6 मार्च को सम्पूर्ण झारखण्ड बंद रहेगा, प्रतिकार सभा में लिया गया फैसला…..
रिपोर्ट :- बिनोद सोनी….
राँची: पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज दिनांक 27/2/22 को हेमन्त सरकार द्वारा बोकारो धनबाद से भोजपुरी मगही को क्षेत्रीय भाषा से हटाने के फैसले के खिलाफ एवं 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति मांग के विरोध में तथा राज्य के सभी जिलों में उर्दू के तर्ज पर भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका एवं हिंदी को क्षेत्रीय भाषा में शामिल करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका मंच के बैनर तले 28 संगठनों का हरमू विद्यानगर (रांची) में प्रतिकार सभा संपन्न हुआ।
सभा में रांची के अलावा जमशेदपुर गिरिडीह बोकारो धनबाद सिमडेगा पलामू चतरा गोड्डा सहित अन्य जिलों से आए प्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिनिधियों ने संबोधन के दौरान अक्रोश व्यक्त करते हुए राज्य में हेमन्त सरकार के कार्य प्रणाली पर जमकर विरोध किया और कहा कि मंच के माध्यम से झारखण्ड में भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका और हिंदी भाषा के अस्मिता के लिए तथा 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति की आधारहीन एवं असंवैधानिक मांग का पूरी एकजुटता के साथ समूचे राज्य में विरोध किया जायेगा।
सभा में संबोधन के दौरान मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि राज्य में भाषाई विवाद और 1932 खतियान जैसे विषय हेमन्त सरकार द्वारा निश्चित रूप से प्रायोजित है क्योंकि सरकार में आसीन शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो द्वारा झारखंड में युगों से निवास करने वाले तीसरी चौथी पीढ़ी के बहुसंख्य बिहारियों व अन्य को भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका भाषा को आधार बनाकर लगातार घुसपैठिए, अतिक्रमणकारी और बाहरी बोलकर निजी हमला करवाया गया। जोकि लोकतांत्रिक व्यवस्था के विपरीत एवं राज्यहित तथा जनहित में बिल्कुल अमानवीय कृत्य है।
ज्ञातव्य है कि राज्य में प्रायोजित भाषाई विवाद को लेकर प्रदर्शन के दौरान जेएमएम कार्यकर्ताओं व आंदोलनकारियों द्वारा बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविंद्र राय की गाड़ी को हरर्वे हथियार के साथ क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
यादव ने कहा की झारखंड की पूर्व सरकारें द्वारा ली गई निर्णयों के अनुसार राज्य में 16 भाषाओं को द्वितीय राजभाषा का कानूनी मान्यता प्राप्त है, जिसे जिलास्तर पर पलामू गढ़वा लातेहार एवं बोकारो धनबाद में भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका को क्षेत्रीय भाषा की सूची में प्राथमिकता के साथ जोड़ी गई थी। लेकिन बेहद चिंताजनक सवाल है कि हेमन्त सरकार ने दिसंबर 2021 में बोकारो धनबाद में भोजपुरी मगही को क्षेत्रीय भाषा में शामिल किया, लेकिन इस फैसले के कुछ दिनों बाद से ही शिक्षा जगरनाथ महतो व जेएमएम नेताओ द्वारा एक सुनियोजित तरीके से विरोध कर सरकार पर लगातार दबाव बनाकर राज्यभर में नफरत का माहौल बनाया गया। उसके उपरांत बगैर किसी आधार के हेमन्त सरकार ने तुगलकी फैसले लेकर भोजपुरी मगही को बोकारो धनबाद से क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटा दिया। जबकि राज्य में क्षेत्रीय भाषा की सूची में राष्ट्रभाषा उर्दू को सभी 24 जिलों में शामिल कर दिया और हिंदी राष्ट्रभाषा/मातृभाषा दरकिनार कर प्रतियोगिता परीक्षाओं से अनिवार्यता समाप्त कर दिया।
प्रतिकार सभा में मंच ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि अब सभी 24 जिलों में द्वितीय राजभाषा भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका एवं हिंदी को उर्दू के तर्ज पर क्षेत्रीय भाषा में शामिल करने तथा 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति के आधारहीन व असंवैधानिक मांग के विरोध में आगामी दिनांक 6′ मार्च को सम्पूर्ण “झारखण्ड बंद” करने का घोषणा किया जाता है।
जयहिंद पार्टी के बबन चौबे ने कहा कि जबतक हेमन्त सरकार अपने फैसले को निरस्त नही करेगी तबतक राज्यभर में चरणबद्ध तरीके से जिलास्तर पर प्रतिकार सभा किया जाएगा !
जेडीयू नेता उपेन्द्रनाराय सिंह ने कहा कि मंच द्वारा घोषित 6 मार्च को झारखंड बंद के पहले हेमन्त सरकार भोजपुरी मगही हटाने के निर्णय को वापस ले लेती है तब झारखंड बंद को स्थगित कर दिया जाएगा अन्यथा आंदोलन तेज किया जाएगा !
मंच द्वारा प्रस्ताव पारित :-
- भोजपुरी मगही भाषा हटाने के विरोध में दिनांक 6′ मार्च 2022 को सम्पूर्ण झारखण्ड बंद रहेगा एवं सभी जिलों में 5 मार्च को बंद के पूर्व संध्या पर तमाम संगठनों द्वारा मशाल जुलूस निकाला जाएगा ।
- सरकार सभी जिलों में भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका एवं उर्दू के तर्ज पर हिंदी को क्षेत्रीय भाषा में अविलंब शामिल करने का फैसले ले अन्यथा जनांदोलन और तेज होगा।
- झारखण्ड में स्थानीय नीति राज्य स्थापना वर्ष 15 नवंबर 2000 का आधार तय हो या एक साथ बने छत्तीसगढ़ उत्तराखंड के तर्ज पर स्थानीय नीति का आधार तय हो।
- राज्य में अगर भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका एवं हिंदी भाषी बहुसंख्य बिहारियों व अन्य को घुसपैठिए,अतिक्रमणकारी और बाहरी बोल निजी हमला किया जाएगा तथा 1932 खतियान की मांग होगा तो मंच अलग (मगध राज्य) बनाने का मजबूती से मांग करेगा।
- कांग्रेस बीजेपी जेएमएम विधायको से अपील घोषित 6 मार्च को झारखंड बंद के पहले हेमन्त सरकार द्वारा बोकारो धनबाद से भोजपुरी मगही को क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटाने के खिलाफ सदन में सवाल कर तुगलकी आदेश को निरस्त कराएं अन्यथा आक्रोषित मंच/संगठनों द्वारा विधायको का जमकर प्रतिकार होगा।
सभा में सुबोध ठाकुर, योगेंद्र शर्मा, उपेंद्र नारायण सिंह, बबन चौबे, गोल्डन यादव, राजकिशोर सिंह, नवल किशोर शर्मा, कैलाश गिरी, नवल किशोर शर्मा, विष्णु चौबे, जैनेंद्र राय, प्रो गोपाल यादव, नंद किशोर मंडल, सुधीर तिवारी, अभिषेक सिंह, शंकर यादव, गंगा प्रसाद यादव, भगवान राय, ब्रजनाथ राय, ऋषिकेश कुमार सहित अन्य लोगो ने संबोधन किया इस दौरान काफी लोग मौजूद रहे।