कौन खाया गरीबों का राशन?  सैंकड़ों लाभुकों ने चाईबासा में आक्रोश व्यक्त करते हुए सरकार से पुछा…

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ब्यूरो रिपोर्ट, ताजा खबर झारखंड…

रांचीः मंगलवार, 27 सितम्बर को पश्चिमी सिंहभूम ज़िला के विभिन्न प्रखंडों से आए सैंकड़ों राशन कार्डधारियों ने राशन चोरी और प्रशासनिक उदासीनता के विरुद्ध चाईबासा उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया। धरना का आयोजन खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच, पश्चिमी सिंहभूम द्वारा किया गया था। धरने में सदर, टोंटो, खूंटपानी, तांतनगर, चक्रधरपुर, सोनुआ, हाटगम्हरिया, कुमारडुंगी, मनोहरपुर समेत अन्य प्रखंडों से ग्रामीण शामिल हुएं। “कौन खाया गरीबों का राशन, डीलर या प्रशासन”, “राशन चोरो को जेल करो”, “गोदामों में सड़ रहे अनाज, फिर भी बच्चे भूखे आज” जैसे नारों से चाईबासा उपायुक्त कार्यालय परिसर गुंजयमान रहा।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का खुला उल्लंघनः

धरने में शामिल दूर दराज से पहुंचे ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए अपनी समस्या बताई। पिछले दो साल से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम व प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत कार्डधारियों को मिलने वाले अनाज में व्यापक कटौती की जा रही है, लेकिन ऑनलाइन में डीलर द्वारा पूरी मात्रा चढ़ाई जाती है। कई महीने तो डीलर द्वारा राशन का वितरण ही नहीं किया गया है, जबकि पंचिंग करवा लिया गया था। ग्रीन राशन कार्डधारकों को कई महीनों का राशन नहीं दिया गया है। अनेक कार्डधारियों को पंचिंग करवाने के बाद रसीद नहीं दिया जाता है। कई वंचित परिवारों को बिना सूचना दिए राशन कार्ड डिलीट कर दिया गया है, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का खुला उल्लंघन है।

किसी भी आरोपी डीलर का लाईसेंस रद्द नही किया गयाः

कई गावों के राशन कार्डधारियों ने राशन न मिलने के विरुद्ध लगातार शिकायत दर्ज करवाया है। लोग कई बार ज़िला आपूर्ति पदाधिकारी और उपायुक्त से भी मिल कर शिकायत कर चुके हैं। बावजुद इसके  आज तक अधिकांश गावों में लोगों को बकाया व कटौती किया गया राशन नहीं दिया गया है। राशन चोरी के लिए दोषी एक भी राशन डीलर पर न प्राथमिकी दर्ज हुई है और न लाइसेंस रद्द किया गया है। अनियमितता के लिए ज़िम्मेवार पदाधिकारियों पर भी कार्यवाई नहीं हुई है।

आरोपी विपणन पदाधिकारी को ही भेजा जाता है जांच करनेः

शिकायतों की जांच करने के लिए विपणन् पदाधिकारी को भेजा जाता है, जो खुद इन गंभीर उल्लंघनों का हिस्सा हैं। कार्यवाई न होने के कारण दोषी डीलरों द्वारा बिना किसी अंकुश के लगातार गड़बड़ी की जा रही है। भूख और व्यापक कुपोषण वाले इस ज़िले में राशन की चोरी और अनियमितताओं के प्रति प्रशासनिक उदासीनता स्पष्ट रुप से दिखाई पड़ रही है। मौके पर मौजुद कई वक्ताओं ने बताया कि, जो ग्रामीण इन उल्लंघनों के विरुद्ध सवाल उठाते हैं, उन्हें डीलर व स्थानीय प्रशासन द्वारा विभिन्न तरीके से प्रताडित किया जाता है।

आक्रोशित लोगों ने धरने के अंत में निष्क्रिय और असंवेदनशील पदाधिकारियों जैसे ज़िला आपूर्ति पदाधिकारी व मार्केटिंग ऑफिसर का पुतला दहन किया। कार्यक्रम का संचालन बनमाली बारी, जयंती मेलगांडी, नारायण कांडेयांग व संदीप प्रधान ने किया। धरने को अजित कांडेयांग, अम्बिका यादव, बिरसा तियु, मानकी तुबिड, नन्दी जामुदा, पार्वती बालमुचू, पदमा देवी, रमेश जेराई, सिनी दोंगो, सिराज दत्ता व तुराम तामसोय समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया।

धरना-प्रदर्शन के बाद उपायुक्त को मांग पत्र सौंप कर निम्नलिखित मांग की गईः

1, ज़िला में राशन की कटौती पर पूर्ण रोक लगाया जाए।

2, लंबित शिकायतों पर त्वरित कार्यवाई करते हुए मुआवज़ा सहित बकाया राशन देना सुनिश्चित किया जाए।

3, दोषी डीलरों पर प्राथमिकी दर्ज कर उनका लाइसेंस रद्द किया जाए एवं दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध न्याय संगत कार्यवाई की जाए।

4, जिन परिवारों का राशन कार्ड डिलीट किया गया है, उन्हें अविलंब नया राशन कार्ड दिया जाए और बकाया राशन दिया जाए।

5, बिना कार्डधारी और ग्राम सभा के जानकारी के राशन कार्ड डिलीट करना बंद किया जाए।

6, अनेक कार्डधारियों को कच्चे कॉपी में दर्ज कर राशन दिया जाता है, क्योंकि उन्हे कार्ड नहीं दिया गया है। इन कार्डधारियों को अविलंब छपा कार्ड दिया जाए।

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