अफीम निकाले जाने के बाद, पिठोरिया पुलिस ने सुखे डोडे में किया हांथ साफ…

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रिपोर्ट- वसीम अकरम…

राँचीः पिठौरिया पुलिस द्वारा शनिवार को पिठौरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत कतरिया बेड़ा गांव में लगभग 3 एकड़ में लगे अफीम की फसल को नष्ट किया, हलांकि इस फसल से अफीम तीन बार निकाला जा चुका है और पुलिस ने जो नष्ट किया वो सिर्फ डोडा था। स्थानीय ग्रामीणओं में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि पुलिस ने अफीम की खेती होने की जानकारी रहने के बावजुद अभियान चला कर फसल को नष्ट नही किया, बल्कि अफीम तस्करों को अफीम निकालने का पुरा मौका दिया।

अफीम निकाले जाने के बाद, सुखे डोडे पर पुलिस ने किया हांथ साफः

जानकारी देते चले कि 6 मार्च 2021 को राँची एसएसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि, पिठोरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत कतरिया बेड़ा में अफीम तस्करों के द्वारा स्थानीय ग्रामीणों से काफी मात्रा में अफीम की खेती करवाई गई है, जिसके बाद एसएसपी के निर्देश पर पिठौरिया पुलिस मौके पर पहुंचकर लगभग 1 एकड़ में लगे अफीम की फसल को नष्ट किया था,  और मीडिया से बात करते हुए ये भी जानकारी दिया गया था कि क्षेत्र में अभी और भी अफीम की फसल लगी हुई है, जिसे अभियान चला कर नष्ट किया जाएगा, लेकिन पिठोरिया पुलिस द्वारा ऐसा नही किया गया। 28 दिन गुजरने के बाद यानी 3 अप्रैल को वरीय पुलिस अधिकारियों के आदेश पर पुनः उसी जगह फसल को नष्ट करने पुलिस पहुँचती है। जबकि तस्वीरों पर साफ देखा जा सकता है कि अफीम पर चीरा मारा जा चुका है और उससे अफीम निकाल ली गई है।

28 दिनों तक क्यों अभियान को रोके रखी पिठोरिया पुलिस?

पिठोरिया पुलिस पर सवाल उठना लाजमी है, क्योंकि पुलिस की लापरवाही के कारन अफीम तस्करों को अफीम निकालने का पुरा मौका मिला या यूं कहें कि पुलिस ने अफीम निकालने का मौका दिया। इस संबंध में जब पिठौरिया थाना प्रभारी मिशील सोरेन से बात किया गया, तो उन्होंने कहा कि हम लोगों ने 6 मार्च को अभियान चलाकर अफीम नष्ट किया था, लेकिन यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित क्षेत्र है और हमारे पास बल की कमी थी, जिस वजह से हमने जानते हुऐ भी कार्रवाई नहीं की। पुलिस को उग्रवादी नुकशान पहुंचा सकते थें। वहीं पुख्ता सूत्रों से जानकारी मिली है कि इस क्षेत्र में अफीम की खेती, यहीं(कतरिया बेड़ा) के निवासी निवासी, चमरा मुंडा करवाते हैं।

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