मुख्यमंत्री महोदय इधर भी दें ध्यान, योजनाओं की राशि में हो रही है लूट….

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

नामकुम प्रखंड के लालखटंगा में तालाब सुन्दरीकरण के नाम पर राशि की बंदरबांट….

रांचीः नामकुम प्रखंड अन्तर्गत लाल खटंगा पंचायत के लाल खटंगा गांव में भूमि संरक्षण विभाग द्वारा तालाब के सुंदरीकरण के नाम पर भारी अनियमितता बरती जा रही है। ग्राम सभा एवं पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा बार-बार जानकारी मांगे जाने के बावजूद भी सुन्दरीकरण कार्य करवा रहे संवेदक और विभागीय जेई द्वारा इन्हें कोई जानकारी नही दी जा रही है। योजना कितनी की है? तालाब का गहरीकरण कितना करना है? सुन्दरीकरण कार्य के लिए निर्धारित समय क्या है? इससे संबंधित कोई बोर्ड भी निर्माण स्थल पर नही लगाया है।  

जे.ई. और ठेकेदार ने निर्माण कार्य से जुड़े किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नही दियाः

निर्माण कार्य में संवेदक और जेई द्वारा कोई जवाब नही दिए जाने के बाद ग्रामसभा के सदस्यों द्वारा मामले की जानकारी जिला परिषद सदस्य आरती कुजूर को दी, जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए आरती कुजूर निर्माण स्थल पर पहुंची, उस वक्त जेई तालाब की नापी करवा रहे थें। जब जेई से सवाल किया गया कि, किस विभाग द्वारा तालाब का सुन्दरीकरण करवाया जा रहा है, कितने की प्राकृलित राशि है, किस प्रकार से काम करना है, काम से संबंधित वर्क आर्डर की मांग की तो उपस्थित जेई ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जब कार्यस्थल पर कार्य से संबंधित सूचना पट्ट नहीं लगाए जाने के बाबत पुछा गया तो इस पर भी जेई ने कोई जवाब नही दिया। पानी पंचायत के अध्यक्ष एवं सचिव के द्वारा पूछने पर उनके द्वारा भी मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही गई। उनका कहना था कि वे लोग दैनिक मजदूरी के तौर पर प्रतिदिन काम कर रहे हैं, लेकिन कितने की कार्य योजना है कैसे काम करना है इस संबंध में अनभिज्ञता जाहिर की।

विभाग के कहने पर 4 ब्लैंक चेक पहले ही ठेकेदार द्वारा ले लिया गया हैः

पानी पंचायत के अध्यक्ष और सचिव ने बताया कि, उनका चेक एडवांस में विभाग के कहने पर ठेकेदार द्वारा पहले ही ले लिया गया है, और जब ठेकेदार से पुछा गया तो उसने बताया कि पानी पंचायत के अध्यक्ष सचिव से सिर्फ एक नहीं बल्कि 4 ब्लैंक चेक लिया गया है और यह भूमि संरक्षण विभाग द्वारा तय नियम के तहत लिया गया है, और उसी आधार पर काम करते हैं।

ब्लैंक चेक लिए जाने के सवाल पर जे.ई. के पास कोई जवाब नही थाः

ठेकेदार द्वारा 4 ब्लैंक चेक लिए जाने के बारे में जब मौके पर उपस्थित जे.ई. से पूछा गया तो वे बगले झांकने लगे, फिर कहा कि पानी पंचायत के अध्यक्ष और सचिव का मामला है, इस मामले में कुछ नहीं कहेंगे, जबकि पानी पंचायत के अध्यक्ष और सचिव को एचडीएफसी बैंक द्वारा निर्गत खाता नंबर भी नहीं दिया गया है, जिस कारन दोनों को ही खाता संख्या की भी जानकारी नहीं है।

ठेकेदार और जे.ई. के मिलि भगते से राशि का बंदरबांट किया जा रहा हैः ग्रामीण

तालाब निर्माण स्थल पर उपस्थित ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि पूर्व में यहां 5 से 7 फीट गहरा तालाब था, उसी तालाब को पुनः खोदा गया है और उसे वर्तमान में साढ़े नव फिट का दिखाया जा रहा है, जबकि लगभग 6 से 7 फिट पूरब दिशा में तालाब गहरा था। भूमि संरक्षण विभाग और ठेकेदार की मिली भगत से सरकारी राशि का बंदरबाट किया जा रहा है। इस लिए जब भी स्थानीय जनता प्राकल्लित राशि और कार्य आदेश की मांग करते है, तो जानकारी नहीं दिया जाता है और ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहा है।

योजना स्वीकृति की कोई जानकारी स्थानीय मुखिया और वार्ड पार्षद को नहीः

स्थानीय मुखिया और वार्ड सदस्य का कहना है कि योजना डालने में ग्राम सभा और पंचायत प्रतिनिधि को खोजा गया था, लेकिन योजना स्वीकृत होने के बाद ग्राम सभा और पंचायत प्रतिनिधियों को जानकारी देना उचित नहीं समझा गया। ठेकेदार और जेई मिलि भगत कर चुपचाप मनमाने ढंग से काम कर जनता की गाढ़ी कमाई को हड़प जाना चाहते है। जब उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने वर्क आर्डर की मांग की तो उपस्थित जे.ई. ने ऑफिस आ कर देखने की बात कही, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया और कहा कि जब काम गांव में हो रहा है तो संबंधित जानकारी भी ग्राम सभा में ही होनी चाहिए।

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