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संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 मार्च 2021 को आहूत भारत बंद का माओवादी संगठन ने किया समर्थन.

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रिपोर्ट- ताजा खबर झारखंड ब्यूरो…

रांची- आगामी 26 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का आह्वान किया है, मोर्चा के इस आह्वान का सीपीआई माओवादी संगठन ने समर्थन किया है।

“बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी” के प्रवक्ता आजाद जी ने मीडिया में जारी अपने प्रेस ब्यान में कहा है कि, मोदी सरकार के किसान विरोधी तीन नई कृषि कानून के खिलाफ देश भर में चल रहे जुझारु किसान आंदोलन में भागीदारी निभा रहे समस्त किसानों व संगठनों को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(माओवादी) की बिहार-झारखंड स्पेशन एरिया कमेटी क्रांतिकारी अभिवादन के साथ लाल सलाम पेश करती है।

केन्द्र सरकार के तीन नयी कृषि कानून रद्द हो, इसके लिए देश भर में किसान आंदोलन करने का सिलसिला 26 नवंबर 2020 से लगातार जारी है। इसी कड़ी की अहम हिस्सा का उभार 21 दिसंबर 2020 को देखने को मिला, जहां अनुमानित 76000 ट्रैक्टर के साथ 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा किसान जनता शरीक होने वाला आंदोलन विश्व भर में चर्चित है। आज दुनिया के सामने ये भी स्पष्ट हो गया है कि तीन नई कृषि कानून रद्द हो, इसके अलावा देश के किसानों को और कुछ भी मंजुर नही है। कृषि कानून लागू करने का मक्सद बड़े उद्योगपत्तियों और व्यापारियों को फायदा पहुंचाना है। वहीं छोटे किसान, खेत मजदूर और छोटे व्यापारियों को कृषि से बाहर का रास्ता दिखाना है। मोदी सरकार जिसे किसानों की आजादी बता रही है, वह असल में बड़े पूंजी-बहुराष्ट्रीय निगमों, उद्योगपतियो, निर्यातकों और बड़े खुदरा व्यापारियों की आजादी है। केन्द्र सरकार की मंशा आढ़तियों के चंगुल से निकाल कर किसानों को आढ़तियों से भी बड़े पूंजीपतियों के चंगुल में फंसाने की है। इसलिए देश के किसान मोदी सरकार की कुटनीति को समझ चुके हैं और लोकतांत्रिक तरीके से किसान आंदोलन जारी रखे हुए हैं।

26 जनवरी 2021 को हुए ट्रैक्टर परेड में भाजपाईयों ने घुसपैठ कर दिल्ली के लाल किले में जमकर उत्पात मचाया। लाल किले पर झंडा लगाना, ट्रैक्टर रैली को हिंसक रुप देना, और फिर किसान नेताओं पर झुठे मुकदमें दर्ज करवाना ये सब मोदी सरकार के षडयंत्रकारी योजना का हिस्सा है। सरकार किसानों आंदोलन के खिलाफ पुलिस, कॉर्पोरेट मीडिया के माध्यम से जन भावना को किसान आंदोलन के खिलाफ भड़काना चाहती थी, लेकिन इसमें सफल नहीं हो सकी।

मोदी सरकार के इस काले करतूत की भाकपा(माओवादी) की बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी कड़े शब्दों में निंदा व भर्त्सना करती है। पार्टी आम लोगों से आह्वान करती है कि देशभर में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन व सहयोग में तीनों काले कानूनों को रद्द करने के लिए जोरदार संघर्ष करें। भाकपा(माओवादी) पार्टी संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत 26 मार्च 2021 के भारत बंद का समर्थन करते हुए आम जनता से सफल करने का आह्वाहन करती है।   

By taazakhabar

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