विस्थापन आयोग का गठन करने को लेकर सरकार गंभीर….

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रिपोर्ट बिनोद सोनी…


बड़कागांव में जल्द होगा विस्थापितों की समस्याओं का समाधान।
रैयतों को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू कर सर्किल रेट से 4 गुना अधिक मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा।


रांचीः बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर विस्थापितों और टाना भगतों की समस्याओं को रखा। विधायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि बड़कागांव में कई कोल कंपनियों के द्वारा खनन का कार्य किया जा रहा है, जिसमें वर्तमान मे एनटीपीसी द्वारा बड़कागांव के दर्जनों गांवों में जमीन अधिग्रहण कर कोयला निकालने का कार्य किया जा रहा है।

विधायक अंबा प्रसाद ने बड़कागांव के विस्थापितों की समस्या से मुख्यमंत्री को करवाया अवगतः

ज्ञात हो कि 2 दिन पूर्व बड़कागांव के डाड़ी पंचायत में भू-रैयतों द्वारा विस्थापन, मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर विधायक अंबा प्रसाद की बैठक बड़कागांव अंचलाधिकारी वैभव कुमार सिंह के साथ हुई थी, जिसमें ग्रामीणों ने बताया था कि एनटीपीसी की सहयोगी कंपनी त्रीवेणी सैनिक माइनिंग के द्वारा जबरन हमारी जमीन को छीन लिया जा रहा है और जमीन का मुआवजा मांगने पर झूठे केस में फंसा कर जेल भेज दिया जाता है। कई ग्रामीणों ने बताया कि हमारी जमीन जाने के बावजूद कंपनी के द्वारा आज तक ना तो मुआवजा दिया गया और ना हीं नौकरी मिला, जिस कारण हमारे समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि एनटीपीसी तथा त्रिवेणी सैनिक के द्वारा बाहरी लोगों को नौकरी में रखकर विस्थापितों, भू-रैयतों तथा स्थानीय लोगों को अनदेखा कर रही है।

एक सप्ताह पूर्व टंडवा प्रखंड के रैयतों और टाना भगतों ने ठेठांगी में नौकरी, मुआवजा और वन क्षेत्र का पट्टा देने की मांग को लेकर रेलवे लाइन को पूर्णतः बंद कर दिया था। साथ हीं राज्य में जूता चप्पल एवं कपडे की दुकानों को खुलवाने तथा बड़कागांव में लोड सेडींग की समस्या को भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।

रैयतों को भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत मुआवजा भुगतान किया जाएगाः मुख्यमंत्री

पूरी समस्याओं से अवगत होने के बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 1 सप्ताह के अंदर टाना भगतों की समस्या का समाधान करने हेतु चतरा जिला उपायुक्त को आदेश दिया, साथ हीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार इस मामले पर गंभीर है और जल्द ही विस्थापन आयोग का गठन करने जा रही है। रैयतों को भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत मुआवजा भुगतान किया जाएगा। जो मुआवजा पूर्व में दी गई है, उस पर भी सर्किल रेट के आधार पर जो तय किया जाएगा उसका 4 गुना मुआवजा रैयतों को दिलाने का भी सरकार ने निर्णय लिया है, जो कंपनी को देना होगा। जिनकी जमीन कंपनी के द्वारा अधिग्रहण किया गया है, उनको नौकरी भी कंपनी को देना होगा, उसका एक फॉर्मेट बना हुआ है, लेकिन अभी भी कुछ बिन्दुओं को और स्पष्ट करना बाकि है। सरकार भूमि अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर काफी गंभीर है। आने वाले समय में इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा, इसके लिए विस्थापन आयोग का गठन सरकार करने जा रही है।

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