भाजपा विधायक सीपी सिंह ने दिया संविधान विरोधी ब्यान…

0
2

रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

राँची: जैसे-जैसे यूपी विधानसभा चुनाव की तिथी नजदीक आते जा रही है, वैसे-वैसे देश में भाजपा नेताओं द्वारा धर्म के नाम पर राजनीति शुरु हो चुकी है। आए दिन चुनाव को प्रभावित करने वाले ब्यान भाजपा के ब्यानवीरों की ओर से दी जा रही है। ताजा मामला रांची से भाजपा विधायक सह पूर्व नगर विकास मंत्री, सीपी सिंह का है। सी.पी. सिंह ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान संविधान विरोधी ब्यान दिया। उन्होंने कहा कि, काशी में जिस तरह से मंदिर का विकास हुआ है, उसी तरह मथुरा में भगवान श्री कृष्ण के जन्म स्थली को भी विकसित किया जाए और वर्षों पहले मुस्लिम समुदाय के द्वारा बनाए गए मस्जिद को हटा कर वहां पर मंदिर का निर्माण किया जाए।

क्या भाजपा मंदिर-मस्जिद तोड़ने के लिए सत्ता पर काबिज हुई है? प्रवक्ता, प्रदेश कांग्रेस

पूर्व मंत्री सह भाजपा विधायक, सीपी सिंह के इस ब्यान का प्रदेश कांग्रेस ने कड़ी निंदा की है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता, राकेश सिन्हा ने भाजपा से सवाल करते हुए कहा है कि, क्या भाजपा 2014 और 2019 के चुनाव में मंदिर-मस्जिद तोड़ने के नाम पर सत्ता में काबिज हुई थी? हकीकत ये है कि देश में भाजपा महंगाई, बेरोजगारी,किसानों के मसले और जासूसी प्रकरण पर पुरी तरह घिर चुकी है, इसलिए मुद्दा विहीन भाजपा फिर से धर्म का चोला पहनकर देश की जनता को दिग्भ्रमित करने के प्रयास में लगी है, लेकिन देश की जनता अब समझ चुकी है और भाजपा के झांसे में नही आने वाली है। इसलिए भाजपा मुद्दों की बात करे तो देश और पार्टी के लिए सही होगा।

समुदायों को जोड़ने का काम करें, तोड़ने का नहीः

जानकारी देते चलें कि संविधान की प्रस्तावना में एक मुल्य बंधुत्व भी निहित है, जो भारत की जनता के बीच आपसी भाईचारे की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बंधुत्व के अभाव में भारत एक बहुजन समाज में विभाजित हो जाता है, इसलिए स्वतंत्रता, समानता और न्याय की तरह ही प्रस्तावना बंधुत्व की भावना में बल देती है। बंधुत्व न केवल समुदाय के विभिन्न संप्रदायों के बीच अस्पृश्यता को समाप्त करने से है वरन् भारत की एकता के रास्ते में आने वाली सांप्रादायिक अथवा कट्टरपंथी और स्थानीय भेदभाव जैसी सभी बाधाओं को समाप्त करने से है। इसलिए माननीय विधायक सी.पी. सिंह एक जनप्रतिनिधि होने के नाते संविधान के इन मुल्यों को समझें और सम्मान देने के साथ जनता को भी संविधान के इन मुल्यों के बारे में बताएं, ना कि समुदायों को आपस में लड़वाने का काम करें।

Leave A Reply

Your email address will not be published.