मैक्लुस्कीगंज में सैंकड़ों महिलाओं के साथ रिकवरी एजेंट, कर्ज वसुली के लिए कर रहे हैं गुंडागर्दी…
रिपोर्ट- मो. मुमताज अहमद, खलारी
रांची(खलारी)- मैक्लुस्कीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत हेसालाग समेत कई गांवों में इन दिनों ग्रामीण कर्जधारकों के उपर कर्ज वसूली एजेंटों की दादागिरी देखने को मिल रही है। मैक्लुस्कीगंज के ग्रामीण ईलाकों में सिटिंग माइक्रो फाइनेंस कंपनी, समरसता माइक्रो फाइनेंस कंपनी, आरबीएल माइक्रो फाइनेंस कम्पनी, मिडलाइन माइक्रो फाइनेंस कंपनी, अन्नपूर्णा माइक्रो फाइनेंस कंपनी, उत्कर्ष माइक्रो फाइनेंस और युनिटी माइक्रो फाइनेंस कंपनी सहित कई अन्य कंपनियां महिला समुहों को कर्ज उपलब्ध करवाने का काम कर रही है।
ग्रामीण पीड़ित महिलाएं बताती हैं कि, ये कंपनियां काफी आसानी से महिलाओं को कर्ज उपलब्ध करवाती है, लेकिन कर्ज वसुली के दौरान गुंडागर्दी करने से बाज नही आते। महिलाएं बताती हैं, कि समय पर कर्ज भुगतान नहीं करने पर किसी के घर से बकरी उठा कर ले गया तो किसी के घर से महिला का जेवर तक खुलवा लिया। महिलाओं के साथ अपशब्दों का उपयोग करना, इन कर्ज वसुली एजेंटों के लिए आम बात हो गई है। इतना ही नहीं ये एजेंट रात के अंधेरे में भी कर्ज वसुली के नाम पर घरों में प्रवेश कर जाते हैं।
एजेंटों के दबाव के कारन मुझे फिर से कर्ज लेना पड़ाः पीड़िता
एक पीड़ित महिला ने बताया कि मेरे पति दिहाड़ी मजदुरी का काम करते हैं। कभी काम मिलता है और कभी नहीं भी मिलता है। मैंने 30 हजार रुपये कर्ज लिया था, जो पति के ईलाज में खर्च हो गया। मैं समय पर कर्ज नहीं भर पा रही थी। कंपनी के एजेंट मुझ पर लगातार कर्ज भरने का दबाव बनाते हैं, जिसके बाद मैंने दूसरी कंपनी से कर्ज लेकर पूर्व के कंपनी का कर्ज भरा। वर्तमान में मैं किसी तरह अपनी परिवार का पालन पोषण कर पा रही हूं। कंपनी के एजेंट से मैं थोड़ी मोहलत मांग रही हूं, लेकिन वे लोग समय पर ही कर्ज भरने का दबाव बना रहे हैं। बार-बार रात के समय घर में आकर गाली-गलौज करते हैं।
शायं के समय घर पर पहुंच कर महिला से नोंक-झोंक करते रिकवरी एजेंट
दो बकरी उठा कर ले गएं रिकवरी एजेंटः
वहीं एक अन्य महिला बताती हैं कि मैंने 35 हजार रुपये लॉन लिया था जिसमें से 15 हजार का लॉन मैं वापस कर चुकी हूं। समय पर बाकी लॉन नहीं चुका पाने के कारन कंपनी के एजेंट मेरे घर सो दो बकरी उठा कर ले गएं। मैं कुछ और समय मांगते हुए गिड़गिड़ाते रही, लेकिन वे लोग नही रुकें।
मेरे घर में ताला लगा दिया था, मैं 45 दिनों तक बच्चों के साथ ठोकरें खाती रहीः पीड़िता
वहीं एक पीड़िता अन्य पीड़िता ने बताया कि रिकवरी एजेंटों की दबंगई से परेशान होकर मुझे और मेरे परिवार को घर से बेघर होना पड़ा। उन लोगों ने मेरे घर में ताला लगा दिया था, जिसके कारन मैं पुरे 45 दिनों तक घर से बाहर रही। मेरी सास की मृत्यु के बाद जब मैंने लोगों से कर्ज लेकर कंपनी को कर्ज चुकाया, तब जाकर मेरे घर का ताला खोला गया। इस बीच मैं काफी परेशान रही। अपने बच्चों के साथ दर-दर की ठोकरें खाती रही।
माईक्रो फाईनान्स कंपनियों के स्थानीय शाखा प्रबंधकों का पक्षः
इस पुरे प्रकरण पर “ताजा खबर झारखंड” के संवाददाता, मो. मुमताज अहमद ने कई माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के मैनेजर और रिकवरी एजेंटों से बात की…समरस्ता माइक्रो फाइनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर चन्दन कुमार दास से महिलाओं द्वारा उपलब्ध करवाए गए नम्बर पर फोन कर बात की गई। उन्होंने कहा कि हमारी कम्पनी के एजेंट द्वारा किसी भी महिला के साथ दर्व्यवहार नहीं किया गया है। महिन्द्रा माइक्रो फाइनेंस कंपनी के मोबाइल संख्या 7858084760 पर दो बार सम्पर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन मोबाईल स्विच ऑफ आया। मिड्ललाइन माइक्रो फाइनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर अजय कुमार ने कहा कि मेरे कम्पनी का कोई भी अधिकारी ऐसा नहीं है, जो महिलाओं से गलत व्यवहार करे। अगर इस तरह का ग़लत व्यवहार महिलाओं के साथ किया गया है तो जांचोपरांत उनके उपर कानूनी कारवाई की जाएगी। महिलाओं के मान-सम्मान को ठेस पहुंचा कर कम्पनी कार्य नहीं करती।
डालसा प्रतिनिधि रंजना गिरी ने सरकार से की मांगः
इस मामले में विधिक सेवा प्राधिकरण, डालसा की प्रतिनिधि रंजना गिरि ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की गरीब महिलाओं को कम व्याज का प्रलोभन देकर पहले तो कर्ज के बोझ तले लाद दिया जाता है, फिर कर्ज वसुली के लिए उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। रंजना गिरी ने सरकार से आग्रह किया है कि ऋण देने वाले ऐसी कम्पनियों पर प्रतिबंध लगाने का काम करे, जो ऋण देकर वसुली के लिए महिलाओ का शोषण कर रही है।
लोकसभा में वित्त मंत्री ने मानवता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखने को कहा हैः
चीटफंड कंपनियों द्वारा महिलाओं के साथ उत्पीड़न का मामला पिछले कुछ महिनों में इस कदर बढ़ा है, कि अब ये चिंता का विषय बन चुका है। देश की वित्ता मंत्री, निर्मला सीतारमण ने इसी साल जुलाई माह में लोकसभा में इस मामले में कहा कि, बैंको द्वारा कर्ज वसुली के क्रम में बेरहमी से कार्रवाई किये जाने की काफी शिकायतें सुनी है। सरकार ने सभी सार्वजनिक और निजी बैंकों को निर्देश दिया है कि, जब कर्ज भुगतान की प्रक्रिया की बात आती है तो कठोर कदम नहीं उठाए जाने चाहिये। कर्ज दाता बैंक और निजी कंपनियों को कर्ज वसुली के क्रम में मानवता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखना जरुरी है।
आरबीआई के गाईड लाईनः
*रिकवरी एजेंड उधारकर्ता से सुबह के 8 बजे से शायं के 7 बजे तक ही संपर्क कर सकता है।
*रिकवरी एजेंट उधारकर्ता के घर बिना बताए नहीं आ सकता है।
*अगर रिकवरी एजेंट उधारकर्ता से मिलना चाहता है, तो उधारकर्ता को मिलने के लिए स्थान तय करना होगा।
*रिकवरी एजेंट को उधारकर्ता के साथ मीटिंग के लिए प्राधिकरण पत्र साथ में रखना होगा।
*रिकवरी एजेंट उधारकर्ता को अपमानित नहीं कर सकता है।
*उधारकर्ता के साथ एजेंट अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
एजेंट द्वारा परेशान किये जाने पर उधारकर्ता के अधिकारः
*उधारकर्ता एजेंट के खिलाफ स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करवा सकता है।
*उधारकर्ता कंपनी के एजेंट और कंपनी के खिलाफ सिविल कोर्ट में मामला दर्ज करवा सकता है।