डीजीपी के फरमान का अड़की थाना प्रभारी पर नही कोई असर, सभी हाट-बाजारों में हो रहा है जमकर हब्बा-डब्बा का खेल…

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः राज्य पुलिस के मुखिया, एम वी राव ने अवैध शराब, जुवा, चैन स्नेचिंग जैसे अपराध पर लगाम लगाने के लिए राज्य के सभी थाना प्रभारियों के साथ साथ इंस्पेक्टर, डीएसपी, एसडीपीओ समेत अन्य अधिकारियों को भी कुछ दिनों पूर्व आदेश जारी किया है, जिसके आलोक मे कई पुलिस अधिकारी करवाई भी कर रहे हैं, और पुलिसकर्मियों को सफलता भी मिल रही है, लेकिन कुछ मोटी चमड़ी वाले पुलिसकर्मियों पर डीजीपी के आदेश का कोई प्रभाव पड़ता नहीं दिख रहा है।

अफीम के लिए विख्यात अड़की थाना क्षेत्र में लगने वाले हर बाजार में होता है हब्बा-डब्बा का खेलः

जी हां हम बात कर रहे हैं, नक्सल प्रभावित जिला खूंटी की।  यहां के अड़की प्रखंड स्थित बिरबांकी, हेमरोम और अड़की में लगने वाले साप्ताहिक हाट-बाजारों में पिछले कुछ वर्षों से लगातार हब्बा-डब्बा नामक जुवा खेलवाया जा रहा है, जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की भीड़ लगी रहती है और हर दिन यहां हजारों-हजार रुपया दांव पर लगाया जा रहा है, बावजूद इसके अड़की थाना प्रभारी द्वारा हब्बा डब्बा खेलवा रहे लोगों पर कोई कर्रवाई नहीं की जा रही है।

अड़की थाना से चंद कदम की दूरी पर होता है हब्बा-डब्बा का जुआः

गुरुवार को ताज़ा खबर झारखंड की टीम ने अड़की थाना से महज कुछ ही मीटर की दूरी पर हर गुरुवार को लगने वाले साप्ताहिक बाज़ार का दौरा कर, यहां हो रहे अवैध जुवा का छुप-छुपा कर कवरेज किया। यहां के बाज़ार में बाकायदा प्लास्टिक का शेड बना कर हब्बा-डब्बा हो रहा था जो, आप भी देख सकते है। बड़ी बात ये कि बाज़ार में अड़की थाना की गश्ती पुलिस टीम भी मौजूद थी, लेकिन  गश्ती टीम हब्बा डब्बा खेलवा रहे युवकों पर कोई ध्यान नही दे रही थी। लोग बेखौफ होकर हब्बा-डब्बा जुआ में रुपये दांव पर लगा रहे थें। यहां जुआ खेल रहे युवा और बुजुर्गों पर भी समिप ही खड़े पुलिसकर्मियों का कोई खौफ नही दिख रहा था। इससे स्पष्ट है कि हब्बा-डब्बा का ये खेल अड़की थाना के संरक्षण में चल रहा है।

पुलिस के संरक्षण में होता है जुआः

इस बारे में हमारी टीम ने कई ग्रामीणों से बात करनी चाही, लेकिन हर ग्रामीण ने कैमरे पर बात करने से ईन्कार कर दिया। ऑफ दी कैमरा 3 ग्रामीणों ने बताया कि हब्बा-डब्बा खेलवाने वाले लोग पुलिस को हर दिन का एक फिक्स रकम देते है, इसलिए पुलिस इन लोगों पर करवाई नहीं करती है। यहां हब्बा डब्बा खेलने दूसरे जगह से भी लोग आते हैं।

स्थानीय युवक ही करवाते हैं हब्बा-डब्बाः

ग्रामीणों ने ये भी बताया की हब्बा-डब्बा खेलवाने वाले लोग भी बाहर के नहीं, बल्कि स्थानीय ग्रामीण ही हैं, जो हर बाजार में जुआ खेलवाते हैं, और बदले में इस अवैध कमाई का हिस्सा पुलिस को भी देते हैं। अड़की बाजार में संजय मुंड़ा और सिद्धार्थ साहू नामक युवक हब्बा-डब्बा खेलवाते हैं, जिसमें ग्राम प्रधान की भी संलिप्तता है। वहीं हेमरोम बाज़ार में सप्ताह के दो दिन जीतराय मुंडा नामक युवा हब्बा-डब्बा खेलवाता है।

पुलिस का फरमान मात्र एक आईवॉशः

कूल मिला कर ये कहा जा सकता है कि किसी अपराध पर लगाम लगाने के लिए वरीय पुलिस अधिकारी द्वारा फरमान जारी करना सिर्फ एक आईवॉश है। क्योंकि इनके फरमान की धज्जियां खुलेआम इस विभाग के ही कनीय अधिकारी उड़ा रहे हैं।

आपको ये भी जानकारी देते चलें कि खूंटी जिले का अड़की प्रखंड अफीम की खेती के लिए भी विख्यात हैं। हर वर्ष अफीम की खेती से पूर्व पुलिस अधिकारियों द्वारा पाबंदी के लिए फरमान जारी करवाया जाता है, लेकिन फरमान का नतीजा जनता के समक्ष है। पिछले वर्ष जो अफीम की खेती हुई थी, उससे तैयार अफीम और डोडा अब तक खूंटी जिले से दूसरे प्रदेशों में सप्लाय हो रहा है। यानि ये भी हब्बा-डब्बा जुवे की तरह ही लेन-देन का मामला दिख पड़ता है।  

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