कभी डायन-बिसाही का आरोप लगा कर घर से किया गया था बेघर, इसी कुरिती के खिलाफ संघर्ष करते हुए मिला पद्मश्री अवार्ड…

0
5

रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

राँची: झारखंड में डायन-बिसाही के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली छुटनी देवी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया है। इस वर्ष पद्मश्री प्राप्त करने वाले 102 लोगों में झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले की रहने वाली छुटनी देवी भी शामिल है।  

65 वर्षीय छूटनी देवी की कहानी प्रताड़ना और संघर्षों से भरी हैं। छुटनी देवी को अपने ही परिवार में प्रताड़ना से गुजरना पड़ा। यह प्रताड़ना उन्‍हें डायन होने के नाम पर दी गई थी। लेकिन छुटनी देवी ने इस प्रताड़ना के खिलाफ संघर्ष करने की ठानी और आज उनका नाम झारखंड ही नहीं देश भर में डायन-बिसाही के खिलाफ संघर्ष करने वालों में सुमार है।

छुटनी देवी ने इस सामाजिक कुरिती के खिलाफ अपने बल पर लोगों को जागरूक करने का काम किया। पद्मश्री अवार्ड लेकर रांची पहुंचने पर छुटनी देवी का भव्य स्वागत किया गया। मौके पर छुटनी देवी ने कहा कि पद्मश्री अवार्ड पाकर मुझे जो महसूस हो रहा है, उसे शब्दों में ब्यां नही कर सकती हूं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में झारखंड के लिए और बेहतर काम करना है और इस कु-प्रथा को जड़ से समाप्त करना है। इस बीच उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से बीते हुए अच्छे पल की भी चर्चा मीडिया से की।

Leave A Reply

Your email address will not be published.