झारखंड में नही चलेगा मगही और भोजपुरी भाषा: जगरनाथ महतो शिक्षा मंत्री

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रिपोर्ट :- बिनोद सोनी

राँची: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बोकारो धनबाद जिला में भोजपुरी और मगही भाषा नहीं चलेगी। झारखंड, झारखंडीयों के लिए अलग किया गया था, लेकिन यहां बाहरी भाषाओं को तवज्जो दिया जा रहा है जो झारखंड में कतई बर्दाश्त नहीं किया जयेगा।

गौरतलब है कि भाषा विवाद लगातार गहराता जा रहा है।मामले को लेकर पक्ष विपक्ष के बीच शब्दों का ताना – बान लगातार चल रहा है। इसी कड़ी में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने डोरंडा स्थित अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर कहा कि झारखंड राज्य में भोजपुरी और मगही भाषा को तवज्जो नहीं दिया जाएगा ।खासकर बोकारो और धनबाद जिला में मगही और भोजपुरी भाषा नहीं चलेगा। क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। झारखंड को अलग बनाने के पीछे की मंशा झारखंडी और झारखंड की भाषा को बढ़ावा देना है ना कि झारखंड के भाषा संस्कृति को ही कुचल कर आगे बढ़ना है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा गया कि राज्य में भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषा को पूरी तरह से नहीं लागू किया जाए। इसको लेकर धनबाद के टुंडी विधायक मथुरा महतो जेएमएम नेता योगेंद्र महतो के साथ शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो प्रेस वार्ता कर बताया कि राज्य में किसी भी कीमत पर भाषाओं को दर्जा नहीं मिलना चाहिए।विशेषकर धनबाद और बोकारो में इन भाषा का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं होना चाहिए इस बाबत तीनों नेताओं ने मुख्यमंत्री सोमवार को मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा है।

गौरतलब है कि भोजपुरी मगही और मैथिली भाषा को लेकर राज्य में विवाद गहरा गया है। एक तरफ विपक्ष सदन में इसे लागू करने की बात आती है तो वहीं दूसरी ओर इस पर क्लियर स्टैंड नही देती है। जगन्नाथ महतो ने कहा कि जिस तरह बिहार में बिहारी भाषा को प्राथमिकता दी जाती इसी तरह झारखंड में झारखंडी भाषा को ही मान्यता दिया जाएगा।

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