Categories
मुद्दा कारोबार

धनबाद में आयोजित बीसीसीएल के राष्ट्रीय सेमिनार में बेहतर कार्य करने वाले कर्मियों को राज्यपाल ने किया सम्मानित.

7

रिपोर्ट- अशोक कुमार, धनबाद…

धनबाद में सरकारी महकमों की मिली भगत से कोयला चोरी की घटना को दिया जा रहा है अंजामः राज्यपाल

पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए खनन कंपनियों को नई तकनीकों पर ध्यान देना होगाः राज्यपाल

खनन कंपनियों को सामाजिक दायित्वों के तहत शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में भी ध्यान देने की जरूरतः राज्यपाल

धनबाद : भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के 50 वर्ष और इंडियन माइन मैनेजर्स एसोसिएशन की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर धनबाद के कोयला नगर में दो दिवसीय संयुक्त राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। इस दौरान मंच पर राज्यपाल ने कोल माइनिंग के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले कर्मियों को सम्मानित भी किया।

सरकारी महकमों की मिली भगत से हो रही है कोयले की चोरीः राज्यपाल

राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए राज्यपाल, रमेश बैस शुक्रवार को बरवाअड्डा हवाई अड्डा पहुंचे, जहां से वे सीधे धनबाद सर्किट हाउस पहुंचे। सर्किट हाउस परिसर में जिला पुलिस बल के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया। मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्यपाल ने पुलिस प्रशासन को निशाने पर लिया। रमेश बैस ने कहा कि धनबाद में सरकारी महकमों की मिली भगत से कोयला चोरी को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोयला राष्ट्र की संपत्ति है और इसके चोरी से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचता है, लिहाजा अवैध तस्करी को रोका जाना चाहिए।

सर्किट हाउस परिसर में गार्ड ऑफ ऑनर लेते राज्यपाल, रमेश बैस.

बीसीसीएल के 50 वर्ष और इंडियन माइन मैनेजर्स एसोसिएशन के 100 वर्ष पूरे होने पर राज्यपाल ने दी बधाई व शुभकामनाएः

कार्यक्रम में राज्यपाल़ रमेश बैस ने भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के 50 वर्ष पूर्ण होने के साथ इंडियन माइन मैनेजर्स एसोसिएशन के 100 वर्ष पूरे करने पर बधाई व शुभकामनाएँ दी और दोनों संस्थाओं को इस संगोष्ठी के आयोजन के लिए भी बधाई दी। उन्होंने कहा की खनन उद्योग का झारखण्ड राज्य की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है। धनबाद कोयला खनन के क्षेत्र में पूरे देश में प्रसिद्ध है। इसे देश की कोयला राजधानी भी कहा जाता है। यहां पर कोयले की अनेक खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज पाए जाते हैं।

खनन के प्रभावों को कम करने और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए खनन कंपनियों को नई तकनीकों पर ध्यान देने की जरुरतः रमेश बैस, राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा, खनन गतिविधियों का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, पर्यावरण को इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव झेलना पड़ता है। जिसमें वनों की कटाई, जल तथा वायु प्रदूषण शामिल हैं। इन प्रभावों को कम करने और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए खनन कंपनियों को नई तकनीकों पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा खनन कंपनियों को सामाजिक दायित्वों के तहत शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में भी ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में निवेश करके हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि, आने वाले वर्षों में राज्य और देश के पास कुशल और सक्षम कार्यबल हो। सही नीतियों, निवेश और कुशल कार्यबल के साथ प्राकृतिक संसाधनों की पूरी क्षमता से उपयोग कर अपने देश के लिए स्थायी आर्थिक विकास में भागीदार हो सकते हैं।

By taazakhabar

"TAAZA KHABAR JHARKHAND" is the latest news cum entertainment website to be extracted from Jharkhand, Ranchi. which keeps the news of all the districts of Jharkhand. Our website gives priority to news related to public issues.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *