अनील टाईगर की हत्या का आक्रोश दिख रहा है रांची की सड़कों पर, कई चौक-चौराहें जाम…

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रिपोर्ट- वसीम अकरम…

रांची(कांके प्रखंड)- राजधानी रांची में हत्या का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कुछ माह से राजधानी में लगातार हत्याएं हो रही है। अपराधी बेखौफ होकर हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। अपराधी कितने बैखौफ है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, थाना से महज कुछ मीटर की दूरी पर ही दिन-दहाड़े हत्या कर दे रहे हैं।

कांके थाना से कुछ मीटर की दूरी पर अपराधियों ने मारी गोलीः

बुधवार को अपराधियों ने कांके थाना से महज कुछ ही मीटर की दूरी पर भाजपा के वरीष्ठ नेता सह पूर्व जिला परिषद् सदस्य अनील टाईगर की गोली मार कर हत्या कर दी। घटना के वक्त अनील टाईगर कांके चौक के पास ही स्थित एक झोपड़ीनुमा चाय की दुकान पर बैठे हुए थें, तभी बाईक से पहुंचे दो अपराधियों ने पीछे से उनकी सीर पर गोली मार दी, जिससे उनकी मौत गई। हलांकी भागने के क्रम में स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से पुलिस ने एक अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है।

रांची के कई चौक-चौराहे जामः


अनील टाईगर के शव के पास विलाप करते परीजन.


कांके के सभी बाजार बंद, पसरा सन्नाटा.


बंद के दौरा सड़कों पर पसरा सन्नाटा, गश्त करती पुलिस.


रातु रोड़ मेट्रो गली के पास सड़क जाम करते बंद समर्थक.

घटना से आक्रोशित स्थानीय लोग और भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांके चौक जाम कर घंटो प्रदर्शन किया। इस घटना के विरोध में प्रदेश भाजपा द्वारा 27 मार्च को रांची बंद का आह्वान किया है। 27 मार्च को सुबह से ही भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर जगह-जगह जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की जा रही है। लोगों का कहना है कि हेमंत सरककार के कार्यकाल में अपराधी बैखौफ हो कर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। मानों अपराधियों के हेमंत सरकार ने खुली छुट दे रखी है।

हेमंत सरकार से अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी और मुआवजा की मांगः

बंद का असर राजधानी रांची के सभी मुख्य सड़क बाजार और यातायात व्यवस्था में देखा जा रहा है। हलांकि अनिवार्य जरुरतों को बंद से मुक्त रखा गया है।
इधर कांके प्रखंड में बंद का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है। यहां भाजपा नेता, कार्यकर्ताओं के अलावा आम लोग भी सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे ये पता चलता है की अनील टाईगर स्थानीय लोगों के बीच कितने लोकप्रिय थें। प्रदर्शऩकारियों ने हेमंत सरकार से अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी और उनके परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है। बंद समर्थक, हेमंत सरकार और झारखंड पुलिस की जम कर आलोचना कर रहे हैं। लोगों की मानें तो इस सरकार में जब बड़े-बड़े नेता और अधिकारी की हत्या दिन दहाड़े कर दी रही है तो आम जनता कितने सुरक्षित हैं ये समझा जा सकता है।

बताते चलें कि अनील टाईगर पूर्व में आजसू पार्टी के कद्दावर नेता रहने के दौरान जिला परिषद् सदस्य भी थें। इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा। अनील टाईगर लगातार पांच बार महाबीर मंडल कांके के अध्यक्ष रहे चुके हैं। इस बार भी उन्हें महाबीर मंडल कांके का अध्यक्ष चुना गया था। समाजिक कार्यों में उनकी भागेदारी बढ़- चढ़ कर रहती थी।

घटना के बाद से अनील टाईगर के परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों को ये विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनके जैसे सामाजिक व्यक्ति की हत्या भी हो सकती है।

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