झारखंड किसी विशेष जाति या समुदाय का नहीं, सभी जाति-धर्म के लोगों का हैः बबन चौबे, अध्यक्ष, राष्ट्रीय जयहिन्द सेना

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

रांचीः राजधानी रांची में भाषा विवाद को लेकर भोजपुरी, अंगिका, मैथिली मंच आज दिनांक 6 मार्च को झारखंड बंद का आह्वाहन किया गया था। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बंद समर्थको द्वारा शहीद चौक रांची से दर्जनों की संख्या में अल्बर्ट एक चौक तक जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान बंद समर्थक 1932 का खतियान नहीं चलेगा, भोजपुरी, मगही, मैथिली का सम्मान करना होगा जैसे नारे लगा रहे थें। इस दौरान पूर्व से सैंकड़ों की संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव को गिरफ्तार कर कोतवाली थाना ले जाया गया।

गिरफ्तारी से पूर्व मीडिया से बात करते हुए मंच के अध्यक्ष, कैलाश यादव ने कहा कि, बंद सफल रहा। भोजपुरी, मगही और मैथिली को राज्य के सभी जिलों में लागू किया जाए। कैलाश यादव ने ये भी कहा कि डोमिसाईल का कट ऑफ डेट 15 नवंबर 2000 होना चाहिए।

वहीं राजधानी रांची के सदर थाना क्षेत्र स्थित कोकर चौक पर भी राष्ट्रीय जयहिंद पार्टी ने भी पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत दोपहर 12:30 बजे कोकर चौक से जुलूस के रूप में आहूत झारखंड बंद के समर्थन में शांतिपूर्ण आग्रह पूर्वक बंद कराने के लिए परमवीर अल्बर्ट एक्का चौक की ओर रवाना हुएं। प्रदर्शनकारियों को झारखंड के वीर शहीद, धरती आबा बिरसा मुंडा के समाधि स्थल पर नमन करते हुए अल्बर्ट एक्का चौक की ओर जाना था, लेकिन सदर थाना प्रभारी द्वारा प्रदर्शनकारियों को अल्बर्ट एक्का चौक की ओर जाने नहीं दिया गया। सभी प्रदर्शनकारियों को पुलिस अपने घेरे में लेते हुए सदर थाना लेकर पहुंची। जहां उन्हें घंटो कैद रखा गया।

जुलूस का नेतृत्व पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष बबन चौबे ने किया। मीडिया से बात करते हुए बबन चौबे ने कहा कि, पार्टी वर्ष 1932 के खतियान को स्थानीयता का आधार बनाए जाने का कड़ा प्रतिकार करती है, क्योंकि उस समय अंग्रेजी हुकूमत थी। झारखंड में स्थानीयता का आधार 15 नवंबर 2000 होना चाहिए। बबन चौबे ने स्पष्ट किया कि, झारखंड सभी जाति-धर्म के लोगों का है। ये राज्य किसी विशेष जाति अथवा समुदाय के लिए नहीं बना है। बंद समर्थक 1932 का खतियान नहीं चलेगा, राष्ट्रीय एकता जिंदाबाद, अंग्रेजों के दलालों होश में आओ का नारा लगा रहे थें।

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