बीते 68 दिनों से आंदोलनरत्त ग्रामीणों को पत्थर माफिया ने दी धमकी, प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश, कभी भी हो सकती है कोई बड़ी घटना….

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रिपोर्ट- संजय वर्मा, राजू पाल….

बीते दो माह से धजवा पहाड़ के तलहटी में ग्रामीण कर रहे हैं क्रमिक अनशन।

अवैध पत्थर खनन के खिलाफ धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले किया जा रहा है आंदोलन

अवैध खनन करवाने वाले राजद नेता, सूरज सिंह ने अपने गुर्गों के साथ आंदोलन स्थल पर पहुंच कर दी आंंदोलनकारियों को धमकी।

पुरे मामले पर स्थानीय प्रशासन मौन, कभी भी हो सकती है कोई बड़ी घटना।

पलामूः संपूर्ण भारतवर्ष 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, लेकिन दूसरी तरफ पलामू जिला के पांडू प्रखंड स्थित बरवाही गांव के ग्रामीण, अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए इस कड़कड़ाती ठंड में हांथों में झंडा थामे बिते लगभग 70 दिनों से धजवा पहाड़ पर आंदोलनरत्त है। संविधान और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने के जिम्मेवार अधिकारी इस मामले पर मौन साधे हुए हैं। ऐसा प्रतित हो रहा है कि अवैध पत्थर खनन करने वाली कंपनी इन अधिकारियों के स्वार्थ की पूर्ति भरपुर कर रहा हैं, इसलिए संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने वाले अधिकारी भक्षक बन कर संवैधानिक अधिकारों का हनन होते हुए देख रहे हैं। 

धजवा पहाड़ के तलहटी पर लगभग दो माह पूर्व से आंदोलनरत्त आंदोलनकारियों को अवैध पत्थर खनन करवाने वाले राजद नेता, सूरज सिंह और उसके गुर्गों ने धरना स्थल पर पहुंच कर धमकी दी, जिससे पुरे कुटमू पंचायत के ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों की मानें तो अवैध खनन और फर्जी लिज रद्द करने की मांग को लेकर पांडू प्रखंड के ग्रामीण धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तल्ले लगातार लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन जांच में फर्जी खनन स्पष्ट होने के बावजुद जिला प्रशासन, खनन विभाग के अधिकारी, अंचलाधिकारी और पुलिस प्रशासन पुरी तरह मौन है। खनन माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है, जिसके कारन अवैध खनन करवाने वाले राजद नेता, सूरज सिंह का मनोबल इतना बढ़ गया है कि, अपने गुर्गों के साथ धरना में बैठे आंदोलनकारियों को जान मारने की धमकी दे रहे हैं। इससे स्पष्ट पता चलता है कि संबंधित विभाग के अधिकारियों की भी अवैध खनन कार्य में संलिप्तता है, इसलिए अवैध खनन करवाने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई नही कर रही हैं। अगर यही स्थिति रही तो यहां कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है और इसके लिए सीधे तौर पर जिला प्रशासन और संबंधित विभाग के अधिकारी जिम्मेवार होंगे।

संवेदक सूरज सिंह ने अपने गुर्गों के साथ आंदोलन स्थल पर पहुंच कर महिला, बुजुर्ग और बच्चों तक को दी धमकीः

क्रमिक अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों ने बताया कि, सोमवार को लगभग 4 बजे राजद नेता, सूरज सिंह लगभग 10-12 गुंडों के साथ धजवा पहाड़ की तलहटी में आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों के पास पहुंचे और आंदोलनकारियों को पहाड़ से हट जाने की धमकी दी। इस दौरान सूरज सिंह ने आंदोलन स्थल पर मौजूद बुजुर्ग, महिला और बच्चों को भी अपशब्द कहते हुए आंदोलन स्थल से उठा कर फेंक देने की धमकी दी।

संवेदक की धमकी से पांडू प्रखंड के लोगों में भारी आक्रोशः 

इस घटना से कुटमू पंचायत के साथ-साथ पुरे पांडू प्रखंड वासियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। मंगलवार की सुबह पुरे पांडू प्रखंड के लोग इस घटना की सूचना मिलने के बाद आंदोलन स्थल पर जमा हुए और जिला प्रशासन के साथ-साथ संबंधित विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किएं।  मौके पर मौजुद आंदोलनकारी ने कहा कि, पांडू प्रखंड के अंचलाधिकारी के लिखित दस्तावेज से यह स्पष्ट हो चुका है कि धजवा पहाड़ पर अब तक जो भी खनन हुआ है, वो सभी अवैध खनन है। क्योंकि खनन कंपनी को प्लॉट न. 1048 का लिज मिला ही नही है।

प्रशासन नहीं करती है संवेदक पर कार्रवाई, तो कभी भी हो सकती है बड़ी घटनाः 

बीते 16 दिसंबर 2021 को अनुमंडल पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी स्वयं धरना स्थल पर पहुंचे थें और आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया था कि, अंचलाधिकारी द्वारा अवैध खनन करने वाले संवेदक के ऊपर मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अब तक अंचलाधिकारी द्वारा संवेदक के उपर अवैध खनन करने का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि आंदोलनकारी लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन संवेदक सूरज सिंह और उसके गुर्गे धरना स्थल पर आकर आंदोलनकारी को धमकी दे रहे हैं, उन्हे अपशब्द कह रहे हैं। आंदोलनकारी संविधान पर विश्वास करते हैं, इसलिए लोकतांत्रिक तरीके सें आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की सह पर अगर इसी तरह आंदोलकारियों को धमकाया जाता रहा, तो आने वाले समय में स्थिति काफी विस्फोटक हो सकती है और इसके लिए दोषीदार सिर्फ और सिर्फ यहां का जिला प्रशासन, खनन विभाग के अधिकारी और स्थानीय पुलिस होगी।

आंदोलनकारियों की मांगः

धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति ने स्थानीय प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि, संवेदक एवं उसके सहयोगी गुंडों को धजवा पहाड़ स्थित आंदोलनस्थल पर आने से रोका जाए, उन पर कानून सम्मत कार्रवाई की जाए, अन्यथा संवेदक और ग्रामीण आंदोलनकारियों के बीच किसी भी तरह का तनाव उत्पन्न होता है, या यहां कोई घटना होती है, तो इसके लिए जिला प्रशासन, अंचलाधिकारी पांडू, और स्थानीय पुलिस प्रशासन जिम्मेवार होंगे।

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