“ताजा खबर झारखंड” के खबर का असर, बाल संरक्षण आयोग द्वारा उच्च विद्यालय, उरुगुट्टू में हुई घटना की जांच शुरु, जांच में प्रधानाचार्या को पाया गया दोषी…

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रिपोर्ट- वसीम अकरम

राँचीः कांके प्रखंड के ऊरुगुट्टू पंचायत स्थित राज्यकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय में छात्रो को प्रधानानचार्य, अंजना ज्योत्सना तिग्गा द्वारा विद्यालय परिसर में ईंट ढुलवाया जा रहा था। ईंट ढ़ोने का क्रम में 8वीं कक्षा का छात्र गीर कर जख्मी होने के बाद बेहोश हो गया था, जिसका ईलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है। इस खबर का प्रसारण घटना के दिन 6 मई को “ताज़ा खबर झारखंड” में प्रमुखता के साथ प्रसारित करने के साथ ही साथ घटना की जानकारी झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, काजल यादव को ताजा खबर के मुख्य संवाददाता वसीम अकरम द्वारा ट्वीट कर दिया गया था।आयोग की टीम की मदद से बेहतर ईलाज के लिए घर से रिम्स ले जाते पीड़ित बच्चे के अभिभावक.

आयोग की टीम ने घटना के दौरान स्कूल में मौजुद लोगों से ली जानकारीः

आयोग की अध्यक्ष, काजल यादव ने ताजा खबर झारखंड के इस खबर को गंभीरता से संज्ञान में लिया और गुरुवार को आयोग की टीम राज्यकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय, उरुगुट्टू पहुँची। अध्यक्ष, काजल यादव और सदस्य सुनील कुमार ने विद्यालय परिसर में भ्रमण कर पूरे मामले की गंभीरता से जांच की। इस दौरान घटना के वक्त स्कूल में मौजुद शिक्षक, रसोईया और अन्य लोगों से बात कर पुरे मामले की जानकारी ली। इसके अलावे पंचायत के जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों और पीड़ित छात्र के माता-पिता से भी बात कर घटना की जानकारी ली।

स्कूल में प्रत्यक्षदर्शियों से घटना की जानकारी लेते आयोग की अध्यक्ष, काजल यादव

पैसे के अभाव में घायल बच्चा घर में ही पड़ा था, आयोग की टीम ने रिम्स में करवाया भर्तीः

पीड़ित छात्र बेहद गरीब परिवार से है और उनके परिजन निजी अस्पताल में बच्चे का ईलाज करवा रहे हैं, जिसमें उनका काफी पैसा खर्च हो चुका है। यहां तक की बच्चे के पिताजी जो दैनिक मजदुरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं उन्हें बच्चे के ईलाज के लिए कर्ज तक लेना पड़ा है। कर्ज में डुबे पीड़ित बच्चे के अभिभावक ने पुरा ईलाज करवाए बिना ही बच्चे को घर ले आए थें, जहां उसकी स्थिति अब भी ठीक नहीं थी। आयोग की अध्यक्ष काजल यादव जब बच्चे के घर पहुंची तो बच्चे की नाजुक स्थिति को देखते हुए तुरंत उन्होंने सबसे पहले बच्चे को बेहतर ईलाज के लिए रिम्स में भर्ती करवाया।

पीड़ित बच्चे के घर में आयोग की टीम अभिभावकों से जानकारी लेते.

दोषी प्रधानाचार्या पर कार्रवाई करने के लिए अनुशंसा की जाएगीः अध्यक्ष, बाल संरक्षण आयोग, झारखंड

आयोग की अध्यक्ष, काजल यादव ने ताजा खबर झारखंड से बात करते हुए बताया कि, मामला काफी संगीन है, बच्चों के पढ़ाई के समय में ईंट ढुलवाया जा रहा था, ये जानकारी घटना के दौरान स्कूल में मौजुद रसोईया समेत अन्य लोगों ने दी है। घटना की जांच गंभीरता से की जा रही है। दोषी पर कार्रवाई जरुर होगी।

प्रधानाचार्या, मामले को रफादफा करने के लिए अभिभावक पर दबाव बनवा रही थीः 

प्रधानाचार्य मामले को दबाना चाहती थी, इसीलिए अपने सहयोगियों से मिलकर मामले को दबाने के लिए छात्र के अभिभावक को इलाज के लिए 25 हजार रुपये देने काम किया। इतना ही नहीं अभिभावक द्वारा ठाकुरगांव थाना में लिखित शिकायत भी किया गया था, लेकिन प्रधानाचार्या अंजना ज्योत्सना तिग्गा ने अपने सहयोगियों के माध्यम से पीड़ित बच्चे के अभिभावक पर दबाव डाल कर थाना में दर्ज करवाए गए शिकायत को वापस लेने के लिए मना लिया। आयोग की टीम घटना की पूरी जांच करने के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए अनुशंसा करेगी।

6 मई को इंट ढुलवाने के क्रम में हुई थी घटनाः

जानकारी देते चले की 6 मई को कांके प्रखंड के ऊरगुट्टू पंचायत स्थित राज्य उत्क्रमित उच्च विद्यालय में आठवीं कक्षा का छात्र साहिल अंसारी स्कूल परिसर में बेहोशी की हालत में पाया गया था। जिसे आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में पता चला कि विद्यालय में प्रधानाचार्य के द्वारा विद्यालय के टूटे बाथरूम के ईट को छात्रों द्वारा ढुलवाया जा रहा था। इसी दौरान हादसा में साहिल अंसारी गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गया था और प्रधानाचार्या ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाने के बजाय घायल हो कर बेहोश पड़े बच्चे को रसोईया के कमरे में बिस्तर पर सुला दिया और उसके होंश में आने का ईंतेजार करते रही। किसी तरह घटना की जानकारी बच्चे के अभिभावकों को मिली और उन्होंने ही बच्चे को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था।

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