सरना, मसना, पहनाई जैसे धार्मिक जमीन की हो रही है धड़ल्ले से बिक्री, दलाल कहते हैं म्यूटेशन कराने में खर्च करना पड़ा है लाखों…

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ब्यूरो रिपोर्ट…

सरना, मसना, पहनाई जैसे धार्मिक जमीन की हो रही है धड़ल्ले से बिक्री, दलाल कहते हैं म्यूटेशन कराने में खर्च करना पड़ा है लाखों…

रांची(नामकुम प्रखंड़)- इन दिनों नामकुम प्रखंड में आदिवासी जमीन की बिक्री, सीएनटी एक्ट के नियमों की धज्जियाँ उड़ाकर खुलेआम हो रही है। हद ये हैं कि, जनजातीय परंपरा और संस्कृति को बचाए रखने के लिए जिस सामूहिक और धार्मिक उद्देश्य के तहत सरना, मसना, पहनाई, महतोई, कोटवारी, भूतखेता, डालिकतारी,कुंडी, गड़हा जैसी जमीन, जिसकी खरीद बिक्री नहीं हो सकती, जिसका लगान भी निर्धारित नहीं है, वैसे धार्मिक जमीन की भी खरीद-बिक्री धड़ल्ले से जारी है।

मामला है नामकुम प्रखंड अंतर्गत कोटवारी गांव का जहां गलत दस्तावेज और गलत जानकारी देकर कर्मचारी अधिकारियो की मिलीभगत से जमीन की बिक्री हो रही है। माल्टी गाँव में कोटवारी जमीन, जतरा स्थल और मसना की जमीन जिसका उल्लेख खतियान में स्पष्ट है, उस जमीन की बिक्री नामकुम अंचल और जिलाधिकारी की मिलीभगत से हो रहा है। ग्रामीणों को इसकी जानकारी तब हुई, जब कई भू-माफिया उस जमीन पर कब्ज़ा करने पहुंचे। इस दौरान जब ग्रामीणों ने पूछताछ किया तो दलालों का कहना था कि, ये जमीन उन्होंने ख़रीदा है और इसका रजिस्ट्री, म्यूटेशन कराने में लाखों रुपये खर्च हुआ है, इसलिए वे हर हाल में जमीन पर कब्ज़ा करेंगे। लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण उन्हें हटना पड़ा।

सोमवार को  इस मामले को लेकर माल्टी अखड़ा में वार्ड सदस्य, रानी कुजूर की अध्यक्षता में बैठक रखा गया। बैठक में पंचायत की मुखिया शारदा टोप्पो, पंचायत समिति सदस्य अंजलि लकड़ा, जिला परिषद सदस्य आरती कुजूर विशेष रूप से उपस्थित रहीं।  उपस्थित ग्रामीणों ने एक स्वर में धार्मिक जमीन की खरीद बिक्री का विरोध किया और इसके लिए आंदोलन करने का निर्णय लिया,  साथ ही जमीन पर गाड़े गए सरना झंहा को उखाड़े जाने पर ग्रामीण काफ़ी आक्रोशित थे। ग्रामीण अब आरपाल की लडाई लडने की बात कह रहे हैं।

बैठक में जिला परिषद सदस्य आरती कुजूर, मुखिया शारदा टोप्पो, पंचायत समिति सदस्य अंजलि लकड़ा, वार्ड सदस्य रानी कुजूर, महादेव गाड़ी,विनोद लकड़ा, राजदीप कच्छप, पंचू लकड़ा, बिटटू लकड़ा सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहें।

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