सरना कोड़ के समर्थन में आगे आया अमन ग्रुप, और साथ में कई स्थानीय जनप्रतिनिधि भी….
रिपोर्ट- वसीम अकरम…
राँचीः आदिवासियों के लिए सरना कोड लागू हो, इसे लेकर आदिवासी समुदाय के कई सामाजिक और धार्मिक संगठन आंदोलन की राह पर हैं। झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान इन संगठनों द्वारा मानव श्रृंखला का निर्माण कर राज्य सरकार का ध्यान भी अपनी मांगों की ओर आकृष्ट करवाया जा चुका है। इसी कड़ी में अब झारखंड के कई संगठन भी इनकी मांगों का समर्थन करते हुए इनके समर्थन में आगे आने लगे हैं।
गुरुवार को सामाजिक संगठन “अमन ग्रुप” के सदस्यों ने भी बैठक कर आदिवासी समुदाय के लिए अलग से सरना कोड़ का समर्थन किया। मौके पर अमन ग्रुप के अध्यक्ष, अत्ताउल्लाह अंसारी ने कहा कि राज्य सरकार सरना धर्म कोडं जल्द से जल्द सदन से पारित कर केंद्र सरकार को भेजें, ताकि 2021 में होने वाले जनगणना में इनके लिए भी अलग से सरना का कॉलम हो। अगर सरकार इस पर अमल नही करती है, तो अमन ग्रुप के नेतृत्व में सड़क पर जोरदार आंदोलन किया जाएगा।

मौके पर सरना कोड़ का समर्थन करने पहुंचे जिप सदस्य कांके पश्चिमी, सह सामाजिक कार्यकर्ता हकीम अंसारी ने कहा कि देश के 15 करोड़ आदिवासियों की पहचान और अस्मिता का सवाल है, जब हर धर्म को मानने वाले लोगों का अलग कॉलम है, तो फिर सरना धर्म को मानने वाले आदिवासियों का भी अलग सरना धर्म कोड़ होना ही चाहिए। हकीम अंसारी ने झारखंड के मुख्यमंत्री, हेमंत सोरेन से निवेदन करते हुए कहा, कि वे भी आदिवासी है, इसलिए आदिवासी की दुख-दर्द को अच्छी तरह समझते हैं। मुख्यमंत्री को इस मांग पर जल्द ही अमल करते हुए पूरा करना चाहिए।
वहीं जिप सदस्य सह कांग्रेस नेता मुजिबुल अंसारी ने कहा कि हमारी पार्टी सरकार में भी शामिल है, बावजुद मैं सरना धर्म कोड़ की मांग का समर्थन करता हूं। सरना धर्म कोड़ आदिवासियों के विकास और पहचना के लिए काफी जरुरी है।