तिसरी प्रखंड का असुरहड्डी गांव बना झारखंड का लातुर- चलने को सड़क नहीं,स्कूल में लटका है ताला, बालू खोद पीते हैं पानी…

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रिपोर्ट- संतोष तिवारी…

तिसरी प्रखंड का असुरहड्डी गांव बना झारखंड का लातुर- चलने को सड़क नहीं,स्कूल में लटका है ताला, बालू खोद पीते हैं पानी…

गिरिडीहः झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी का पैतृक निवास स्थान गिरिडीह जिला के तिसरी प्रखंड में है और राजनीति में आने से पूर्व बाबूलाल मरांडी इसी प्रखंड में शिक्षक भी रह चुके हैं। लेकिन प्रखंड में शिक्षा की हालत देख आप भी चौंक जाएंगे।

तिसरी प्रखंड के बिहार से सटे ईलाके में स्थित है असुरहड्डी गांव। इस गांव में आकर आपकी ईच्छा उन लोगों के मुंह पर खिंच कर तमाचा मारने की होगी, जो लोग पूर्व में या वर्तमान में ये कहते फिर रहे हैं कि झारखंड में विकास की गंगा बह रही है।

नारकीय जीवन जीने को विवश हैं असुरहड्डी गांव के ग्रामीणः

असुरहड्डी गांव की दूरी जिला मुख्यालय से 95 किलोमीटर है। इस गांव तक पहुंचने के लिए आपको घंटों पैदल ही चलना पड़ेगा। यहां पहुंच कर आप तिसरी दुनिया का दर्शन कर पाऐंगे, जहां स्कूल भवन है, लेकिन स्कूल में ताला लटका हुआ है, चापाकल है लेकिन वर्षों से लोग नाले के बगल में रेत पर चुंआं खोद कर पीने की पानी जुगाड़ करते हैं, और गर्मी के दिनों में पानी के लिए 5-10 किलोमीटर की दूरी पैदल ही उंची नीची पहाडियों पर तय करते हैं, कूल मिला कर मौलिक सुविधाओं से भी वंचित इस गांव के ग्रामीण झारखंड में विकास हुआ है, कहने वाले लोगों को तमाचा मारते दिख रहे हैं।

गांव में जनप्रतिनिधि या विकास कार्यों से जुडे अधिकारी नही पहुंचतेः

जब हमारी टीम यहां पहुंची तो उबड़-खाबड़ रास्ते पर चल कर पहाड़ी के तलहट्टी पर उतरना पड़ा, जहां दर्जनों महिला और बच्चों को बालू खोद कर पीने का पानी जुगाड़ करते हुए देखा गया। ग्रामीण बताते हैं कि इस गांव में चालाकल है लेकिन वर्षों से खराब पड़ा हुआ है, गांव में कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि भी नहीं पहुंचते हैं।

स्कूल में तीन माह से लटका है ताला, स्कूल में शिक्षक नहीः

सड़क, पानी के अलावा इस गांव में शिक्षा का भी बुरा हाल है. गांव में एक स्कूल है जो पिछले तीन माह से बंद पड़ा हुआ है, स्कूल में शिक्षक नहीं रहने के कारण स्कूल में ताला लटका रहता है, जिसके कारन यहां के सैंकड़ों बच्चें शिक्षा और मीड् डे मील से भी वंचित हैं। गांव में पानी के अभाव के कारन खेती नही हो पाती है। यहां के ज्यादार युवा रोजी रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर पलायन कर चुके हैं।

समस्याओं के निवारण का प्रखंड विकास पदाधिकारी ने दिया आश्वासनः

इस बाबत प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात की गई। असुर हड्डी गांव के ग्रामीणों की समस्या जान कर उन्होंने हमारी टीम को आश्वासन दिया है, कि मैं स्वयं उस गांव का दौरा कर आपके द्वारा बताए गए समस्याओं को दूर करने का काम करुंगा।

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