नामकुम प्रखंड के राजाउलातु पंचायत में गेंदा फूल की बेहतरीन खेती, मांग इतनी कि किसान पूरा करने में असमर्थ….

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रिपोर्ट- संजय वर्मा

रांचीः एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन से चार-चार इंच साईज के गेंदा फूल….जी हां हम बात कर रहे हैं नामकुम प्रखंड के राजाउलातु पंचायत में हो रहे गेंदा फूल की खेती के बारे में। यहां उपजाए जा रहे गेंदा फूल की डिमांड, बाजार में इतनी है कि किसान मांग पुरा करने में असमर्थ हैं।

डेविड 1980 से कर रहे हैं गेंदा फूल की खेतीः

राजाउलातु पंचायत के किसान डेविड लकड़ा, सन 1985 से हर वर्ष गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं। गेंदा फूल की खेती करने में डेविड लकड़ा महारथ हांसिल कर चुके हैं। इनके खेतों में गेंदा फूल की साईज 3 से 4 इंच तक की होती है। डेविड बताते हैं कि मुझे गेंदा फूल की खेती करता देख आसपास के किसानों ने फि गेंदा फूल की खेती शुरु की, लेकिन वे लोग ज्यादा दिनों तक फूल की खेती को जारी नही रख सकें। डेविड बताते हैं कि पौधा बाहर से मंगाया जाता है और देखभाल में भी काफी ध्यान देने की जरुरत पड़ती है। दूसरे किसान सही तरीके से पौधों की देखभाल नही कर पाते हैं, जिसके कारन उनके खेत में फूलों की साईज काफी छोटी रह जाती है, जिसके कारन उन्हें ज्यादा मुनाफा नही हो पाता है, इसलिए कुछ किसानों ने गेंदा फूल की खेती छोड़ दी है।

मांग पुरा नही कर पा रहे हैं डेविडः

डेविड बताते हैं कि इस वर्ष मैंने लगभग एक एकड़ जमीन पर गेंदा फूल की खेती की है। इसे तैयार होने में ढ़ाई माह का समय लगा है। फूलों की साईज देख कर काफी ऑर्डर आया है, लेकिन हम लोग पुरा नही कर पा रहे हैं। डेविड ये भी बताते हैं की मेरे खेत से छठ महापर्व तक फूलों की सप्लाई होते रहेगी। इस वर्ष एक एकड़ से मुझे 1 से डेढ़ लाख तक का मुनाफा हो सकता है। क्योंकि बाजार में बड़े साईज के गेंदा फूल की मांग काफी बढ़ी है।

फूल कारोबारियों को वापस लौटना पड़ रहा हैः

डेविड की मानें तो गेंदा फूल का साईज बड़ा होने के कारन कई फूल के कारोबारी इनके खेत में फूल खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन अब डेविड नया ऑर्डर लेने के लिए तैयार नही हैं, क्योकि पूर्व में लिया गया ऑर्डर ही पुरा करने में डेविड असमर्थ है। इस वर्ष फूलों की मांग को देखते हुए डेविड काफी उत्साहित हैं और अगर वर्ष ज्यादा जमीन पर गेंदा फूल की करने की बात कह रहे हैं।

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