रिपोर्ट- संजय वर्मा…
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत कुटमू पंचायत के हजारो ग्रामीण पहुंचे उपायुक्त कार्यालय।
धजवा पहाड़ बचाव संघर्ष समिति को मिला जन संगठनों और सामाजिक संगठनों का साथ।
ग्रामीण और जन संगठन ने जिला प्रशासन पर लगाया माफिया और दबंगों को संरक्षण देने का आरोप।
एसडीओ ने जांच का दिया आश्वासन।
एसडीओ दो दिनों के अंदर जाएंगे बरवाही धजवा पहाड़, आंदोलनकारियों से करेंगे बात।
रांचीः मंगलवार को “धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति” के बैनर तले चल रहे डेरा डालो, घेरा डालो आंदोलन के तहत पांडू प्रखंड के कुटमू पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण महिला एवं पुरुष इस कड़कड़ाती ठंड में पिछले 26 दिनों से पहाड़ के उपर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं, जिसकी खबर प्रखंड से लेकर जिला प्रशासन तक को है, और अंचल के अमीन और सीआई ने नापी कर ये स्पष्ट भी कर दिया है कि खनन अवैध है, बिना लिज के ही धजवा पहाड़ पर पत्थर खनन किया जा रहा है, बावजुद इसके किसी भी अधिकारी के द्वारा अब तक पत्थर माफिया के खिलाफ कोई मामला दर्ज कर कार्रवाई नहीं किया गया है। अधिकारियों ने इस मुद्दे को लेकर लगातार 26 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे ग्रामीणों से मुलाकात कर किसी भी तरह का कोई आश्वासन नहीं दिया, जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने ‘धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति’ के बैनर तले उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया।
पत्थर-बालू माफियाओं को संरक्षण देना बंद करे जिला प्रशासन के अधिकारीः युगल किशोर पाल, जन संग्राम मोर्चा
धजवा पहाड़ बचाओ जन संघर्ष समिति के आंदोलन को शुरु से ही साथ दे रहे, जन संग्राम मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष, युगल किशोर पाल ने उपायु्क्त कार्यालय के समक्ष महाधरना को संबोधित करते हुए अधिकारियों पर पत्थर-बालू माफिया और दबंगों को प्रश्रय देना का आरोप लगाते हुए कहा, कि जिला प्रशासन के संरक्षण में माफिया और दबंग गलत कार्य कर रहे हैं। गलत तरीके से बिना पत्थर और बालू का पूरे पलामू प्रमंडल में उत्खनन हो रहा है, लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी आंख बंद किए हुए हैं, मानों इनके कहने पर ही सभी अवैध उत्खनन हो रहे हैं, इसलिए इन अवैध कार्यों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं पूरे पलामू प्रमंडल में हाल के दिनों में दलित और आदिवासियों पर अत्याचार और शोषण की घटना में इजाफा हुआ है। पीड़ित परिवार शिकायत लेकर थाने में जाते हैं, लेकिन उनकी नहीं सुनी जाती है। मानों संविधान का उल्लंघन करना इन पुलिस अधिकारियों की नियति बन चुकी है। जिला प्रशासन अविलंब इन इन अबैध कार्यों पर रोक लगाते हुए शोषित पीड़ितों के पक्ष में काम करते हुए इन्हें न्याय दिलाने का काम करे, अन्यथा ग्रामीणों में आक्रोश की जो ज्वाला भड़की है, उससे भ्रष्ट अधिकारी भी नहीं बचेंगे।
अनुमंडल पदाधिकारी ने जांच कराने का दिया आश्वासन, स्वंय जाएंगे धरना स्थलः
14 दिसंबर को अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आक्रोशित ग्रामीणों ने हजारों की संख्या में पांडू प्रखंड के विभिन्न गांवो से चलकर पलामू जिला मुख्यालय पहुंचे और उपायुक्त कार्यालय का घेराव कर पुरजोर तरीके से नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को उपायुक्त के समक्ष रखा। जिला प्रशासन की तरफ से विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों के बीच अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) पलामू स्वयं आए और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। प्रदर्शनकारियों ने उन्हें अपना मांग पत्र सौंपा। अनुमंडल पदाधिकारी ने जल्द ही अपने स्तर से जांच कराने का आश्वासन आंदोलनकारियों को दिया। मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि वे स्वयं धरना स्थल पर आएंगे और ग्रामीणों से बातचीत कर धरना को समाप्त करने का आग्रह करेंगे|
उपाय़ुक्त कार्यालय के समक्ष आयोजित इस विशाल उपायुक्त कार्यालय घेराव कार्यक्रम में जन संग्राम मोर्चा, सीपीआई-एम रेड स्टार, झारखंड क्रांति मंच, भाकपा माले, मूलनिवासी संघ समेत कई सामाजिक संगठन और धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले कुटमू पंचायत के हजारों ग्रामीणों ने भाग लिया।
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