प्रतिबंधित टीएसपीसी संगठन का दोहरा चरित्र…बनते हैं गरीब, शोषित और पीड़ितों का मसीहा, लेकिन खड़े रहते हैं बलात्कारी और माफियाओं के पक्ष में…

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रिपोर्ट- संजय वर्मा, अन्नू साहू…

रांचीः बिते 13 दिसंबर की रात बुड़मू प्रखंड अन्तर्गत दर्जन भर से भी अधीक गांवों में प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी द्वारा पोस्टरबाजी किया गया, जिसमें मुख्य रुप से खेलारी और पिपरवार थाना क्षेत्र में सभी कोयला ट्रांसपोर्टिंग, ट्रक, हाईवा, लोडर, पोकलेन, डोजर के मालिक व चालक को सख्त निर्देश दिया गया है कि, विस्थापितों के हक् में कोयला कटाई और ढुलाई का काम 13 दिसंबर से 16 दिसंबर तक बंद रखें, अन्यथा उल्लंघन करने पर फौजी कार्रवाई की जाएगी।

प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी द्वारा किए गए इस पोस्टरबाजी से दर्जनों गांव के ग्रामीण सहमे हुए हैं। संगठन इस तरह की पोस्टरबाजी कर अपने आप को शोषित, पीड़ित और गरीबों का मसीहा साबित कर रही है। संगठन ने अपने पोस्टर में प्रमुखता के साथ ये लिखा है कि, शोषण, दमन, बलात्कारी और हत्या के खिलाफ में व्यापक जनता गरज उठें। नक्सली जांच के नाम पर विस्थापित-प्रभावित निर्दोष जनता के साथ पुलिस मारपीट करना और झुठा एफआईआर दर्ज करना बंद करे। आम जनता को उनके जल-जंगल और जमीन से बेदखल करने वाली शिखंडी सरकार के खिलाफ मजदूर और किसान एकजुट हों। इसके अलावे भी जनता की सच्ची हितैषी साबित करने वाली और भी कई बातें पोस्टर में लिखी गई है, जिससे प्रतित होता है कि वाकई प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी गरीब, शोषित और पीड़ितों के पक्ष में काम कर रही है।

प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी का दूसरा चेहरा ये भीः

एक तरफ टीएसपीसी पोस्टरबाजी कर अपने आप को जनता का शुभचिंतक बता रही है, लेकिन दूसरी तरफ कई ऐसे मामले हैं जहां टीएसपीसी संगठन के सदस्य (उग्रवादी) बलात्कारी, शराब माफिया और कोयला माफियाओं के गैरकानूनी कामों में साथ देते हुए उनके पक्ष में खड़े दिखाई पड़े है।

शराब माफिया झगरु यादव के बलात्कारी पुत्र, बसंत यादव के पक्ष में काम करते हुए पीड़िता की जमकर की पिटाईः

कस्तुरबा विद्यालय में पढ़ने वाली नाबालिग बच्ची के साथ शराब माफिया झगरु यादव(हाहेटांड़, बुड़मू) के पुत्र बसंत यादव ने बलात्कार किया था। इस मामले की प्राथमिकी खेलारी थाना में दर्ज है। पुलिस ने बलात्कार के आरोपी बसंत यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, फिर बसंत यादव जमानत पर जेल से रिहा हो कर बाहर आया। जेल से बाहर आते ही बसंत यादव ने टीएसपीसी उग्रवादी, किशुन गंझू से संपर्क कर पीड़िता और उसकी मांग को अगवा कर बुड़मू प्रखंड में ही स्थित सिरम जंगल में पीड़िता और उसकी मां की जम कर लाठी-डंडे से पीटाई की, फिर टीएसपीसी उग्रवादी किशुन गंझु, जो अपने दस्ता सदस्यों के साथ वहां मौजुद था, उन्होंने बसंत यादव के उपर से केस उठाने की बात कही और केस नहीं उठाने पर दोनों मां-बेटी को जान मारने की धमकी दी। इसके बाद पीड़िता और उसकी मां को छोड़ा गया।

बलात्कारी बसंत यादव और टीएसपीसी उग्रवादियों द्वारा मारपीट करने का मामला बुड़मू थाना में दर्ज हैः

बलात्कार पीड़िता बच्ची और उसकी मां को सिरम जंगल में मारपीट कर छोड़ दिया गया था, जिसके बाद पीड़िता की मां ने बुड़मू थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। “ताजा खबर झारखंड” की टीम से बात करते हुए पीड़िता की मां ने मारपीट के पुरी घटना की जानकारी दी, जो आप भी सुन और देख सकते हैं।

टीएसपीसी प्रतिबंधित संगठन का दोहरा चरित्र उजागरः

बुड़मू प्रखंड के कई क्षेत्रों में पोस्टरबाजी कर टीएसपीसी संगठन ने अपने आप को शोषित-पीड़ितों का मसीहा साबित करने का काम किया है, लेकिन दूसरी ओर किस तरह ये संगठन शराब माफिया और बलात्कारियों के पक्ष में काम करता है, ये भुक्तभोगी महिला के व्यानों से स्पष्ट हो चुका है।

जानकारी देते चलें कि टीएसपीसी संगठन द्वारा पीड़िता पर दबाव दिए जाने के बावजुद, पीड़िता न्याय के लिए लड़ती रही, और अंततः न्यायालय से पीड़िता को न्याय मिली। फिलहाल बलात्कारी बसंत यादव जेल के सलाखों के अंदर कैद है। शराब माफिया झगरु यादव के बलात्कारी पुत्र बसंत यादव के पक्ष में टीएसपीसी संगठन का खड़ा होना निर्रथक साबित हुआ।

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