जेएमएम द्वारा भाषायी विवाद को पैदा करके 2003 की स्थिति राज्य में लाने की कोशिश हो रही है : जदयू

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रिपोर्ट :- बिनोद सोनी….

राँची : झारखंड में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए जनता दल यूनाइटेड लगातार प्रयासरत है। इसी को लेकर जेडीयू की झारखंड इकाई ने अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों की सहमति से प्रदेश कार्यकारी कार्यसमिति सदस्य और जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा की। जदयू के महामंत्री प्रवीण सिंह ने बताया कि जेडीयू अपने एजेंडा के माध्यम से सरकार से यह मांग करता है कि यहां के मूल वासियों को भी चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी जाए। जिस प्रकार से आदिवासी यहां के मूल निवासी हैं उसी प्रकार से अन्य वर्ग के लोग भी यहां पर मूलवासी के रूप में रह रहे हैं इसीलिए हर जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों में मूल वासियों को भी चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए।

Efforts are being made by JMM to bring 2003 status in the state by creating linguistic dispute: JDU

वही जदयू महामंत्री प्रवीण सिंह ने प्रदेश में भाषायी विवाद पर कहा कि प्रदेश में भाषायी विवाद JMM की देन है और इनके द्वारा 2003 की स्थिति एक बार फिर राज्य में लाने की कोशिशें हो रही है। साथ ही कहा कि भाषायी विवाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और एक कांग्रेस के नेता के दवाब का परिणाम है। इनके दिमाग मे या कहे कि ये अपना राजनीतिक प्रतिद्वंदी BJP को मानते हैं और चुकी राष्ट्रीय पार्टी और क्षेत्रीय पार्टी के कमा करने के कुछ अलग अलग तरीके होते हैं। इसलिए इस तरह के विवाद में उसे कुछ ना कुछ समस्या होगी ही और इस विवाद में पिछले दिनों bjp के नेता रविन्द्र राय पर हमले भी हुए। और ये सीधे सीधे लॉ & आर्डर की समस्या है। कही पर भी कार्यक्रम होता है वहां पुलिस मौजूद नहीं होती है। राज्य का खुफिया तंत्र पूरी तरह फैल है , ये सरकार चल कैसे रही है, ये सबसे बड़ी बात है। जिस हिसाब से सरकार चल रही है भाषायी विवाद को पैदा करके ठीक 2003 की स्थिति एक बार फिर से राज्य में वही स्थिति लाने का प्रयास किया जा रहा है।

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