लोहरदगा पुलिस असंवेदनशील, शव के पास पड़ा है बम और पॉकेट में पर्चा फिर भी परिजनों पर शव थाना लाने का डाल रही है दबाव…

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः लोहरदगा पुलिस के लिए “पुरुषार्थी लिप्सा रहित सहयोगी(पुलिस)” शब्द के कोई मायने नही है। या यूं कहें कि लोहरदगा पुलिस अब अपने ड्यूटी से मुकर रही है।

सीपीआई माओवादियों ने की हत्याः

मामला है लोहरदगा जिले के सेन्हा थाना क्षेत्र अंतर्गत मुंगो गांव का, जहां रविवार की रात लगभग 8 बजे तीन से चार की संख्या में पहुंचे नकाबपोश माओवादियों ने जागीर भगत नामक व्यक्त की गोली मार कर हत्या कर दी, जिसकी सूचना स्थानीय सेन्हा थाना को दी गई, लेकिन पुलिस ने रात होने की बात कह कर घटना स्थल पर जाने से ईन्कार कर दिया।

सीपीआई माओवादियों द्वारा घटनास्थल पर छोड़ा गया पर्चा…

घटना के बारे में बताया जा रहा है कि जागीर भगत रात के 8 बजे खाना खा कर अपनी पत्नि के साथ घर के बाहर खड़ा था, तभी तीन से चार की संख्या में पहुंचे नकाबपोश नक्सलियो ने दोनों को कब्जे में लेकर घर से कुछ दुरी पर ले गया और दोनों की जम कर पिटाई की। इस दौरान अपराधियों ने उनकी पत्नी को भाग जाने के लिए कहा फिर जागीर भगत की गोली मार कर हत्या कर दी। माओवादियों ने मृतक के पॉकेट में एक पर्चा भी छोड़ा है, जिसमें जागीर भगत को पुलिस का मुखबिर बताया गया है।

मृतक का पुत्र राजेश भगत पुलिस विभाग में है चालकः

घटना की सूचना पुलिस विभाग में ही चालक की नौकरी कर रहे मृतक जागीर भगत के बेटे, राजेश भगत ने सेन्हा थाना प्रभारी को रात में ही दी, लेकिन पुलिस उग्रवादियों के रास्ते में छुपे होने की बात कह कर रात में घटना स्थल पर जाने से ईन्कार कर दिया, और कहा की शव आप लोग ही थाना पहुंचाईये, राजेश ने थाना प्रभारी को बताया कि सर हमलोग नही ला सकते हैं, क्योंकि पास में ही एक बम पड़ा हुआ है और शव के पॉकेट में एक पर्चा भी दिखाई पड़ रहा है। लेकिन फिर भी थाना प्रभारी ने मामले को गंभीरता से नही लिया।

थाना प्रभारी बार-बार उग्रवादियों के रास्ते में छुपे होने की बात कहते रहेंः

अहले सुबह राजेश भगत एक बार फिर सेन्हा थाना पहुंचे और थाना प्रभारी से घटनास्थल पर जाने की बात कही, लेकिन पहले तो थाना प्रभारी ने ये कहा कि सीआरपीएफ को फोन किया गया है, वे लोग आएंगे तब पूरी तैयारी के साथ हमलोग जाएंगे, लेकिन फिर ये कहने लगें की जो बोल रहे हैं समझ में नही आ रहा है, शव थाना लाने के लिए कह रहे है समझ में नही आ रहा है। जिसके बाद कुछ देर तक राजेश थाना के बाहर ही खड़े रहें। लेकिन पुलिस घटना स्थल पर जाने के लिए तैयार नही हुई। लगभग 9 बजे सुबह थाना प्रभारी ने एक वाहन मृतक के बेटे राजेश भगत को उपलब्ध करवाया और शव थाना में ही लाने का दबाव डाला, जिसके बाद राजेश ग्रामीणों के सहयोग से शव लेकर थाना पहुंचा।

थाना प्रभारी घटना स्थल से शव थाना लाने की बात परिजन को कहते हुए…

पुलिस अपने कर्तब्य से पीछे हटीः

पूरे घटना क्रम पर ध्यान दें तो सेन्हा पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं ली, या यूं कहें कि पुलिस अब भी उग्रवादियों के भय से उबर नही पायी है। मृतक के बेटे राजेश भगत ने ताजा खबर झारखंड कार्यालय में फोन कर बताया कि घटना स्थल पर एक बम पड़ा हुआ था और शव के शर्ट के पॉकेट में एक पर्चा भी डाला हुआ था, जिसके कारन हमलोग काफी खौफजदा थें, बम फट सकता था या साक्ष्य के साथ छेड़छकड़ हो सकता है, इसलिए हमलोग बार बार पुलिस को ही घटना स्थल पर आने के लिए कह रहे थें ताकि पूरे मामले की जांच सही तरीके से हो सके, लेकिन थाना प्रभारी ने मामले को गंभीरता से नही लिया या यूं कहें की वो खुद ही डरे हुए थें, जिसके कारन वो अपने कर्तब्य से पीछे हटें, अन्ततः मजबूर होकर हमलोग ही थाना प्रभारी द्वारा जो वाहन उपलब्ध करवाया गया उसमें शव लेकर थाना पहुंचे, लेकिन बम अब भी घटना स्थल पर ही पड़ा हुआ है, जिससे कभी भी कोई घटना हो सकती है।

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