मुस्लिम संगठन के प्रतिनिधि मंडल आजसू प्रमुख सुदेश महतो से की मुलाकात, मुस्लिम समाज के लंबित मुद्दे को लेकर हुई बातचीत….

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रिपोर्ट:- वसीम अकरम…..

राँची: मुस्लिम समुदाय के अधिकारों से जुड़े मुद्दों को लेकर आमया संगठन के प्रतिनिधि मंडल आजसू पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष सह पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो से मिले और आग्रह किए मुस्लिम समाज के लंबित मुद्दे को आजसू पार्टी सदन एवं सड़क पर आवाज बने।

प्रतिनिधि मंडल के नेतृत्व कर आमया संगठन के अध्यक्ष एस अली ने उन्हें बताया कि वर्तमान महागठबंधन सरकार बिहार पुर्नगठन अधिनियम 2000 के तहत झारखंड के मुसलमानों को जो अधिकार प्राप्त है उसे छीन रखा है।

रोजगार और विकास की बात छोड़ दीजिए 03 वर्षों बीतने के बाद भी अल्पसंख्यक आयोग, वक्फ बोर्ड आदि का गठ़न नही हुआ। राज्य में 15 सुत्री समिति नही होने के कारण अल्पसंख्यक योजनाओं का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को नही भेजा गया, जिसके चलते केन्द्र से मिलनें वाली करोड़ों की राशि से अल्पसंख्यक समुदाय चार वर्ष से वंचित है। अल्पसंख्यक विकास कि करोड़ों का राशि नही दिया।
राज्य अलग होने के 23 वर्ष बाद भी 4401 उर्दू प्रारम्भिक शिक्षक के पद नही भरे गये आज भी 3700 पद खाली है।वर्तमान सरकार ने 05 सौ से ज्यादा उर्दू स्कूलों को सामान्य विधालय बनाकर जुमा की छुट्टी समाप्त कर दी गई। मदरसा आलिम व फाजिल डिग्री को सरकारी नियुक्तियों में मान्यता नही दिया जा रहा।

544 वित्त रहित मदरसों को अनुदान से जोड़ने आलिम और फाजिल की परीक्षा विश्वविद्यालय से कराने पर कोई पहल नही।
माॅबलींचिग पर कानून, पीड़ित को नौकरी जैसे मामलों पर सरकार खंमोश है।10 जून रांची गोली कांड में मृत एवं घायल व्यक्तियों के पीड़ित परिवार न्याय के लिए ठोकरें खा रहे है।

अमाया के प्रतिनिधि मंडल को सुनने के बाद आजसू पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा आजसू पार्टी सामाजिक समरसता पर हमेशा मुखर है और जन हित के मुद्दे को हमेशा उठती है, महागठबंधन की सरकार अपने घोषणा पत्र में मुस्लिम समुदाय को ठगने और वोट की राजनीति करने पर उसे सदन में याद दिलाएगी। उनहोंने ने कहा कि समाज के प्रबुद्ध लोगों को भी आगे आकर भ्रम तोड़ने पड़ेगा आबादी के हिसाब से अधिकार मिलना चाहिए।

मौके पर आमया संगठन के पदाधिकारी फजलूल कदीर अहमद, जियाउद्दीन अंसारी, एकराम हुसैन, औरंगजेब आलम, अफताब आलम, शाहीद अफरोज, जावेद अंसारी, मो सईद, अब्दुल बारी, मोदस्सीर अहरार, अबु रेहान, जुलफेकार खान, सुहैल अनवर, हारिस आलम, शाहनवाज आलम, अलाउद्दीन अंसारी, मो अकरम, मो अयूब, परवेज़ अख्तर, मो असलम, बहादुर अली राजा अंसारी आदि शामिल थे।

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