त है। रैयत और किसानों के भारी विरोध को देखते हुए फिलहाल कंपनी ने खनन कार्य रोक दिया है। लेकिन ग्रामीण गांव-गांव घुम कर अपने आंदोलन को और भी गति प्रदान कर रहें हैं।

आंदोलन से अधिकारियों के कान खड़े नही हुए, तो जाएंगे झारखंड उच्च न्यायालयः युगल किशोर पाल

धवजा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति को समर्थन दे रहे, जन संग्राम मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष, युगल किशोर पाल ने ताजा खबर झारखंड के साथ बातचीत में कहा कि, पत्थर माफिया को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। संबंधित विभाग के अधिकारी और स्थानीय पुलिस पत्थर माफिया सूरज सिंह के साथ खड़ी है। पत्थर माफिया पुलिस के सामने थाने में बैठ कर पीड़ित रैयतों को धमकी देते हैं, लेकिन पुलिस मौन धारन किए रहती है, जिससे साफ होता है कि पुलिस पत्थर माफिया क साथ खड़ी है। लेकिन गलत के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई जारी रहेगी जब तक कि अधिकारी फर्जी लिज रद्द नही करते हैं। अगर आंदोलन के बाद भी लिज रद्द नही किया जाता है, तो मजबुर होकर इस मामले को झारखंड उच्च न्यायालय के समक्ष ले जाया जाएगा।

कानून का सम्मान करना ही पड़ेगाः वशिष्ठ तिवारी

वहीं सीपीआई(माले) रेड स्टार के राज्य सचिव, वशिष्ठ तिवारी ने भी कहा की पत्थर माफिया को कितना भी सत्ता का संरक्षण क्यों ना प्राप्त हो उसे अवैध माईनिंग बंद करना ही पड़ेगा। जब टाटा और बिड़ला जैसे बड़े कॉर्पोरेट घरानों को पीछे हटना पड़ा, तो सूरज सिंह जैसे सत्ता के पीच्छलगू क्या हैं, इन्हें भी कानून का सम्मान करना ही पड़ेगा, कानून से बड़ा कोई नही है।

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