रिपोर्ट- संजय वर्मा...
रांची(मांडर)- मेधा डेयरी, जो वर्तमान में प्रतिदन 2,70,000(दो लाख सत्तर हजार) हजार लीटर दूध का कलेक्शन झारखंड में कर रही है, इसमें दूध उत्पादक किसान, दूध कलेक्शन सेंटर के ऑपरेटर और दूध मित्रों का बहुमुल्य योगदान है। लेकिन वर्तमान में ये सभी, मेधा मैनेजमेंट की लापरवाही के कारन कई समस्याओं से जुझ रहे हैं। इन्हीं समस्याओं को लेकर मांडर के सोसई आश्रम मैदान में रांची, दुमका, गोड्डा, देवघर, पलामू, लातेहार, गढ़वा, लोहरदगा और खूंटी जिले के दूध उत्पादक किसान, दूध कलेक्शन सेंटर के ऑपरेटर और दूध मित्रों ने बैठक कर हो रही समस्याओं पर चर्चा करते हुए अपनी-अपनी समस्याओं को रखा।
वेरियेशन के लिए मेधा प्रबंधन दूध मित्र और ऑपरेटरो को बता रही है दोषीः
बैठक में देवघर जिले से पहुंचे दूध शीतक केन्द्र के संचालक निलेश कुमार ने कहा कि मांडर विधानसभा, हमारे वर्तमान पशुपालन एवं कृषि मंत्री, शिल्पी नेहा तिर्की जी का विधानसभा क्षेत्र हैं। वर्तमान में हम सभी को जो परेशानी हो रही है, ये उनके विभाग से संबंधित है। हम सभी चाहते हैं कि हमारी समस्याओं से वें अवगत हों और इसका निराकरण करे। निलेश कुमार ने बताया कि हम लोगों को मात्र पांच हजार रुपया प्रोत्साहन राशि दिया जाता है जो परिवार चलाने के लिए नाकाफी है। ये राशि भी हमलोगों को समय पर नहीं दिया जाता है। वर्तमान में मैनेजमेंट द्वारा वेरियेशन के नाम पर बिना सूचना दिये ऑपरेटर और दूध मित्रों के राशि में कटौति कर दिया जा रहा है। मैनेजमेंट को चाहिए कि पहले वेरियेशन किस कारन से हो रहा है इसकी जांच होनी चाहिए।
अपनी खामियों को छुपा रही है मेधा प्रबंधन, मशीनों का नहीं करवाया जाता है रिपेयरिंगः
पलामू के दूध मित्र, इंदल सिंह बताते हैं कि दूध कलेक्शन सेंटर में लगे मशीनों के रख रखाव और खराबी के कारन वेरियेशऩ आ रहा है। इसके लिए मैनेजमेंट सीधे तौर पर जिम्मेवार है। बार-बार शिकायत करने के बाद भी खराब हो चुके मशीन को कंपनी के टेक्निशियन दूर नहीं करते हैं, जिसके कारन वेरियेशन आ रहा है। मेधा मैनेजमेंट वेरियेशन के लिए सीधे तौर पर दूध मित्रों को जिम्मेवार मानते हुवे राशी में कटौति कर देते हैं, जो न्याय संगत नही हैं। अगर वेरियेशन है तो इसकी जांच होनी चाहिए, लेकिन मैनेजमेंट जांच नहीं करती है और बड़े पैमाने पर वेरियेशन के नाम पर राशी में कटौती की जा रही है, जो पुरी तरह गलत है। वहीं कुमार इंदर ये भी बताते हैं कि, अगर मशीन का कैलिब्रेशन सही नहीं है तो जिसे एमपीपी से दूध चलेगा वो बीएमसी में आकर कभी भी एक बराबर नहीं हो सकता है, एक माप पर नहीं आयेगा। सिस्टम में कमी के कारन समस्या हो रही है और दंडित दूध मित्रों को किया जा रहा है। अगर वेरियेशन जा रहा है, तो पहले सूचित कर कारण ढुंढना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। अगर जांच में दूध मित्र दोषी पाये जाते हैं, तो उन्हें दंडित किया जाना चाहिए और जांच में दूध मित्र दोषी नही पाए जाते हैं, तो जो पैसा वेरियेशन के नाम पर काटा गया है, वो वापस कर देना चाहिए।
वीडियो रिपोर्टः
प्रोत्साहन राशि में वृद्धि और निर्धारित तिथी को भुगतान करे प्रबंधनः बिनोद सिंह
रांची के बिनोद सिंह बताते हैं कि शिकायत करने के बाद भी कंपनी के टेक्निशियन द्वार मशीन के खराब हो चुके पार्टस को बदला नहीं जाता है, जिसके कारन वेरियेशन आ रहा है। मेधा मैनेजमेंट अपनी खामियों को ठीक करने के बजाय वेरियेशन का गाज ऑपरेटर और दूध मित्रों पर गिरा रहा है। हमलोगों का मानदेय भी लंबित है। जिस तरह कंपनी के सभी कर्मचारियों को हर माह के 15 तारीख को वेतन भुगतान किया जाता है, उसी तरह हम सभी को भी मानदेय निश्चित तिथी को दिया जाना चाहिए। अन्य कंपनियों के बनिस्पत मेधा कंपनी में मानदेय काफी कम दिया जाता है। हम सभी चाहते हैं कि हमलोगों के मानदेय में भी बृद्धि किया जाए।