रिपोर्ट- संजय वर्मा…
रांचीः सांस्कृतिक कर्मी जीतन मरांडी का ईलाज के दौरान रविवार को अस्पताल में निधन हो गया। घटना के बारे में स्व. जीतन मरांडी की पत्नी अपर्णा मरांडी ने बताया की पेट में दर्ज होने के बाद वे ईलाज के लिए गिरिडीह से रांची चले गए थें और वहीं रह कर अपना ईलाज करवा रहे थें, जहां अस्पताल ईलाज के दौरान उनका निधन हो गया। सोमवार को दोपहर में उनके पैतृक गांव में उनके पार्थिव शरीर को दफनाया गया।
गौरतलब है जीतन मरांडी की पहचान एक सामाजिक कार्यकर्ता और सांस्कृतिककर्मी के रुप में थी। जीतन मरांडी अपने द्वारा लिखे गए संगीत के माध्यम से लोगों को जागरुक किया करते थें। लेकिन पुलिस द्वारा इन्हीं जनजागरुकता फैलाने वाले लेखों के कारन इनके उपर माओवादी समर्थक होने का आरोप लगा कर कई मामले दर्ज किए गए थें। चिलखारी हत्याकांड(26 जून 2007) में इनके उपर झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बेटे अनूप मरांडी समेत 19 लोगों की हत्या का मामला भी दर्ज किया गया था, जिसके बाद इन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी। लेकिन हाईकोर्ट में अपील करने पर लंबी चली सुनवाई के बाद इन्हें बाईज्जत बरी कर दिया गया था। फिलहाल जीतन मरांडी छोटा-मोटा व्यवसाय कर अपने परिवार का जिविकोपार्जन कर रहे थें।