विश्व आदिवासी दिवस पर अपनी जमीन बचाने के लिए आदिवासियों ने किया पैदल मार्च.

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रिपोर्ट- वसीम अकरम…
रांची(कांके प्रखंड) : 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के दिन कांके रोड सरना समिति के बैनर तल्ले सैंकड़ों आदिवासियों ने अपने परंम्पारिक वेश-भुषा, ढ़ोल-नगाड़ो के साथ आदिवासियों के धार्मिक, सामाजिक जमीनों को संरक्षण हेतू नारा लगाते हुए कांके रोड चाँदनी चौक से मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च किया।
मौके पर मौजूद कांके रोड सरना समिति के अध्यक्ष डब्लू मुण्डा ने कहा कि, विश्व आदिवासी दिवस के दिन पुरा आदिवासी समाज अपने आपको गौरान्वित महसुस करते है, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासियों को अपनी मूल पहचान नही मिली है, जो आदिवासियों के लिए बहूत बड़ा दुर्भाग्य है।
वहीं कार्यकारी अध्यक्ष, शशि मुण्डा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाने का असली मकसद आदिवासियों को एक सूत्र में बांधना और अपने धार्मिक, सामाजिक हक अधिकार के प्रति आदिवासियों को जागरूक करना है।
समिति के संरक्षक सोनू खलखों ने कहा की आज आदिवासियों के उपर चौतरफा हमला हो रहा है। उनके धार्मिक-सामाजिक जमीनों को लूटा जा रहा है। पांचवी अनुसूची क्षेत्र होने के बावजुद सीएनटी एपीटी एक्ट का उल्लंघन कर उनकी जमीनों को लूटा जा रहा है। पेशा एक्ट और वनाधिकार कानून का पालन नही किया जा रहा है। आदिवासियों को संविधान प्रदत अपने अधिकारों को जानना होगा।
‌पैदल मार्च कार्यक्रम में अध्यक्ष डब्लू मुंडा, कार्यकारी अध्यक्ष शाशि मुण्डा, उपाध्यक्ष सतीश खलखो, सलाहकार प्रकाश टोप्पो, महासचिव राजेश लकड़ा, सचिव रंजीत टोप्पो, उप-सचिव लखन मुण्डा, कार्यकारणी सदस्य अमन हेमरोम, अमित खखलो, मंटू मुण्डा सहित सैकड़ों आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद थें।

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