मनरेगा कर्मियों ने सरकार को दिया धमकी, कहा मांगे पुरी करे अन्यथा सरकार को उखाड़ फेकेंगे…

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रिपोर्ट- वसीम अकरम…
रांची:झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ अपनी मांगों को लेकर पिछले 42 दिनों से हड़ताल पर है। सोमवार को सैकड़ो मनरेगाकर्मियों ने ग्रामीण विकास मंत्री, डॉ. इरफान अंसारी के आवास का घेराव किया। मौके पर मंत्री के आवास के बाहर ही सैकड़ो मनरेगा कर्मी अपनी मांगों को ले कर धरने पर बैठ गएं।
मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष, जॉन पीटर बागे ने कहा कि मंत्री जी मनरेगा कर्मियों को ठगने का प्रयास न करें। सिर्फ मानदेय बढ़ोत्तरी ही हमारी मांग नहीं है, मनरेगा कर्मी इस बार सेवा सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और वेतनमान के लिए आंदोलन कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के बहकावे में आकर मंत्री इरफान अंसारी मनरेगा कर्मियों के मानदेय बढ़ोतरी की घोषणा समाचार के विभिन्न माध्यमों से कर रहे हैं। मंत्री ने कहा है कि 3 वर्ष से पहले मानदेय बढ़ोतरी का नियम नहीं है, जबकि कई राज्यों में मनरेगा कर्मियों का प्रतिवर्ष 10% मानदेय बढ़ोतरी का नियम है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उड़ीसा में मनरेगाकर्मियों की सेवा स्थाई कर दी गई है। पूर्वोत्तर के राज्यों में ग्रेड पे का लाभ दिया जा रहा है। स्वयं झारखंड राज्य में राज्य मनरेगा कोषांग में कार्यरत मनरेगा कर्मियों को मंत्री जी ग्रेड पे का लाभ दे रहे हैं लेकिन सरकार के कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी जिनके मनरेगाकर्मियों के कंधे पर हैं, उन्हें अति अल्प मानदेय देकर आर्थिक शोषण किया जा रहा है। किसी कामगार को वाजिब मेहनताना नहीं देना भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। आगे उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के पास अभी भी वक्त है। इससे पहले की मनरेगा कर्मी सरकार को उखाड़ फेंकने का निर्णय ले ले, सरकार को चाहिए कि मनरेगा कर्मियों के सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता कर समस्याओं का समाधान करें। राज्यभर के मनरेगा कर्मी इससे कम किसी भी शर्त पर हड़ताल से वापस नहीं लौटेंगे। आने वाले दिनों में आंदोलन को और अधिक उग्र करके सभी कल्याणकारी योजनाओं को ठप्प कर दिया जाएगा।

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