स्मार्ट सिटी परिसर में मुख्यमंत्री ने किया वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का शिलान्यास….

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी

रांचीः झारखंड से अब अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की राह आसान होगी, क्योंकि राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक नायाब पहल हो रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राजधानी रांची के कोर कैपिटल एरिया में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखी। शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अंतरराष्ट्रीय व्यापार, विशेषकर निर्यात संवर्धन से संबंधित तमाम गतिविधियां एक ही छत के नीचे से संचालित होंगी। यह सेंटर यहां की आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने में अहम रोल निभाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिजों से संपन्न राज्य है। यहां कोयला-लोहा से लेकर यूरेनियम तक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, इस वजह से यहां औद्योगिक गतिविधियां दशकों से चली आ रही है। टाटा, बिड़ला और डालमिया  समेत कई औद्योगिक व्यवसायिक समूह के उद्योग और कंपनियां यहां स्थापित है। देश के उद्योगों को खड़ा करने वाला और “मदर फैक्ट्री” के नाम से दुनिया में विख्यात एचईसी इसी रांची में है। इन उद्योगों को अब व्यापार-निर्यात से जुड़ी सारी सुविधाएं वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के माध्यम से देने की दिशा में राज्य सरकार ने कदम बढ़ा दिया है, अब ये कदम रुकेंगे नहीं, बल्कि अनवरत जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना सरकार की विशेष प्राथमिकताओं में शामिल है। यहां के ग्रामीण परिवेश में लोग विविध गतिविधियों में जुड़े हुए हैं। इन्हें आगे बढ़ाने की दिशा में कई योजनाओं को शुरू किया गया है। इस सिलसिले में महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा बनाए गए उत्पादों को पलाश ब्रांड के नाम से बाजार में लाया गया है। ये उत्पाद बड़े-बड़े मॉल और शॉपिंग काम्पलेक्स में मिल रहे हैं। पलाश ब्रांड का टर्नओवर एक हज़ार करोड़ रुपए सालाना करने के लक्ष्य के साथ सरकार काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में वन उत्पादों के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। अब तक यह देखने को मिला है कि, यहां के स्थानीय उत्पादों को बाजार नहीं मिलने की वजह से लोग काफी कम कीमत में बेच देते हैं। वहीं  दूसरे राज्यों की बड़ी-बड़ी कंपनियां इन उत्पादों को खरीद कर हमारे ही राज्य में महंगे मूल्य पर बेचने का काम कर रही हैं। सरकार ने इसे काफी गंभीरता से लिया है। अब यहां के वन एवं अन्य उत्पादों का सीधा फायदा उत्पादकों को मिले,  इस दिशा में सरकार कार्य योजना बना रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में बच्चे-बच्चियां रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन करती हैं। वहां इनका शोषण किया जाता है, ऐसे कई मामले हमारे सामने आ चुके हैं । बंधक बनाई गई कई बच्चियों को सरकार ने रिहा करा कर रोजगार से जोड़ने का काम किया है और कर रही है। रोजगार की खातिर यहां के ग्रामीणों का पलायन नहीं हो, उन्हें अपने ही घर में रोजगार मिले,  इस दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एग्रो फूड प्रोसेसिंग, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और तसर से लेकर कपड़ा उद्योग तक लगातार विस्तार हो रहा है, इससे यहां के युवक-युवतियों को काफी संख्या में रोजगार मिल रहा है । इस दिशा में बड़े उद्योगों के साथ छोटे, मध्यम और लघु उद्योगों को भी सहायता देने की दिशा में सरकार काम कर रही है। इसके अलावा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत अनुदान आधारित ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के शिलान्यास समारोह में जुडको और सिडबी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। इसके जरिए राज्य में औद्योगिक संरचना को विकसित करने और उद्योग लगाने वालों को सिडबी के द्वारा सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इस मौके पर पीएमएफएमआई योजना के तहत बीज पूंजी सहायता के लिए 515 लाभुकों को लगभग एक करोड़ 87 लाख रुपए की पूंजी दी गई।

  • वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अंतरराष्ट्रीय कारोबार से संबंधित सारी सुविधाएं एक ही परिसर में मिलेंगी।
  • इस सेंटर में व्यापार महानिदेशालय का क्षेत्रीय कार्यालय और भारतीय निर्यात परिषद् से जुड़े कार्यालय होंगे । इसके अलावा आयात-निर्यात से जुड़ी कंपनियों के लिए स्थान मुहैया कराया जाएगा। यहां करेंसी एक्सचेंज से लेकर मनी ट्रांसफर तक की सुविधाएं मिलेंगी।
  • वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से होगा। यह सेंटर 3.45 एकड़ भूमि में बनेगा, इसकी कुल परियोजना लागत 44.59 करोड़ होगी।
  • यहां अंतरराष्ट्रीय कारोबार करने वाली कंपनियों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन और उसके प्रचार-प्रसार के लिए भी जगह उपलब्ध कराया जाएगा।
  • वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में कृषि और खाद्य उत्पाद, वस्त्र, तसर उत्पाद तथा इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
  • वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण 2 सालों में पूरा होगा। यहां बहुउद्देशीय सम्मेलन कक्ष, सेमिनार हॉल, आयात निर्यात बैंक के अलावा कई और सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

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