आजसू पार्टी की सामाजिक न्याय मार्च में भरी हुंकार, निशाने पर हेमंत सरकार…….

0
13

रिपोर्ट:- वसीम अकरम….

राँची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि मुख्यमंत्री और मंत्री का पद लर्निंग स्कूल नहीं हो सकता। जनभावना के अनुरूप नीतियां बनाने और फैसले लेने के लिए सरकार बनती है। आधे-अधूरे प्रयोग के लिए भी सरकार कतई नहीं बनती। जिनमें कोई नेतृत्व क्षमता और विजन नहीं था उन्हें सत्ता मिली। नतीजा हुआ कि 40 महीने में राज्य को सामाजिक और राजनीतिक तौर पर बड़ी क्षति हुई है। ओबीसी, एसटी और एससी खूब छले गए हैं।

रांची में आयोजित सामाजिक न्याय मार्च के बाद हरमू मैदान में आयोजित सभा में उन्होंने ये बातें कही। इसके साथ ही सरकार की नाकामियों, दोषपूर्ण नीतियों और लूट-खसोट के रवैये पर तथ्यपूर्ण और सिलसिलेवार हमला बोला।

आजसू प्रमुख ने कहा कि नीयत नेक हो तो नीतियां सही बनती हैं। लेकिन राज्य सरकार की नीयत में शुरू से खोट है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्री सदन में कुछ बोलते हैं बाहर कुछ। जबकि कैबिनेट में फैसले कुछ और लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय नीति, नियोजन नीति, ओबीसी आरक्षण, ट्रिपल टेस्ट विस्थापन नीति , आंदोलनकारियों के मान सम्मान तमाम अहम विषयों की सरकार ने अनदेखी की। जातीय जनगणना सामाजिक न्याय का आधार है, लेकिन जातीय जनगणना कराने के प्रति सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है। जबकि हम और हमारी पार्टी जातीय जनगणना लगाकर कराने के लिए लगातार आवाज उठाती रही है।

*किस बात की जोहार यात्रा*

उन्होंने कहा कि 40 महीने की सरकार एक भी नीति स्पष्ट रूप से लागू नहीं कर सकी। ना नीति बनी और और न युवाओं को नौकरी मिली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से पूछा जाना चाहिए कि जिन गुमान के साथ जोहार यात्रा पर निकले थे उसे बंद क्यों कर दिया गया और जोहार यात्रा का आधार क्या था? सच यह है कि 1932 का वादा करके 2023 लागू कर दिए। और अब 60-40 का एक नया फार्मूला आया है, लेकिन मुख्यमंत्री इस फार्मूले पर कभी चर्चा नहीं करते। इधर युवा सड़कों पर आंदोलन करने को विवश हैं। बदले में उन्हें लाठियां खानी पड़ रही हैं। निजी संस्थानों में 75 प्रतिशत स्थानीय को काम देने का कैबिनेट फैसला लिया गया लेकिन जब स्थानीय नीति ही तय नहीं हुई तो इसका लाभ किन्हें मिलेगा। झारखंड जिस दौर से गुजर रहा है उसमें साफ दिखता है और आज और कल दोनों को बर्बाद किया जा रहा।

*40 महीने की सरकार को जगाया नहीं जाता*

सुदेश कुमार महतो ने कहा कि सामाजिक न्याय मार्च और आंदोलन के जरिए हम सरकार को जगाने नहीं आए हैं अब सरकार को जगाने का समय खत्म हो गया है। 40 महीने की सरकार को जगाया नहीं जाता। हेमंत सोरेन को पद पर बैठने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। अब झारखंड की जनता के खड़ा होने और सरकार के काम का मूल्यांकन करने का समय है। अगले 20 महीने तक हम चौन से नहीं बैठेंगे। इस मार्च के जरिए आजसू के कार्यकर्ता संकल्प लेकर गांव-गांव जाएं, हर घर परिवार से जुड़ें। समाजिक न्याय हमारी लड़ाई का आधार है।

*भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना दिया*

उन्होंने कहा कि झारखंड में भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना दिया गया है। हेमंत सोरेन कहते हैं कि केंद्र सरकार की एजेंसियां उन्हें तंग कर रही हैं। सोरेन यह क्यों नहीं मानते कि की राज्य की नौकरशाही और नेतृत्व दोनों गैर जवाबदेह हैं। सरकार का मतलब हेमंत सोरेन उनके परिवार का विकास है। यहां हर पद की बोली लगती है। ‘दान’ के लिए जो तैयार होगा उसे ऊंचा व मनचाहा पद मिलेगा। बिना चढ़ावा कोई काम नहीं होता। 40 महीने की सरकार में भ्रष्टाचार के मामले में किसी को दंडित नहीं किया गया। क्या राज्य की नौकरशाही बहुत ईमानदार और सेवा के प्रति समर्पित है? आजसू प्रमुख ने एयर एंबुलेंस की योजना पर तंज कसा और कहा कि राज की साधारण और बड़ी आबादी को रोड एंबुलेंस और मुकम्मल प्राथमिक इलाज तो पहले मुहैया करा दें।

*निकाय चुनाव नहीं होने के लिए सरकार जिम्मेदार*

उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के समय भी सरकार ने ओबीसी आरक्षण की अनदेखी की अब निकाय चुनाव में भी वही तस्वीर है सरकार ने ट्रिपल टेस्ट नहीं कराए जब कि हमने ट्रिपल टेस्ट के लिए पंचायत चुनाव के समय ही आवाज उठाई थी। पार्टी के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक गए निकाय चुनाव नहीं होने के लिए सीधे तौर पर सरकार जिम्मेदार है। अब सरकार को निकायों को अफसरों और बाबुओं के हवाले करने की बजाय विस्तार देना चाहिए। जातीय जनगणना और ट्रिपल टेस्ट इस राज्य की जरूरत है और हेमंत सोरेन सरकार इससे मुंह मोड़ रही है।‌ उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर आरक्षण तय करने का अधिकार राज्य सरकार को है लेकिन इसके लिए जरूरी और वैधानिक प्रक्रिया से गुजरना होगा सरकार इन वैधानिक प्रक्रिया से गुजरना होगा। लेकिन सरकार ने इसे उलझाना और अपना पॉलीटिकल एजेंडा बनाना मुनासिब समझा।

*ट्रिपल टेस्ट के प्रति सरकार गंभीर नहीं- चंद्रप्रकाश चौधरी*

चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि मेरी तरफ से माननीय सुप्रीम कोर्ट में पिछड़ों को पंचायत चुनाव में आरक्षण सुनिश्चित कराने को लेकर याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को स्पष्ट आदेश दिया कि राज्य में अगला जो भी चुनाव हो, उससे पहले ट्रिपल टेस्ट सुनिश्चित हो। लेकिन पिछड़ा विरोधी सरकार ने इस आदेश की अवमानना करते हुए नगर निकाय चुनाव में भी पिछड़ों के लिए आरक्षित सीटों को अनारक्षित कर दिया। हमने पुनः सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन सरकार ने इतने महीनों बाद भी ना ट्रिपल टेस्ट कराया और ना ही इस दिशा में कोई पहल किया। इसके विपरीत राज्य के 34 निकाय परिषद के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त कर दिया गया तथा सभी शक्तियां व कार्य अब प्रशासक संभालेंगे।

*लूट और झूठ ही हेमंत सरकार की असली पहचान – राममचंद्र सहिस*

सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस ने कहा की झूठ और लूट बुनियाद पर चल रही हेमंत सोरेन सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जनता तैयार है। फर्जी दावे और लोकलुभावन वादे करना ही इस सरकार की पहचान है। सत्ता में आते ही ये बेरोजगारी भत्ता, रोजगार, आरक्षण, स्थानीय नीति, नियोजन नीति, सरना धर्म कोड की बात भूल गए। सरकार ये मत भूले कि जनता ही मालिक है और जनता सब देख रही है।

*मुट्ठियां भीचे निकले हजारों राज लहराये झंडे, गूंजते रहे नारे*

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज सुबह से ही नेताओं, कार्यकर्ताओं ,समर्थकों का झंडे-बैनर गाजे-बाजे के साथ रांची पहुंचना शुरू हो गया था।‌ इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। मोराबादी स्थित बापू वाटिका से निकला मार्च कचहरी चौक, रातू रोड रोड होते हुए यह मार्च हरमू मैदान पहुंचा। लगभग 6 किलोमीटर तक इस मार्च की अगुवाई खुद सुदेश कुमार महतो ने की। मार्च में ‘वोट हमारा राज तुम्हारा’, श्धोखेबाज हुकूमत की हर दीवार हिलाने निकले हैंश् जैसे नारे खूब लगे किनारे खूब लगे।

*जिन सात मांगों को लेकर पूरे राज्य में निकली सामाजिक न्याय यात्रा*

• खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति लागू करो
• जातीय जनगणना एवं पिछड़ों को आबादी अनुसार आरक्षण सुनिश्चित करो
• पूर्व में जो जातियां अनुसूचित जनजाति की सूची में थी, उन्हें पुनः अनुसूचित जनजाति में शामिल करो
• सरना धर्म कोड लागू करो
• बेरोजगारों को रोज़गार दो
• झारखण्ड के संसाधनों की लूट बंद करो
• झारखण्ड आंदोलनकारियों को सम्मान दो

सामाजिक न्याया यात्रा में चंद्रप्रकाश चौधरी, डॉ. लंबोदर महतो, सुनिता चौधरी, रामचंद्र सहिस, उमाकांत रजक, राजेंद्र मेहता, देवशरण भगत, हसन अंसारी, रोशनलाल चौधरी, हरेलाल महतो, शालिनी गुप्ता, नीरु शांति भगत, निर्मला भगत, यशोदा देवी, तरुण गुप्ता, अर्जुन बैठा, हकीम अंसारी, भरत कांशी, रामधन बेदिया, तिवारी महतो, अनूप पांडेय, नजरूल हसन हासमी, विकास राणा, संजय महतो, तिवारी महतो, नन्दू पटेल, काशी नाथ सिंह, रवि शंकर मौय, माधव चंद्र महतो, लाल गुड्डू नाथ शाहदेव, राधेश्याम गोश्वामी, राजेंद्र शाही मुण्डा, बीणा चौधरी, बनमाली मंडल इत्यादि मुख्य रूप से शामिल थे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.