“स्टैंड फॉर स्टैन स्वामी” न्याय मार्च में कई राजनैतिक दल और दर्जनों संगठन के प्रतिनिधि हुएं शामिल…

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रिपोर्ट- ताजा खबर झारखंड ब्यूरो…

रांचीः शनिवार को राजधानी रांची में मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी समेत सभी राजनैतिक बंदियों की रिहाई की मांग को लेकर न्याय मार्च निकाला गया। ये न्याय मार्च ज़िला स्कूल परिसर से शुरू होकर राज भवन तक पहुंची, जहाँ धरना दिया गया।

सत्तारुढ़ पार्टी के प्रतिनिधियों समेत कई संगठनों के प्रतिनिधि मार्च में हुएं शामिलः

न्याय मार्च में आदीवासी विमिंस नेटवर्क, आदीवासी-मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच, AIPF, AISA, अखड़ा, CPI, CPI(ML), CSSF, कोंग्रेस, जेएमएम, मासस, जन मुक्ति संघर्ष वाहिनी, मानवीय एकता,  झारखंड जनाधिकार महासभा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, रोजी-रोटी अधिकार अभियान, विस्थापन विरोधी जन विकास आन्दोलन, सिंहभूम आदीवासी समाज, सांझा कदम, NAPM, नैशनल डोमेस्टिक वर्कर्स मूवमेंट, व अन्य संगठन शामिल रहें।

फादर स्टैन की गिरफ्तारी, प्राकृतिक संसाधनों की लूट करने के साज़िश का हिस्सा हैः 

“स्टैंड फॉर स्टैन स्वामी” न्याय मार्च राजभवन के समक्ष एक सभा में तब्दिल हो गई, जहां कई वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखे। मौके पर आदीवासी अधिकार मंच के प्रफुल लिंडा ने फादर स्टैन स्वामी की गिरफ्तारी को अमानवीय कार्रवाई बताते हुए कड़ी निंदा की। वहीं प्रदेश कांग्रेस के जिला सचिव, संजय पांडे ने कहा कि फादर स्टैन की गिरफ़्तारी केंद्र सरकार की झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों की लूट करने के साज़िश का एक हिस्सा है। 

न्याय मार्च में शामिल सत्तारुढ़ दल और दर्जनों संगठन के प्रतिनिधि.

राज्यपाल को लोगों पर लग रहे झूठे आरोपों पर संज्ञान लेना पड़ेगाः दयामणि बारला

झारखंड में लंबे समय से जल-जंगल और जमीन रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रही जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि पूरा देश फादर स्टैन स्वामी की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि गाँव गाँव में लोग फादर स्टैन के संघर्ष को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। गांव-गांव में सरकार के लैंड बैंक नीती के विरुद्ध संघर्ष जारी है। दयामणि बारला ने आगे कहा कि राज्यपाल को लोगों पर लग रहे झूठे आरोपों पर संज्ञान लेना पड़ेगा।

मोदी सरकार के कार्यकाल में हक् अधिकारों की आवाज उठाने वालों पर दमन बढ़ा हैः बिनोद सिंह

न्याय मार्च में शामिल बगोदर के सीपीआई(एमएल) विधायक विनोद सिंह ने कहा कि, ये सड़कें और राजभवन इस बात की गवाह है कि स्टैन स्वामी बार-बार वंचितों और आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मानव अधिकार कार्यकर्ताओं, बुद्धीजीवियों व जन अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वाले अन्य लोगों पर झूठे आरोपों का सिलसिला मोदी सरकार के कार्यकाल में बहुत बढ़ गया है। भीमा कोरेगांव के तर्ज पर अब CAA-NRC का विरोध करने वाले राजनैतिक नेताओं व छात्रों पर दिल्ली में दंगे फैलाने के झूठे आरोप लग रहे है। बिनोद सिंह ने सभी राष्ट्रीय विपक्षी दलों से अपील की है कि वे स्टैन स्वामी की रिहाई के लिए एकजुट हों।

रात के अंधेरे में स्टैन की गिरफ्तारी निंदनीयः महुआ मांझी

मौके पर उपस्थित झारखंड मुक्ति मोर्चा की महिला प्रदेश अध्यक्ष़ महुआ मांझी ने कहा कि फादर स्टैन को रात के अँधेरे में गिरफ़्तार करना काफी निंदनीय है। महुआ मांझी ने केन्द्र सरकार से सवाल किया कि बीमार और बुजूर्ग फादर स्टैन से उनके आवास पर पूछताझ की जा रही थी, तो उन्हें जेल में बंद करने की क्या ज़रुरत आन पड़ी?

एनआईए केन्द्र सरकार के कठपुतली की तरह काम कर रही हैः प्रभाकर तिर्की

धरना में शामिल कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता, प्रभाकर तिर्की ने कहा कि UAPA कानून को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए, जिसके तहत किसी को भी “गैर-कानूनी” तरीके से गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने ये भी सवाल खड़ा किया कि ये कौन तय करेगा, कि कौन-कौन सी गतिविधि गैर-कानूनी है? उन्होंने NIA पर केंद्र सरकार की कठपुतली की तरह काम करने का आरोप भी लगाया। वहीं राज्य आदीवासी सलाहकार परिषद् के पूर्व सदस्य, रतन तिर्की ने कहा कि मोदी सरकार से पहले कोई भी राजनैतिक नेता ने स्टैन स्वामी के विरुद्ध झूठे आरोप नहीं लगाए थे। भाजपा सरकार पूरे देश में डर का माहौल फैला रही है, ताकि उनके गलत नीतियों के खिलाफ कोई आवाज ना उठा सके।

राज्यपाल को सौंपे गए मांगपत्र में निम्नलिखित मांगे रखी गईः

1) फादर स्टैन स्वामी समेत सभी राजनैतिक बंदियों को तुरंत रिहा किया जाए।

 2) भीमा कोरेगांव मामले को बंद किया जाए व दिल्ली के दंगों में सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरुद्ध फ़र्ज़ी मामलों को तुरंत रद्द किया जाए।

3) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 124-क(राजद्रोह) एवं धारा 499 (मानहानि), विधि विरुद्ध क्रिया-कलाप (निवारण) अधिनियम (UAPA) एवं राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) को रद्द किया जाए।

धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में आलोका कुजूर, नदीम खान, प्रभाकर तिर्की, प्रवीर पीटर, एलीना होरो, विनोद कुमार, सुशांतो मुखर्जी, पीटर मार्टिन, पी.एम. टोनी, दामोदर तूरी, कनक, नौरीन, सुगिया, पुनीता टोप्नो व अन्य लोग शामिल रहें।

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