धजवा पहाड बचाने के लिए आंदोलनरत्त, आंदोलनकारियों ने धजवा पहाड़ पर फहराया तिरंगा, और वृक्षारोपण भी किया…
रिपोर्ट- राजू पाल, पलामू….
पलामूः भले ही संविधान के रक्षक अब भक्षक बन झारखंड के जल, जंगल और जमीन को नीलाम कर भ्रष्टाचार में संलिप्त हो, लेकिन संविधान पर भरोषा करने वाले लोग अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए आज भी ऐसे भक्षकों से संवैधानिक तरीके से दो-दो हांथ करने के लिए तैयार खड़े हैं।
बिते दो माह से भी अधीक समय से “धजवा पहाड” को पत्थर माफिया से बचाने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों ने 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर, धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आज 26 जनवरी को पहाड़ की तलहटी पर झंडोतोल्लन किया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में महिला, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चों के साथ-साथ संघर्ष समिति के साथ खड़े विभिन्न जन संगठन, क्षेत्र के बुद्धिजिवी और कई गणमान्य लोग उपस्थित रहें।
झंडोतोल्लन के दौरान पुरा का पुरा धजवा पहाड़ परिसर राष्ट्रीय गान और देशभक्ति के नारों से गुंजयमान रहा। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के तौर पर मौजुद जन संग्राम मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष, युगल किशोर पाल ने देश की आजादी के आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बलिदानियों को याद करते हुए पहाड़ परिसर में वृक्षारोपण भी किया। वृक्षारोपण कार्यक्रम में क्षेत्र के महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। गणतंत्र दिवस समारोह मे उपस्थित महिलाओं और बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला।
ग्रामीणों ने लिया प्रण, धजवा पहाड़ बचाने के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष जारी रहेगाः
विशिष्ठ अतिथि, युगल किशोर पाल ने अपने वक्तव्य में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के मूल्यों को याद करते हुए संगठित होकर संघर्ष करने की बात कही। समिति के अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का संविधान हमें यह अधिकार देता है कि, हम अपनी सही मांगों को सरकार से लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर मनवा सकते हैं। धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति, महिला मोर्चा की अध्यक्षा, सरस्वती देवी ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी महिला आज राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगा के नीचे यह प्रण लेते हैं कि धजवा पहाड़ को अस्तित्व में बनाए रखने के अंतिम दम तक संघर्ष करेंगे।
आज के इस गणतंत्र दिवस समारोह में धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति के साथ-साथ जन संग्राम मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष युगल किशोर पाल, गढ़वा जिला प्रभारी अशोक पाल, पलामू जिला अध्यक्ष बृजनंदन मेहता, सीपीआईएमएल (भाकपा माले) के सरफराज आलम, मूलनिवासी संघ के विनय पाल के साथ अन्य कई जन संगठनों के लोग शामिल हुएं।