जेएमएम ने चुनाव आयोग को बताया, इलेक्शन चॉइस ऑफ इंडिया.

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

रांचीः इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया (ECI) अब इलेक्शन चॉइस ऑफ इंडिया बन गया है, जो केवल 7 रेस कोर्स के इशारे पर अपने निर्णय लेता है। ये कहना है जेएमएम के सेंट्रल कमिटी सदस्य सह केन्द्रीय प्रवक्ता, सुप्रियो भट्टाचार्य का। सुप्रियो भट्टाचार्या ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उक्त बातें कही।

उन्होंने कहा कि देश मे 1951 में संविधान के तहत एक संस्थान का गठन हुआ था निर्वाचन आयोग ऑफ इंडिया का। 2014 के बाद से चुनाव आयोग कुछ के पक्ष में ऐसा निर्णय लेने लगा है, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगा है। ताजा मामला है हिमाचल और गुजरात दोनों ही राज्यों के लिए चुनाव के तिथी की घोषणा होनी थी, पर हिमाचल चुनावो की घोषणा हो गयी और गुजरात चुनाव की नहीं, क्योंकि इस बार मोदी जी हिमाचल के लिए वंदे ट्रेन और हायडल प्रोजेक्ट की घोषणा हिमाचल में कर चुके हैं, जिसके कारन हिमाचल में चुनाव की तिथी घोषित कर दी गई है, लेकिन गुजरात के चुनाव की घोषणा नही होती है। क्योंकि, गुजरात के लिए चुनावो से पहले कोई घोषणा नही अब तक मोदी जी ने नहीं की है, यानि चुनाव आयोग अब इलेक्शन चॉइस ऑफ इंडिया बन गया है। यह गंभीर विषय है।

सुप्रियो भट्टाचार्या ने आगे कहा कि भाजपा अब एक मिशन के तहत देश में मजबूत क्षेत्रीय पार्टियों को समाप्त करने में लगी हुई है। उनके सिंबल को फ्रिज किया जा रहा। रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके पार्टी को तोड़ा गया और उनके पार्टी के सिंबल को फ्रिज किया गया। यही कहानी महाराष्ट्र में भी दुहरायी गयी। जो क्षेत्रीय दल हैं उन्हें मिटाने का काम सुरु किया गया है अपनी सत्ता को बचाने के लिए। 2014 के बाद देश की जनता देख रही है कि भाजपा कैसे-कैसे हथकंडे अपना रही है।

जेएमएम द्वारा चुनाव आयोग में कुछ शिकायतें दर्ज कराई गई थी, जिसका कुछ अता पता नहीं है, पर कुछ लोगों की शिकायतों पर चुनाव आयोग संज्ञान भी लेता है, सूनवाई भी करता है और जब शिकायतों पर लिए गए निर्णयों की जानकारी मांगी जाती है तो ऑफिसियल सीक्रेट का हवाला दिया जाता है। अब इसपर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को संज्ञान लेने की आवश्यक्ता है।

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