कोरोना वायरस के कारन दवा दुकानों में एन-95 मास्क की मांग बढ़ी, मास्क दवा दुकानों में उपलब्ध नहीं…

0
6

रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

कोरोना वायरस के कारन दवा दुकानों में एन-95 मास्क की मांग बढ़ी, मास्क दवा दुकानों में उपलब्ध नहीं… 

राँची: सूबे का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स, कोरोना वायरस को लेकर पूर्ण रूप से तैयार नहीं है। रिम्स प्रबंधन अब तक मास्क खरीदने की प्रक्रिया में उलझी हुई है। रिम्स में N95 मास्क उपलब्ध नहीं होने के कारन नर्सिंग स्टूडेंट और चिकित्सक सामान्य मास्क लगाकर ही मरीजों की जांच कर रहे हैं। वहीं अन्य कर्मचारी भी साधारण मास्क से काम चला रहे हैं ।

एन-95 मास्क

कोरोना वायरस के भय से लोग ज्यादा मास्क की खरीददारी कर रहे हैंः दुकानदार

वहीं अगर दवा दुकानों की बात करें, तो एकाएक एन-95 मास्क की बिक्री में लगभग 1000 प्रतिशत का ईजाफा हुआ है, कई दवा दुकानों में मास्क उपलब्ध नही है। एन-95 मास्क की बढ़ती मांग को देखते हुए कालाबाजारी की भी संभावना से ईन्कार नही किया जा सकता है। राजधानी रांची के बाजारों में मेडिकेटेड मास्क दुगने दामों में बिक रही है। एक मास्क की कीमत 400 के करीब बताई जा रही है। पूर्व में ये मास्क 60 रुपये में बिकता था। इसके साथ ही वायरस से बचाव के लिए इस्तेमाल होने वाला विशेष दस्ताना भी बाजार से गायब हैं। दवा दुकानदारों की मानें तो कोरोना वायरस के भय से लोग ज्यादा मास्क की खरीददारी कर रहे हैं, जिसके कारन मांग बढ़ी है।

मामले से स्वास्थ्य मंत्री गंभीर नहींः

इधर मास्क के कालाबाजारी होने की सूचना जब मीडिया कर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को दी, तो उन्होंने इस गंभीर विषय को हल्के में लिया और संवैधानिक तरीके से लगाम लगाने की नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि इसे लेकर उपायुक्त को सूचना देकर मामले को देखने की बात कही जाएगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.