ग्रामीण क्षेत्रों के क्वारंटीन सेन्टर सुविधा विहीन, प्रवासी मजदूरों में आक्रोश…

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः रांची जिला नामकुम प्रखंड के राजाउलातु पंचायत के विभिन्न गावों में स्थित स्कूल भवनों में 33 प्रवासी मजदूर स्वेच्छा से क्वारंटीन पर रह रहे हैं। इन सभी मजदूरों के लिए सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नही की गई है, जिसके कारन इन मजदूरों को खाद्या समाग्री से लेकर अन्य जरुरत के सामान अपने परिजनों से ही लेना पड़ रहा है, जिसके कारन सामुदायिक संक्रमण का खतरा भी बढ़ता दिख रहा है। वहीं मजदूरों में भी स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के खिलाफ खाशा आक्रोश व्याप्त है।

पंचायत की मुखिया को है मजदूरों के क्वारंटीन पर रहने की जानकारी, लेकिन कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवा रहीः

प्रवासी मजदूरों के स्वेच्छा से क्वारंटीन पर रहने की जानकारी पंचायत की मुखिया फुरगीर सोरेन को मिलने के बाद वो स्कूल भवन पहुंची और सभी मजदूरों से उनका फोन नंबर और अन्य डिटेल भी लिया, लेकिन जब मजदूरों ने उनसे क्वारंटीन सेंटर में सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग की, तो उन्होंने ये कहते हुए हांथ खड़े कर दिए, कि मेरे पास वर्तमान में फंड नही है। मैं फंड आने के बाद ही सहायता कर सकती हूं।

जिरगी टोला में महाराष्ट्र से लौटे 16 मजदूरों में 1 गर्भवती महिला भीः

महाराष्ट्र से झारखंड पहुंच रहे प्रवासी मजदूरों पर स्वास्थ्य विभाग विशेष ध्यान देने की बात कही है, क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण से भारत में सबसे ज्यादा मौत महाराष्ट्र में ही हुई है और वहां ज्यादा लोग संक्रमित भी है। बिते 15 मई को राजाउलातु पंचायत, जिरगी टोला के 16 मजदूर ट्रक पर सवार हो कर सीधे अपने गांव जिरगी टोला पहुंचे, जिनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल हैं। गांव पहुंचने पर इनलोगों को गांव में प्रवेश करने नही दिया गया। लेकिन मजदूरों के परिजनों द्वारा गांव वालों को समझाया गया, कि ये लोग गांव में भ्रमण नही करेंगे। इन सभी लोगों को 14 दिनों तक एक ही जगह पर रहने के लिए कहा जाएगा। जिसके बाद गांव वाले मानें और पास ही स्थित स्कूल भवन में इन सभी को गांव वालों ने ही क्वारंटीन किया। इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई, जिसके बाद लगातार एएनएम अनिता तिर्की यहां पहुंच कर सभी की स्वास्थ्य जांच कर रही हैं। चुंकि गर्भवती महिलाओं में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए 65 वर्ष से अधिक के बुजूर्ग, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे और गर्भवती महिलाओं के लॉक डाउन के दौरान तक घरों से निकलने पर पाबंदी लगी हुई है। बावजुद इसके महाराष्ट्र से पहुंची गर्भवती महिला इन प्रवासी मजदूरों के साथ ही रहने को विवश हैं। इनके बारे में एएनएम अनिता तिर्की से बात की गई। इन्होंने बताया की महाराष्ट्र में इनकी जांच हो चुकी है, और यहां भी प्रखंड के स्वास्थ्य पदाधिकारी को इस मामले से अवगत करवा दिया गया है। उन्होंने कहा है कि जल्द ही इनका कोविड-19 का टेस्ट करवाया जाएगा, फिर जरुरत के अनुशार स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। फिलहाल गर्भवती महिला अभावों के बीच अपनी दिनचर्या इन्हीं पुरुष प्रवासी मजदूरों के बीच गुजार रही है।

प्रखंड विकास पदाधिकारी ने गर्भवती महिला की जानकारी नहीं होने की बात कहीः

ताजा खबर झारखंड की टीम ने इस मामले से जिप सदस्य आरती कुजूर को अवगत कराते हुए इन्हें हर संभव मदद करने का निवेदन किया। जिसके बाद आरती कुजूर ने प्रखंड विकास पदाधिकारी से इस मामले मे बात की, बीडीओ ने कहा कि गर्भवती महिला के होने की जानकारी उन्हें नही है। जितने भी मजदूर बाहर से आ रहे हैं, उन सभी का रहने और खाने का व्यवस्था मुखिया को करना है, इसके लिए 14वें वित्त का पैसा मुखिया को खर्च करना है, जिसकी निकासी पंचायत सचिव और मुखिया के हस्ताक्षर से होगा। फिलहाल गर्भवती महिला के लिए विशेष व्यवस्था करने की बात बीडीओ ने कही।

बालिकट में भाड़े के मकान में क्वारंटीन पर रखा गया है प्रवासी मजदूरों कोः

राजाउलातु पंचायत के ही बालिकट गांव में कर्नाटक से पहुंचे 4 प्रवासी मजदूरों को भाड़े के मकान में रखा गया है। यहां प्रवासी मजदूरों के लिए रहने के साथ-साथ अन्य सभी व्यवस्था मुखिया को करना था, लेकिन ये व्यवस्था वर्तमान में यहां स्वास्थ्य व्यवस्था संभाल रही एएनएम, अनिता तिर्की ने किया। जबकि ये काम इनका नही था। एएनएम अनिता तिर्की ने बताया की मजदूरों के लिए हमलोगों ने मकान का व्यवस्था तो कर दिया लेकिन खाने का व्यवस्था नही हो पाया है। फिलहाल इनके परिजन ही जो कुळ बन पा रहा है, उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके अलावा जिप सदस्या आरती कुजूर ने यहां भी मजदूरों को खाद्य सामाग्री उपलब्ध करवाया।

जिप सदस्य आरती कुजूर ने हेसाबेड़ा के 11, बालिकट में 4 और जिरगी के 16 मजदूरों को उपलब्ध करवाई राशन और अन्य सामाग्रीः

क्वारंटीन पर रह रहे 33 मजदूरों के लिए सरकार की ओर से कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है, जिसके कारन मजदूरों का संपर्क लगातार अपने परिजनों से राशन या अन्य जरुरी सामानों के लिए हो रहा है। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद जिप सदस्य आरती कुजूर ने पूरे क्षेत्र का भ्रमण करते हुए सभी क्वारंटीन सेन्टरों में मजदूरों को खाद्य सामाग्री और अन्य जरुरी सामान उपलब्ध करवाया।

सामुदायिक संक्रमण का खतरा बरकरारः

कूल मिला कर नामकुम प्रखंड के राजाउलातु पंचायत में फिलहाल 33 प्रवासी मजदूर पहुंच चुके हैं और ग्रामीणो के सहयोग से ही सभी मजदूर अपने आप के क्वारंटीन पर रखे हुए हैं। लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से इनके लिए जो व्यवस्था होनी चाहिए थी, वो अब तक नगण्य है। स्थानीय जनप्रतिनिधि मुखिया और प्रखंड विकास पदाधिकारी सिर्फ टाल मटोल की निती अपनाए हुए हैं, जिसका खामियाजा प्रवासी मजदूर भुगत रहे हैं।   

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