उम्र कैद की सजा काट रहे 24 कैदियों को रिहा करने पर सहमति, झारखंड राज्य सजा पुनर्रीक्षण पर्षद की बैठक में लिया गया निर्णय…

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

मुख्यमंत्री का आदेश- जेल से रिहा किये जा रहे कैदियों के काउंसलिंग, ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग की व्यवस्था हो।

मुख्यमंत्री का आदेश- रिहा होने वाले कैदियों के पुनर्वास और उन्हें सरकार की योजनाओं से जोड़ने की दिशा में हो पहल।

रांचीः मंगलवार को मुख्यमंत्री, हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक हुई, जिसमें आजीवन सजा काट रहे 50 कैदियों की रिहाई की समीक्षा हुई। इस दौरान अदालतों, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक और प्रोबेशन पदाधिकारी के मंतव्य पर विचार-विमर्श करने के बाद 24 कैदियों के रिहा करने पर सहमति बनी।

रिहा होने वाले कैदियों का डाटा बैंक होना चाहिएः सीएम

पर्षद की बैठक में मुख्यमंत्री ने सुझाव देते हुए कहा कि, जो भी कैदी रिहा किए जाते हैं, उनका डाटा बैंक बनाया जाए। जेल से निकलने कर बाद इन कैदियों की गतिविधियों की ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय-समय पर इन कैदियों की प्रोपर काउंसलिंग भी होनी चाहिए। इसके अलावा इन्हें सरकार की योजनाओं से भी जोड़ा जाए, ताकि वे मुख्यधारा से जुड़े रहे। वहीं, जरूरतमंद कैदियों के लिए पुनर्वास की भी व्यवस्था होनी चाहिए।

बैठक में रहें शामिलः

सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, वंदना डाडेल, विभाग के प्रधान सचिव सह विधि परामर्शी नलिन कुमार, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, न्यायायिक आयुक्त, रांची अरुण कुमार राय और कारा महानिरीक्षक उमा शंकर सिंह मौजूद रहें।

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