गोरा चिट्टा लवर बॉय से बन गया कुख्यात पीएलएफआई सुप्रीमों, दिनेश गोप….

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

सन् 1999 में कर्रा स्थित एक हाईस्कूल में पढ़ने वाला 10वीं क्लास का गोरा-चिट्टा किशोर, जिसे हाईस्कूल की पढ़ाई के दौरान ही बाबू साहेब की बेटी से प्यार हो गया और दोनों समाज की नजरों से बचते-बचाते मिलने जुलने भी लगें। लेकिन उंच-नीच के भेद भाव के कारन दोनों का प्यार परवान चढ़ने से पहले ही बाबू साहेब ने उतरवा दिया। बाबू साहेब ने इस गोरे-चिट्टे किशोर और इसके छोटे भाई को अपने रुतबे का उपयोग करते हुए विलियस मशीन चोरी और एक डकैती के झुठे मामले में फंसा दिया था, जिसके बाद थानेदार ने रात भर थाने में बंद दोनों भाईयों की जम कर पिटाई की….जी हां हम बात कर रहे हैं पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के सुप्रीमों दिनेश गोप की, जो इन दिनों 25 लाख का ईनामी उग्रवादी है और पुलिस के साथ-साथ एनआईए भी इसकी तलाश में दिन रात छापेमारी कर रही है।

2008 में अपने कुछ मित्रों के साथ मिल कर दिनेश गोप ने नींव रखा पीएलएफआई उग्रवादी संगठन काः

खूंटी विधानसभा से 2 बार चुनाव लड़ चुके मसीह चरन पुर्ति ने सन् 2001 में जेएलटी का गठन किया था। जेलटी का गठन मसीह चरण पुर्ति ने माओवादी संगठन से अलग होने के बाद किया और ठीक इसके सात साल बाद 2008 में दिनेश गोप ने अपने कुछ साथियों के साथ मिल कर पीएलएफआई संगठन का स्थापना किया। दोनों का कार्य क्षेत्र एक ही होने के कारन जेएलटी का विलय पीएलएफआई में कर दिया गया, लेकिन ये मौखिक विलय था। मसीह चरण पुर्ति की गिरफ्तारी के बाद दिनेश गोप पीएलएफआई संगठन का सुप्रीमों बन गया। दिनेश गोप के नेतृत्व में अब ये संगठन तेजी से अपना पांव खूंटी जिले से सटे जिलों में भी फैलाने लगा और देखते ही देखते माओवादी संगठन के बाद पीएलएफआई दूसरा संगठन बन गया जिससे लोग खौफ खाने लगें। माओवादियों के पास उनका निती सिद्धांत था, लेकिन दिनेश गोप के पीएलएफआई संगठन का कोई निती सिद्धांत नहीं था। ये संगठन सिर्फ व्यवसायी और संवेदकों से लेवी वसुलने का काम किया करता था। संगठन में भी वैसे लोग ज्यादा जुड़ रहे थें, जिन्हें गरीब, शोषित़ पीड़ितों से कोई लेना देना नही था। ये लोग हाट बाजार में छोटा-मोटा व्यवसाया करके जिविकोपार्जन करने वाले छोटे व्यापारियों को भी नहीं छोड़ते थें। जिसके कारन सुदूरग्रामीण क्षेत्र के लोग और व्यापारी इस संगठन के लोगों से ज्यादा भयभीत रहने लगें।

सिर्फ आईवॉश के लिए स्कूल खोला और कुछ गरीबों का मदद कियाः

सूत्रों की मानें तो दिनेश गोप रुपये के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहता था, यही कारन है कि भ्रष्टाचार में संलिप्त कई सफेदपोश भी दिनेश गोप के संपर्क में रहने लगें और ये भ्रष्टाचारी दिनेश गोप के संपर्क में आकर और भी खुले तौर पर भ्रष्टाचार करने लगें। इससे दोनों को फायदा हो रहा था। जनता का आई वॉश करने के साथ सहानुभूति बटोरने के लिए दिनेश गोप ने निःशुल्क शिक्षा के लिए स्कूल खोला और कुछ गरीबों की मदद भी करने लगा। चुंकि दिनेश गोप रुपये के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहता था, इसलिए उसके इस कमजोरी का फायदा वैसे लोगों ने उठाना शुरु किया, जो लोग राजनीति में आने की ईच्छा रखते थें। दिनेश गोप ऐसे लोगों से मोटी रकम लेकर चुनाव के समय खुल कर उसके पक्ष में काम किया करते हैं। दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में कई राजनीतिज्ञ दिनेश गोप के सहयोग से ही राजनीति के मैदान में खड़े हो सके हैं।      

संगीत प्रेमी है दिनेश गोपः

जानकार बताते हैं कि दिनेश गोप संगीत प्रेमी है। बेंजो, केसियों और बांसुरी दिनेश गोप का प्रिय वाद्य यंत्र है। जब भी दिनेश गोप गांव के किसी समारोह में पहुंचता है तो ये वाद्ययंत्र देखते ही उसके आंखों में एक चमक आ जाती है और इसका उपयोग किये बगैर वह उक्त स्थान से जाता नहीं है। कई बार क्षेत्र के लोगों ने उन्हें नागपुरी कार्यक्रमों में बांसूरी बजाते हुए भी देखा है।

कलम से कमजोड़ रहने के कारन दिनेश गोप का संगठन में नहीं है नियंत्रणः

मात्र मैट्रिक पास दिनेश गोप कलम से काफी कमजोर है। किसी भी चीज को पाने में उसकी प्राथमिकता ताकत होती है। यही कारन है कि दिनेश गोप हथियार का शौकिन है और जैसे ही बाजार में नये हंथियार का आगमन होता है, वो उसे पाने के लिए हर संभव कोशिश करता है। सूत्र बताते हैं कि संगठन के लोग अगर उन्हें लेवी की रकम पहुंचाता रहे तो उसका व्यवहार मित्रवत रहता है, लेकिन लेवी में कमी होने पर वह तुरंत उस व्यक्ति का विकल्प तैयार कर दूसरे व्यक्ति को उस स्थान पर नियुक्त कर देता है। दिनेश गोप को निती सिद्धांत से कोई मतलब नहीं, उसे सिर्फ लेवी चाहिए।

पीएलएफआई संगठन में एंटी सोशल एलिमेंट का है जमावड़ाः

पीएलएफआई उग्रवादी संगठन का अपना कोई नीति सिद्धांत नहीं है। इस संगठन में सिर्फ और सिर्फ एंटी शोसल एलिंमेंट भरे हुए हैं, जिनका वास्ता सिर्फ विलासितापूर्ण जीवन से हैं। लेवी की रकम से ये लोग महंगे-महंगे वाहन और विलासीतापूर्ण जीवन जीने के लिए जिन वस्तुओं की जरुरत होती है, उसकी खरीद करते हैं। गली-मुहल्लों के पॉकेटमार से लेकर सड़क छाप गुंडे तक इस संगठन के सदस्य हैं।

झारखंड में सक्रीय दर्जनों आपराधिक गिरोहों से है दिनेश गोप का संपर्कः

गली-मुहल्ले और गांव घर के छुठभैये अपराधियों से पीएलएफआई संगठन को कोई खाश फायदा नहीं है, इन लोगों से सिर्फ संगठन का आकार बृहद दिखता है। ये बात सुप्रीमों दिनेश गोप भी जानते हैं। इसलिए हाल के दिनों में दिनेश गोप झारखंड के माईनिंग वाले जिलों में सक्रिय वैसे बड़े आपराधिक संगठनों से साठ गांठ कर रहे हैं, जिनके पास शार्प शूटर, हंथियार और लेवी वसुलने की ताकत है। दूसरा ऐसे लोग जो लेवी की रकम को व्यवसाय में इंवेस्ट कर सकने की क्षमता रखते हैं।

अहम, दिनेश गोप में है कूट कूट कर भराः

सूत्र बताते हैं कि दिनेश गोप हमेशा टेंशन में रहता है, जिसके कारन इन्हें कम निंद आने की बिमारी हो चुकी है। 24 घंटे में मात्र 3 से 4 घंटे ही दिनेश गोप सो पाता है। कई बार ऐसा भी हुआ है कि दिनेश गोप किसी घटना को अंजाम देने के लिए बिना दस्ता लिए अकेले ही कूच कर जाता है। उसे सिर्फ अपने आधुनिक हथियार और स्वयं पर भरोषा है।  

बिते सप्ताह रांची और बक्सर से गिरफ्तार 8 पीएलएफआई उग्रवादी लेवी की रकम को व्हाईट मनी में बदलने वाले लोग हैः

रांची एसएसपी द्वारा गठित एसआईटी ने बिते सप्ताह रांची और बक्सर में छापेमापी कर जिन 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, ये सभी संगठन के सक्रीय दस्ता सदस्य नहीं हैं। ये लोग संगठन द्वारा वसुले गए लेवी की रकम को झारखंड और महानगरों में इंवेस्ट कर व्हाईट मनी में बदलने का काम किया करते थें। गिरफ्तारी के दौरान इनके पास से मंहगी कार, जीप के साथ-साथ 77 लाख रुपये नगद भी बरामद किया गया है।  

शेष…….

मोबलिंचिंग की खबर….
http://taazakhabarjharkhand.com/kolebira-sapna-devi-wife-of-deceased-sanju-pradhan-reached-raj-bhavan-got-the-support-of-bjp/

सिमडेगा के ठेठईटांगर थाना क्षेत्र में 60 वर्षीय महिला को किया गया जला कर मारने का प्रयासः

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