छात्रवृत्ति घोटाले के जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री समेत विभागीय मंत्री और मुख्य सचिव को सौंपा गया मांग पत्र…

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रिपोर्ट- वसीम अकरम…

रांचीः प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और  Merit-Cum-Means  अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना जो भारत सरकार द्वारा संचालित है, जिसमें पिछले तीन वर्षों से लगातार हो रहे फर्जीवाड़ा और घोटाले की जांच की मांग को लेकर झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष, एस. अली. ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरन, ग्रामीण विकास  मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री हाजी हुसैन अंसारी, मुख्य सचिव और कल्याण विभाग के सचिव के नाम मांग पत्र सौंपा।

एस अली ने बताया कि सरकार की योजनाओं का लाभ दिलवाने के नाम पर कई गिरोहों द्वारा वर्ष 2017 से अबतक वैसे लोगों से आधार कार्ड और बैंक खाता लेकर ऑनलाईन आवेदन करवा कर छात्रवृत्ति निकाली गई है, जो किसी शैक्षणिक संस्थान के छात्र नही हैं, बल्कि आम लोग है। प्राप्त राशि से दलालों को 40% राशि दिया जाता है। इस तरह पिछले तीन वर्षों से झारखंड में करोड़ों रूपये का फर्जीवाड़ा और घोटाला किया गया है। वर्तमान में भी छात्रवृति के लिए ऑनलाईन आवेदन करवाया गया है, ऐसे में स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई करने वाले जरूरतमंद छात्र, छात्रवृत्ति से वंचित हो रहे हैं। एस अली ने सरकार से निम्नलिखित बिंदुओं की जांच कराने की मांग किया।

(1) जिन विधालयों व शैक्षणिक संस्थानों को तीन वर्षों में यूजर आईडी एवं पासवार्ड निर्गत किया गया है, उन सभी विधालयों का भौतिक सत्यापन करवाया जाए।

(2) जिन छात्रों ने जिस किसी भी विधालय/संस्थान का छात्र बताकर छात्रवृत्ति प्राप्त किया है, वास्तव में वो वहां के छात्र हैं या नहीं इसकी जांच हो।

(3) छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों का उनके आधार नम्बर से आयु की जांच हो, ज्यादातर अधिकतम छात्र उम्र सीमा वाले ने फर्जीवाड़ा किया है।

(4) छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले अधिक्तर छात्र खुद को होस्टलर घोषित करते है, चुंकि होस्टलर छात्रों को छात्रवृत्ति अधिक प्राप्त होती है, इसलिए छात्रों के हॉस्टल की जांच हो।

(5) बैंक खाता एवं आधार नम्बर के अनुसार छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों का स्थायी पता व आवास की जांच हो।

(6) अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति कार्यान्वयन हेतु जिन अधिकारियों व कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई है, उनके कार्यप्रणाली की जांच हो।

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