जमीन विवाद में लापुंग थाना प्रभारी ने की फायरिंग, एक ग्रामीण गोली लगने से घायल, भगदड़ में कई हुवे जख्मी.

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…
रांचीः पुलिस का काम संविधान के दायरे में रह कर काम करते हुए शोषित-पीडितों को न्याय दिलवाना है, ना कि अपने निजी स्वार्थपुर्ति के लिए शोषित पीड़ितों को न्याय पाने से वंचित रखना। रांची जिला, अंतर्गत लापुंग प्रखंड स्थित लापुंग थाना के थाना प्रभारी, संतोष कुमार यादव कभी बालू और पत्थर माफियों के पक्ष में खड़े हो कर ग्रामीणों के साथ अन्याय करते है, तो कभी जबरन वार्ता कर हल होने लायक मामलों पर टांग अड़ा कर अपनी स्वार्थपुर्ति करते नजर आते हैं।
थाना प्रभारी संतोष कुमार यादव की स्वार्थपुर्ति ललक के कारन मंगलवार को एक बड़ी घटना हुई, जिसमें एक युवक के पेट और पैर में गोली लगी है, वहीं कई ग्रामीण चोटिल हुवे हैं। संतोष यादव ने उस वक्त फायरिंग की जब उनका झुठ ग्रामीणों के समक्ष आ गया और ग्रामीणों के आक्रोश से बचने के लिए उन्होंने फायरिंग कर दी।

थाना प्रभारी द्वारा की गई फायरिंग में एक ग्रामीण को पेट और पैर में लगी गोलीः

मंगलवार को रांची जिला के लापुंग प्रखंड अंतर्गत कोयनारा टोली में ग्रामीणों ने एक मीटिंग के दौरान लापुंग थाना प्रभारी के साथ धक्का-मुक्की की जिसमें थाना प्रभारी को हलकी चोट लगी है। वहीं ग्रामीणों को आक्रोशित होता देख थाना प्रभारी संतोष यादव ने फायरिंग शुरु कर दी, जिसमें एक युवक के पैर और पेट में गोली लगी। और युवक गंभीर रुप से घायल हो गया। फायरिंग के बाद मची भगदड़ में भागने के क्रम में कुछ और भी ग्रामीण घायल हुवे हैं। पुलिस की गोली से घायल 25 वर्षीय जतरु उरांव लापुंग थाना क्षेत्र अंतर्गत कुसुम टोली का निवासी है। फिलहाल थाना प्रभारी का ईलाज रांची के राज अस्पताल में चल रहा है और गंभीर रुप से घायल जतरु उरांव को ग्रामीण भरनो स्थित अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन वहां से युवक की गंभीर स्थिति को देखते हुवे रिम्स रेफल कर दिया गया।

पुलिस ने घायल जतरु उरांव को रिम्स लेकर पहुंचे तीन युवकों को किया गिरफ्तारः

बताया जा रहा है कि भरनो स्थित अस्पताल से रेफल किये जाने के बाद कुसुम टोली के ही रहने वाले युवक, भूषण उरांव, विक्रम उरांव और कोयनारा गांव के सुमेर उरांव पुलिस की गोली से गंभीर रुप से घायल हुवे जतरु उरांव को रिम्स लेकर पहुंचे थें, तभी पुलिस ने तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। इन तीनों युवकों की उम्र 24-25 वर्ष है।

घटना का कारनः

कोयनारा गांव के रैयत बताते हैं कि, कोयनारा बस्ती में स्वर्गीय लेदु उरांव के नाम से 56 एकड़ 60 डीसमील जमीन खतियान में दर्ज है, जिसका रशीद भी कट रहा है। इस खतियान के अंतर्गत पड़ने वाले सभी प्लोंटों पर लेदु उरांव के कूल 35 परिवार 6 दशक पूर्व से जोत-कोड़ करते चले आ रहे हैं। उक्त जमीन को स्वर्गीय लेदु उरांव ने 1964 में रातु थाना क्षेत्र अंतर्गत हुरहुरी गांव निवासी, शिवलाल नाथ शाहदेव के पूर्वज से खरीदा था, लेकिन वर्तमान में शिवलाल नाथ शाहदेव उक्त जमीन पर दावा कर रहा है।

मंगलवार की बैठक में वार्ता के लिए शिवलाल नाथ शाहदेव आमंत्रित थें, लेकिन थाना प्रभारी ने उन्हें आने से रोक दियाः

इस मामले को लेकर कई दौर की बैठक जमीन के सभी रैयतों के साथ जमीन पर वर्तमान में दावा कर रहे शिवलाल नाथ शाहदेव के साथ हो चुकी है। तीन जून, दिन मंगलवार को भी शिवलाल नाथ शाहदेव के साथ उक्त जमीन पर जोत-कोड़ कर रहे रैयतों के साथ वार्ता होने वाली थी, जिसमें आने की सहमति शिवलाल नाथ शाहदेव ने दे रखी थी। लेकिन शिवलाल नाथ शाहदेव बैठक में नहीं पहुंचे। उनकी जगह लापुंग थाना के थाना प्रभारी संतोष कुमार यादव अपने दल-बल के साथ पहुंचे। यहां पहुंच कर थाना प्रभारी ने जोत-कोड़ करने वाले रैयतों से कहा कि तुम लोग जमीन पर जोत-कोड़ क्यों कर रहे हो? इस पर रैयतों ने थाना प्रभारी से कहा की ये हमलोगों की खतियानी जमीन है, जिस पर हम लोग सालों से जोत-कोड़ करते चले आ रहे हैं। जो दावा कर रहा है उसे भी बैठक में बुलाया गया है। हमलोग पूर्व में भी बैठक कर चुके हैं। कोई केस मुकदमा भी दर्ज नहीं है, फिर हमलोग अपनी जमीन को क्यों नहीं जोतें। इस पर थाना प्रभारी नाराज हो गएं। इसके बाद रैयत ने थाना प्रभारी के सामने ही शिवलाल नाथ शाहदेव को फोन कर पुछा की आपको आज बैठ में आना था, आप अब तक क्यों नहीं पहुंचे है? रैयत के इस सवाल पर शिवलाल नाथ शाहदेव ने कहा की हम नगड़ी तक आ चुके थें, लेकिन थाना प्रभारी ने आने से मना कर दिया। कहा कि समझौता नहीं करना है, तो हम लौट गएं। चुंकि फोन पर बातचीत स्पीकर पर रख कर हो रही थी, जो सभी रैयतों ने सुन ली और थाना प्रभारी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि, जब हमलोग समझौता करने के लिए उन्हें बुलाए थें, तो आपने उन्हें आने से मना क्यों किया। इस पर थाना प्रभारी नाराज हो गएं और ग्रामीणों को डांटने लगें। थाना प्रभारी के इस रवैये को देख कर ग्रामीण आक्रोशित हो गएं और धक्का-मुक्की करने लगें। जिसके बाद थाना प्रभारी संतोष कुमार यादव ने भागते हुए ग्रामीणों पर फायरिंग कर दी, जिसमें 25 वर्षीय जतरु उरांव को पेट और पैर में गोली लगी और वह वहीं गीर पड़ा। फायरिंग के बाद मची भगदड़ में 6 से भी अधीक ग्रामीण गीर कर घायल हुवे हैं।
थाना प्रभारी की गैर संवैधानिक कार्य पकड़े जाने के बाद थाना प्रभारी ने आक्रोश में की फायरिंग, वीडियो में देखें…..

थाना प्रभारी, संतोष कुमार यादव बालू और पत्थर माफियाओं के एजेंट के रुप में करते हैं कार्य, पूर्व में “ताजा खबर झारखंड” में सबुत के साथ प्रसारण किया गया था समाचारः

लापुंग थाना प्रभारी, संतोष कुमार यादव पर पूर्व में भी गंभीर आरोप लग चुके हैं। संतोष कुमार यादव लापुंग प्रखंड में ग्रामीणों को अवैध रुप से खनन किये गए पत्थर और बालू की ढुलाई में लगे वाहन चालकों से ग्रामीणों को रामनवमी या सरहूल पर्व का चंदा मांगने से मना करते हैं। इन्होंने अपने वायरल वीडियों में सरहूल का चंदा मांग रहे ग्रामीणों से कहा है कि तुमलोग हाईवा और टर्बो चालकों से चंदा मत मांगो, मुझे बोलो हम देंगे चंदा। पुलिस विभाग के वरीष्ठ पदाधिकारियों से ताजा खबर झारखंड ये सवाल करता है कि, क्या माफियाओं से पर्व-त्योहारों में चंदा दिलवाने का ठेका पुलिस विभाग ने ले रखा है। अगर हां तो संविधान के किस अनुच्छेद के तहत? संविधान का कौन सा अनुच्छेद पुलिस को माफियाओं के साथ साठ-गांठ रखने का अनुमति प्रदान करता है? ये राज्यवासियों को बताना चाहिए।

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