रिपोर्ट- बिनोद सोनी…
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् के बैनर तले बनाया गया मानव श्रृंखला।
विभिन्न आदिवासी सामाजिक-धार्मिक संगठन मावन श्रृंखला में शामिल हुएं।
सरना धर्म कोड़ की मांग को लेकर बनाया विशाल मानव श्रृंखला।
आदिवासी समुदाय की मांग, 2021 की जनगणना से पूर्व जोड़ा जाए सरना धर्म कोड़ का कॉलम।
राँची: राज्य में सरना धर्म कोड लागू करने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। बीते रविवार को राज्य के कई जिलों में सरना धर्म कोड़ की मांग को लेकर आदिवासी समुदाय के सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने मानव श्रृंखला का निर्माण किया था, वही सोमवार को अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् के बैंनर तले आदिवासी समुदाय के कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने एक बार फिर हरमू पुल से लेकर बिरसा चौक तक विशाल मानव श्रृंखला का निर्माण किया। इस दौरान आदिवासी समुदाय के लोग सरना धर्म कोड़ की मांगों से जुड़ी तख्तियां अपने हांथों में पकड़े हुए थें।
इस विशाल मानव श्रृंखला का नेतृत्व परिषद् की प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व शिक्षा मंत्री गीता श्री उरांव कर रही थीं। इनका कहना है कि, मानसून सत्र में ही इस पर चर्चा कर कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाए और जल्द से जस्द केन्द्र सरकार को भेजा जाए, ताकि 2021 में होने वाली जनगणना में सरना धर्मावलंबियों का एक अलग सरना धर्म कोड़ को कॉलम हो।
वहीं सरना समिति के सदस्य नारायण उरांव ने कहा है कि राजनीतिक दल हर चुनाव में अपने मेनिफेस्टो में सरना धर्म कोड लागू करने की बात तो करते हैं, लेकिन इसे लागू नहीं करते है। साथ ही उन्होंने कहा है कि हमारे धर्म संस्कृति को हिंदू धर्म से ना जोड़ा जाए, हमारी एक अलग धर्म और पहचान है। राज्य सरकार जल्द से जल्द सरना धर्म कोड को लागू करें ये झारखंड के आदिवासियों की मांग है।